7th Pay Commission latest update - केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, सरकार ने प्रोविडेंट फंड को लेकर जारी किए नए नियम  
 

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है. सरकारी कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड को लेकर अब नया नियम जारी हो गया है. सरकार ने GPF के निवेश पर सीलिंग लगा दी है. अब एक फाइनेंशियल ईयर में 5 लाख रुपए तक का ही निवेश करने की छूट होगी. आइए निचे खबर में जानते है पूरी जानकारी। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है. उनके रिटायरमेंट फंड से जुड़े एक नियम में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. DoPPW के ऑफिस मेमोरेडम के मुताबिक, सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (General Provident Fund) के नियम में बड़ा बदलाव किया है. अगर आप या आपके घर में कोई सरकारी कर्मचारी हैं तो ये बदलाव आपको जरूर जानना चाहिए. नए नियमों के तहत अब GPF में निवेश की सीमा तय कर दी गई है. 

5 लाख रुपए तय की गई सीलिंग-


केंद्र सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) के निवेश पर सीलिंग लगाई है. नए नियम के मुताबिक, अब कोई भी सरकारी कर्मचारी GPF में सिर्फ 5 लाख रुपए तक जमा कर सकेगा. ये लिमिट एक वित्त वर्ष के लिए होगी. बता दें, जीपीएफ में सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी निवेश करते हैं. ये एक तरह की वॉलेंटरी स्कीम है, जो PPF की तरह काम करती है. इसमें निवेश पर 7.1 फीसदी का ब्याज (GPF Interest rate) मिलता है. 

अब तक नहीं थी कोई सीलिंग-

डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेल्फेयर (DoPPW) ने ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक, GPF (सेंट्रल सर्विस) नियम 1960 के तहत अकाउंटहोल्डर का जीपीएफ योगदान कुल वेतन का 6 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए. अब तक GPF में पैसा डालने के लिए कोई लिमिट नहीं थी. कर्मचारी अपनी सैलरी का एक फीसदी अमाउंट इसमें जमा कर सकते थे. लेकिन सरकार ने अब एक वित्त वर्ष में 5 लाख रुपए की अधिकतम सीमा लगा दी है. 


PPF की तरह सरकारी कर्मचारियों के लिए GPF-


बता दें कि पीपीएफ की तरह सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक तय हिस्सा जनरल प्रोविडेंट फंड में जमा कर सकते हैं. यह पैसा रिटायरमेंट के समय खाताधारक को लौटाया जाता है. GPF में जमा पैसे पर ब्याज मिलता है. इसे पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन के अंतर्गत मैनेज किया जाता है.

क्या होता है GPF?


जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) अकाउंट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है. यह एक तरह की रिटायरमेंट फंड स्कीम है. सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का 15 फीसदी तक GPF खाते में योगदान कर सकते हैं. इस खाते का 'एडवांस' फीचर सबसे खास है. इसमें कर्मचारी जरूरत पड़ने पर GPF खाते से तय रकम निकाल सकता है और बाद में उसे जमा कर सकता है. इस पर कोई टैक्स नहीं लगता. सरकार ने GPF की ब्‍याज दर 7.1 फीसदी तय की है. ब्याज का कैलकुलेशन तिमाही आधार पर किया जाता है. सरकार GPF में अपनी तरफ से कोई योगदान नहीं करती, इसमें सिर्फ कर्मचारी का योगदान होता है.