Delhi वाले वाहन चालक हो जाएं सावधान, अब उठाई जाएंगी ये गाड़ियां

Delhi - दिल्ली वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर। आपको बता दें कि ये खबर वाहन चालकों के अलर्ट के लिए है। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि परिवहन विभाग की टीमों ने ऐसे वाहनों को घरों के बाहर से उठाने का अभियान तेज कर दिया है।
 

HR Breaking News, Digital Desk- अगर आप भी दिल्ली में रहते हैं और आपके पास भी 10 से 15 साल पुरानी कार और बाइक हैं तो अब सावधान हो जाएइ। परिवहन विभाग की टीमों ने ऐसे वाहनों को घरों के बाहर से उठाने का अभियान तेज कर दिया है।

दिल्ली में 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को अब तेजी से हटाया जा रहा है। परिवहन विभाग के निर्देश पर इन वाहनों को जब्त किया जा रहा है, लेकिन कुछ हिस्सों में गलत तरीके से वाहनों को जब्त करने की भी शिकायतें बढ़ रही हैं। बाहरी दिल्ली में ज्यादा समस्या है, जहां खाली प्लॉट में खड़ी गाड़ियों को भी उठाया जा रहा है। इसको लेकर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने विरोध जताया है।

स्कूल एकता ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रामचंद्र का कहना है कि रोहिणी में उनके एक परिचित की गाड़ी को खाली प्लॉट से उठाया गया। उनका घर प्लॉट के बराबर में ही था। जब मौके पर विरोध किया तो परिवहन विभाग की इंफोर्समेंट यूनिट के लोग गाड़ी छोड़कर चले गए। वहीं, रोहिणी निवासी रविंद्र का कहना है कि उनकी एक गाड़ी 10 वर्ष पूर हो गए, जिसमें सिंघु बॉर्डर के नजदीक अपने भाई के प्लॉट में खड़ा किया था। वहां परिवहन विभाग और एजेंसी के लोग पहुंचे और गाड़ी को क्रेन से उठाकर ले जाने लगे। विरोध किया तो गाड़ी छोड़कर चले गए। परिवहन मंत्री का कहना है कि किसी के घर में अगर पुराना वाहन खड़ा है तो उसे नहीं उठाया जाएगा तो ऐसे में प्लॉट में खड़े वाहनों को भी नहीं उठाया जाना चाहिए।

57 लाख वाहनों की मियाद खत्म

दिल्ली-एनसीआर में एनजीटी ने जुलाई 2016 में 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल (petrol) वाहनों पर प्रतिबंध लगाया था। वर्ष 2021 के बाद से दिल्ली का परिवहन विभाग अवधि पूरी कर चुके वाहनों को तेजी से हटा रहा है। हर महीने उन वाहनों का पंजीकरण भी निरस्त किया जा रहा है, जो इस अवधि को पूरा कर चुके हैं। राजधानी में करीब 57 लाख वाहन अपनी अवधि पूरी कर चुके हैं। परिवहन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि अवधि पूरी कर चुके वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अगर सख्ती से कार्रवाई न की जाए तो इन वाहनों को निकालना मुश्किल हो जाएगा।