Festive Discount- फेस्टिव सीजन में कंपनियां दे रही बड़े डिस्काउंट, जल्दी करें खरीदारी
 


आने वाले त्योहारी में अगर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए शानदार है। कंपनियां आपको बड़े ऑफर्स देने की तैयारी में हैं। कंपनियां डिमांड बढ़ाने के लिए अपना खर्च बढ़ा रहे हैं।    

 

HR Breaking News, Digital Desk- आने वाले त्योहारी में अगर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए शानदार खबर है. रियलमी, शाओमी जैसी दिग्गज कंपनियां आपको बड़े ऑफर्स देने की तैयारी में हैं. कंपनियां डिमांड बढ़ाने के लिए अपना खर्च बढ़ा रहे हैं.

Realme ने मंगलवार को ऐलान किया कि इस पूरे त्योहारी सीजन में 2700 करोड़ रुपये का डिस्काउंट ऑफर करेगी. पिछले साल कंपनी ने 500 करोड़ रुपए खर्च किए थे. अधिकारियों ने कहा कि सैमसंग और शाओमी पिछले साल की तुलना में मोबाइल फोन मार्केट में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच खर्च में काफी इजाफा करने जा रहे हैं.


फेस्टिव सीजन से पहले कंपनियों ने शुरू की तैयारी-


इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड हायर इस त्योहारी सीजन में विज्ञापन और प्रचार पर 100 करोड़ खर्च करने जा रहा है, जबकि एप्लायंस इंडस्ट्री मार्केट लीडर एलजी इंडिया पिछले साल की तुलना में त्योहारी खर्च में 20 से 25% का इजाफा कर रहा है.

एलजी इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट दीपक बंसल ने कहा कि मांग बढ़ने की उम्मीद होने के कारण इस साल फेस्टिव सीजन बेहद महत्वपूर्ण है. हायर इंडिया के प्रेसीडेंट सतीश एनएस ने कहा कि कंज्यूमर को बढ़ावा देने और मार्केटिंग पर अपने बड़े खर्च के साथ सेल्स को रिवाइव करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे. अच्छे बिजनेस की उम्मीद में इन्वेंटरी तैयार की जा रही है.


ग्राहकों को मिलेंगे तगड़े ऑफर-


कंपनियां कीमतों में भारी गिरावट और कैशबैक ऑफर कर रही हैं. उदाहरण के लिए Bosch and Siemens कंज्यूमर के लिए अपग्रेड ऑफर पेश करेगी. जबकि रियलमी ने कहा कि वह स्मार्टफोन पर 10,000 और electronics product पर 12 हजार रुपए तक की छूट देगा.

महंगाई, कपड़ों की खरीदारी, बाहर खाने, वैकेशन में खर्च बढ़ने जैसी वजहों से फरवरी से स्मार्टफोन, टीवी और मई से घरों में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की डिमांड धीमी हो गई है.

बता दें कि भारत का कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक मार्केट का आकार 2030 तक 124.94 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है और 2022 से 2030 तक इसके 6.5% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है.