सरकार किसानों के खाते में डाल रही पैसे, 30 जून से पहले करें आवेदन

Meri Fasal Mera Byora: हरियाणा में धान की खेती करने की वजह से भू-जल स्तर कम हो रहा है. यही वजह है कि प्रदेश सरकार किसानों को धान की खेती छोड़ने पर सब्सिडी मुहैया करा रही है। जानें योजना के बारे में विस्तृत जानकारी...
 

HR Breaking News, New Delhi: भूजल का अत्याधिक दोहन के कारण यह दिनों दिन लगातार कम हो रहा है। कई इलाके तो खतरे के श्रेणी में चल रहे हैं। हरियाणा सरकार विभिन्न प्रकार की योजना को चलाकर भूजल को बचाने का प्रयास कर रही है। सबसे ज्यादा भूजल का दोहन धान की खेती के लिए होता है।

 

 

सरकार किसानों को धान के अलावा दूसरी फसलों की खेती की ओर प्रोत्साहित कर रही है। सरकार उन फसलों की ओर किसानों को खेती करने के बारे में  कह रही है, जिसमें पानी की लागत  बेहद कम होती है। सरकार इसके लिए किसानों को सब्सिडी भी प्रदान करती है।

 


हरियाणा के किसानों के लिए प्रदेश सरकार ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ चलाती है. इस योजना के तहत उन किसानों को लाभ मिलता है, जो धान की खेती नहीं करते हैं. दरअसल, प्रदेश में धान की खेती करने की वजह से भू-जल स्तर कम हो रहा है. यही वजह है कि सरकार किसानों को धान की खेती छोड़ने पर सब्सिडी मुहैया करा रही है. जी हां, हरियाणा सरकार ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ के तहत किसानों को धान की खेती को छोड़कर दूसरी फसलों की खेती करने पर सब्सिडी देती है.

 

 

 

योजना का उद्देश्य क्या है?

  • राज्य के भू-जल स्तर को बढ़ाना
  • जल का संरक्षण और सदुपयोग करना
  • धान की खेती की जगह दूसरी फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित करना

 

किन किसानों को मिलता है योजना का लाभ ?

मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो धान और बाजरा की जगह अन्य फसलों की खेती करेंगे
यही नहीं उन किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा, जो अपनी खेतों को खाली रखेंगे.

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किसानों को कितना मिलता है अनुदान राशि ?


कृषि विभाग किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 7 हजार रुपये मुहैया कराती है. हालंकि इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा धान की सीधी बुवाई करना भी है. ऐसे में किसानों को धान की सीधी बुवाई करने पर भी 4000 रुपये की मदद दी जाती है.

आवेदन की आखिरी तारीख 30 जून

राज्य के जो किसान भाई इस योजना के लिए पात्र है और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल (https://fasal.haryana.gov.in/ ) पर रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है. आवेदन की आखिरी तारीख 30 जून निर्धारित की गई है.