Old Pension Scheme : राज्य सरकार भी लागू नहीं कर पाएगी पुरानी पेंशन, केंद्र ने दिया ये जवाब

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकार की कर्मचारियों का एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) का पैसा लौटाने की मांग को खारिज कर दिया है. अशोक गहलोत ने बीते दिनों सीतारमण को एक पत्र लिखा था जिसका जवाब वित्त मंत्री ने दिया है. आइए नीचे खबर में जाने इस मामले को विस्तार से.

 

HR Breaking News, Digital Desk- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के खाते में जीत डालने वाली ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के राजस्थान में जमीन पर उतरने को लेकर लगातार संकट बढ़ता जा रहा है. गहलोत सरकार की 2023 विधानसभा के लिए महत्वकांक्षी योजना ओपीएस को केंद्रीय वित्त सचिव के बाद अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी झटका दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक सीतारमण ने गहलोत सरकार की कर्मचारियों का एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) का पैसा लौटाने की मांग खारिज कर दी है.

मालूम हो कि इस संबंध में सीएम अशोक गहलोत ने बीते दिनों सीतारमण को एक पत्र लिखा था जिसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा है कि कानूनी रूप से यह राशि कर्मचारियों की है ऐसे में इसे सरकार को नहीं दिया जा सकता है. बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार की इस लड़ाई के अब प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी फिर असमंजस में पड़ गए हैं.


वहीं इससे पहले केन्द्रीय वित्त आयोग के चेयरमैन एन.के. सिंह ने ओपीएस को देश की अर्थव्यवस्था और प्रदेश की वर्तमान हालत के लिए अन्यायपूर्ण बताया था. सिंह ने कहा था कि वह इस विषय में सभी राज्य सरकारों को कड़ी आपत्तियों के साथ चेतावनी पत्र भी भेज रहे हैं. इसके अलावा हाल में हुई आयोग की बैठक में ओपीएस को लेकर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की थी. वहीं बीते दिनों नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने भी योजना को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे.


राज्य सरकार ने केंद्र को क्या कहा ?


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआरडीए पर बहस के दौरान बनी लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में राज्य सरकार ने लिखा कि लेबर यूनियन और कर्मचारी संघ एनपीएस के विरोध में हैं और एनपीएस में पेंशन राशि बेहद कम मिल रही है जिसके कारण कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. वहीं समाज में सरकारी नौकरी को तवज्जो देने की एक बड़ी वजह पेंशन और सामाजिक सुरक्षा थी जो अब युवाओं में कम हो रही है.

सरकार ने केंद्र को बताया कि ज्यूडिशियरी में सामाजिक सुरक्षा के लिए ओपीएस को ही लागू रखा गया है और आर्मी, नेवी, एयरफोर्स में भी ओपीएस है इसलिए राज्य सरकार ने भी ओपीएस बहाल करने का निर्णय लिया है.

वहीं गहलोत सरकार ने कहा कि अभी तक 1 जनवरी 2004 से नौकरी लगकर रिटायर हो चुके 238 मामलों में ओपीएस का लाभ मंजूर किया जा चुका है और सातवीं अनुसूची के मुताबिक राज्य सूची की बिन्दु संख्या 42 कहती है कि स्टेट पेंशन पर राज्य को कानून बनाने का अधिकार है.

केंद्र ने दिया गहलोत सरकार को झटका-


वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने जवाब में लिखा है कि राज्य सरकार ने जनवरी 2004 में अपने कार्मिकों के लिए एनपीएस का विकल्प चुना है लेकिन 2010 में प्रदेश-एनपीएस ट्रस्ट के बीच समझौते में लिखा है कि राज्य सरकार पीएफआरडीए/एनपीएस ट्रस्ट के सभी निर्देशों का अनुपालन करेगी ऐसे में यह राशि कर्मचारियों की है जिसे अब नियोक्ता यानि सरकार को नहीं लौटाया जा सकता है.