Haryana Police अब रास्ते में गाड़ी खराब होने पर आपको घर छोड़गी पुलिस की इनोवा गाड़ी, नहीं चलेगा कोई बहाना
 

अगर आप कहीं जा रहे है या रात को घर वापिस जाने के दौरान आपकी गाड़ी खराब हो जाती है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अब रास्ते में गाड़ी खराब होने पर आपको पुलिस की इनोवा गाड़ी सुरक्षित घर पहुंचाने का काम करेगी। पुलिस के पास फोन करने पर भी कोई बहाना नहीं चलेगा।
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, हरियाणा सरकार बड़े बदलाव कर डायल-112 को और प्रभावी बनाने जा रही है। योजना में नई विशेषताएं जोड़ने का काम शुरू हो गया है, इस साल के अंत तक इन्हें लागू कर दिया जाएगा। सितंबर-अक्तूबर से ट्रायल चलेगा। रास्ते में गाड़ी खराब होने पर घबराने की जरूरत नहीं होगी, डायल-112 पर फोन करें, पुलिस की इनोवा घर तक छोड़ेगी। 


कॉल आने पर पुलिस थाने, जिले की सीमा या क्षेत्राधिकार का कोई बहाना नहीं चलेगा। पुलिस विभाग के एडीजीपी आधुनिकीकरण और आईटी एएस चावला इस पर काम कर रहे हैं। डायल-112 की गाड़ियों को हाईवे पर बिना किसी कॉल के 70 से अधिक स्पीड पर नहीं भगा सकेंगे। 


अपराधियों, असामाजिक तत्वों का पीछा करने पर ही सौ की स्पीड में चलने की अनुमति होगी। बेवजह सौ की स्पीड से चलने पर गाड़ियों में अलार्म बजना शुरू हो जाएगा। गाड़ी में लगे स्पीकर में यह संदेश आएगा कि बिना किसी काम के इतनी तेजी से क्यों चल रहे हैं।

अंधाधुंध स्पीड से दौड़ने पर गाड़ियों का पूरा रिकॉर्ड परियोजना मुख्यालय में दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को भी जाएगा। बार-बार आदेशों की अवहेलना करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई भी होगी। गाड़ी अगर एक स्थान पर काफी समय से खड़ी है, तो गश्त करने का अलर्ट आएगा। हर कॉल पर मौके पर पहुंचना होगा, बेशक शिकायत शरारतपूर्ण ही क्यों न हो। 


जानकर बदनीयती करने वालों को दंडित करेंगे : चावला
एडीजीपी एएस चावला ने कहा कि डायल-112 की कमियों को दूर करने जा रहे हैं। गृह मंत्री अनिल विज और प्रदेश सरकार को नए बदलावों के बारे में बताया जा चुका है। कमियां दूर करने के साथ जानकर बदनीयती करने वाले को दंडित भी किया जाएगा। 

97 फीसदी शिकायतें ठीक होती हैं, 3 फीसदी शिकायतें ही अभी तक शरारतपूर्ण पाई गई हैं। अब सरकार शरारत करने वाले के लिए भी दंड का प्रावधान करने जा रही है। गाड़ियों पर तैनात स्टाफ को साफ हिदायत है कि शिकायतकर्ता के साथ ठीक से बातचीत करें। चूंकि, दाल में नमक ज्यादा डालने की शिकायतें तक भी आती हैं।

क्यों पड़ी डायल-112 की जरूरत
-100 नंबर पर अधिकांश फोन नहीं उठते थे
-फोन उठाने पर बातचीत का लहजा ठीक नहीं
-घटनास्थल पर देरी से पहुंचना
-सीमा से बाहर, थाना क्षेत्र न होने का बहाना

सभी शिकायतों पर पहुंचने का रिकॉर्ड 
कॉल आते ही डायल-112 की गाड़ियों का शत-प्रतिशत जगह पहुंचने का रिकॉर्ड है। मौके पर पहुंचकर यह देखा जाता है कि शिकायत घरेलू तरह की है या मामला आपराधिक है। उसके आधार पर अगली कार्रवाई की जाती है। शहर में 10-15 मिनट और गांवों में 20 से 30 मिनट पर गाड़ियां मौके पर पहुंचती हैं।