Monsoon 2022 यूपी दिल्ली सहित हरियाणा से मानसून ने ली विदाई, जानिए आगे कैसा रहेगा मौसम
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,Monsoon 2022: देश की राजधानी दिल्ली में मानसून 2022 के पौने तीन महीने का सफर समाप्त हो गए हैं। झमाझम बारिश नहीं हो रही है। कुछ ऐसी ही स्थिति यूपी, हरियाणा की भी है। इस बीच मौसम विज्ञानियों का कहना है कि उत्तर भारत में मानसून की सक्रियता कम है।
इसके साथ ही आने वाले दिनों में भी इसकी कोई खास संभावना हाल फिलहाल नजर नहीं आ रही है। सितंबर के दूसरे व तीसरे हफ्ते से मानसून 2022 की विदाई भी शुरू हो जाएगी। बावजूद इसके बरसात का आलम यह है कि पूर्वी जिले को छोड़ अन्य सभी जिलों में 11 से 54 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
उत्तर पूर्वी जिले में सर्वाधिक बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बरसात की सबसे अधिक कमी उत्तर पूर्वी और पश्चिमी जिले में बनी हुई है। यहां सामान्य से 54 प्रतिशत और 55 प्रतिशत कम बरसात हुई है। पूर्वी जिला मौसम विभाग के नौ जिलों में सबसे अधिक बारिश वाली जगह है। इस जिले में सामान्य से 24 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में बने बादल
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मानसून ट्रफ का रुख पूर्वी जिले की तरफ अधिक रहा है। वहीं हवाओं एवं नमी की वजह से भी वर्षा वाले बादल पूर्वी जिले में ही ज्यादा बन रहे हैं।
दूसरी तरफ इस साल मौसमी परिस्थितियां भी दिल्ली के ज्यादा अनुकूल नहीं रही। इसीलिए दिल्ली एनसीआर में बहुत ज्यादा बरसात नहीं हुई। चिंताजनक यह कि आगे भी इस स्थिति में सुधार के आसार नजर नहीं आ रहे।
आने वाले दिनों में भी मानसून करेगा निराश
महेश पलावत (उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन), स्काईमेट वेदर) का कहना है कि इस बार बंगाल की खाड़ी में जितने भी कम दबाव वाले क्षेत्र बने, वे सभी मध्य भारत की तरफ बने, इसलिए ज्यादा बरसात भी मध्य भारत के हिस्सों में ही हो रही है जबकि उत्तर भारत की तरफ इसका कोई असर आ ही नहीं रहा। आने वाले दिनों में भी इसकी कोई खास संभावना हाल फिलहाल नजर नहीं आ रहा।
भूजल स्तर प्रभावित होने के आसार
यहां पर बता दें कि मानसून को दिल्ली-एनसीआर में दस्तक दिए तकरीबन दो महीने होने जा रहे हैं, लेकिन लोगों को अब भी झमझम बारिश का इंतजार है। पूरा सावन बीत गया, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के लोग तेज बारिश को तरसते रहे। वहीं, वैज्ञानिकों के मुताबिक, बारिश नहीं होने का असर भूजलस्तर पर भी पड़ना तय है।
गौरतलब है कि इस साल दिल्ली और एनसीआर में 30 जून को मानसून ने दस्तक दी थी, इसके बाद लगातार 3 दिन तक बारिश हुई थी। बीच-बीच में हल्की-फुल्की बारिश तो हुई लेकिन तेज बारिश का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है।