Indian Railway: रेल यात्रियों के लिए रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, लोको पायलट पर भी रखी जाएगी नजर
HR Breaking News, Digital Desk- जल्द ही हवाई जहाज की तरह रेलवे इंजन के क्रू की भी हर गतिविधि रिकॉर्ड हो सकेगी. इसके साथ ही चलती ट्रेन के सामने रेल ट्रैक पर भी तीसरी आंख की नजर रहेगी. पश्चिम मध्य रेल (West Central Railway) के 55 लोको यानी इंजन में क्रू वॉइस और विडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम (Video Recording System) लगाया जा चुका है. सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक रेल प्रशासन के लिए यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है. रेलगाड़ियों और माल के सुरक्षित परिवहन के लिए रेलवे विभिन्न आधुनिक उपायों को अपनाती रही है.
ट्रैक पर भी रहेगी नजर-
सीपीआरओ ने बताया कि, अब इंडियन रेलवे द्वारा रेल इंजनों पर भी नजर रखी जाएगी. इसके तहत रेल इंजनों में अंदर सीसीटीवी कैमरे (क्रू वॉइस एवं विडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम) लगाए जा रहे हैं, जिससे रेल संचालन के दौरान लोको पायलट और सहायक लोको पायलट पर नजर रखी जा सकेगी. इसके साथ ही इंजन के सामने भी सीसीटीवी कैमरा लगाया जा रहा है. इससे चलती ट्रेन के सामने आने वाले ट्रैक पर भी रेलवे के तीसरी आंख की नजर होगी.
सीपीआरओ श्रीवास्तव कहते है कि इससे ट्रेन के आगे आने वाले अवरोध और ओएचई या सिग्नल आदि की भी जानकारी रेल प्रशासन को मिलती रहेगी. टेक्नोलॉजी की मदद से रेलगाड़ियों की अधिकतम संरक्षा सुनिश्चित होगी.
इस काम में करेगी मदद-
प्रत्येक इंजन में कुल 6/8 आई पी बेस्ड डिजिटल सीसीटीवी कैमरे, 8 चैनल का एनवीआर और 4 टीबी की हार्ड डिस्क लगाई जा रही है. कैमरों में माइक्रोफोन इनबिल्ट है जिससे वॉइस रिकॉर्डिंग भी हो सकेगी. 2/4 कैमरे इंजन की छत पर आगे और पीछे लगाए जाएंगे और दो कैमरे केबिन-1 और 2 कैमरे केबिन-2 में लगाए जाएंगे. इससे ड्राइवर और असिस्टेंट ड्राइवर के वीडियो और ऑडियो की रिकॉर्डिंग होगी. दुर्घटना होने की स्थिति में यह जांच में बहुत ही सहायक होगी.
बताया जा रहा है कि इंजन में कैमरे लगाने से ओएचई और रेलवे ट्रैक के साथ ही ड्राईवरों की सजगता की भी मॉनिटरिंग होती रहेगी. किसी भी अप्रिय या आपातकालीन स्थिति में यह कारण को जानने और सबूत के तौर पर सहायक सिद्ध होगें.
नाइट विजन का प्रावधान-
यह सीसीटीवी कैमरे आई पी बेस्ड होंगे, ताकि रिमोट मॉनिटरिंग की जा सके. इनकी रिकॉर्डिंग को डिलीट नहीं किया जा सकेगा. वीडियो का डाटा 90 दिनों तक सुरक्षित रहेगा जो कि फर्स्ट इन फर्स्ट आउट (FIFO) की तर्ज पर काम करेगा. यह सिस्टम ठंड-गर्मी सभी मौसम में बेहतर काम करेगा. इसे माइनस 10 डिग्री से 55 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के अनुसार डिजाइन किया गया है, ताकि हर मौसम में बेहतर गुणवत्ता मिलती रहे. साथ ही इसमें नाइट विजन का प्रावधान है जो कम लाइट में भी काम करता है.
यहां हो रहा काम-
इटारसी लोको शेड, न्यू कटनी जंक्शन लोको शेड और तुगलकाबाद लोको शेड पर इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य किया जा रहा है. पश्चिम मध्य रेल के 55 लोको में क्रू वॉइस और विडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाया जा चुका है, जिसमें इटारसी लोको शेड में 20, न्यू कटनी जंक्शन लोको शेड में 13 और तुगलकाबाद लोको शेड में 22 इंजनों में यह सुविधा उपलब्ध कराई गई. सिस्टम चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा दिया जा रहा है. जल्द ही पश्चिम मध्य रेल के 445 अन्य लोको में भी यह सिस्टम लगाया जायेगा.