हरियाणा में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लगेगा ताला, नए सत्र से दाखिले पर रोक
 

हरियाणा में अस्‍थाई मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूल बंद हो सकते हैं। पानीपत में करीब 50 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ते हैं हजारों बच्चे। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने जिला उपायुक्तों को पत्र लिख दिए दाखिले नहीं होने देने के निर्देश।
 

पिछले कई सालों से अस्थाई मान्यता से चलते आ रहे निजी स्कूलों को लेकर खबर है। स्कूल शिक्षा निदेशालय के निर्देश से उक्त निजी स्कूलों पर ताला लटकने का संकट आ सकता है। क्योंकि स्कूल शिक्षा निदेशालय ने उक्त निजी स्कूलों में नए शिक्षा सत्र 2022-23 में बच्चों के दाखिला नहीं होने देना सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसको लेकर निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिख निर्देश दिए हैं।

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गौरतलब है कि प्रदेश में 3200 के करीब निजी स्कूल गैर मान्यता प्राप्त थे, जिनमें से 1962 स्कूलों को मानक पूरा करने के बाद स्थाई मान्यता दी जा चुकी है। बाकी 1338 स्कूलों को मानक पूरा करने के लिए हर साल अस्थाई मान्यता दी जा रही है।

लेकिन अब स्कूल शिक्षा निदेशालय ने उक्त स्कूलों को लेकर सख्ती दिखाई है। सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिख नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 में अस्थाई मान्यता वाले निजी स्कूलों में बच्चों के दाखिला नहीं होने देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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निदेशालय ने लिखा है कि जिला उपायुक्त की कमेटी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से यह तय करेगी कि जिले में अस्थाई मान्यता वाले किसी भी निजी स्कूल में नए शैक्षणिक सत्र के दौरान किसी बच्चे का दाखिला न हो। केवल स्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में ही बच्चों के दाखिले होंगे।

निदेशालय के उक्त फैसले से जिले में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के बंद होने के बादल मंडराने लगे हैं। जिले में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या 50 के करीब है। जहां हजारों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।


गैर मान्यता प्राप्त स्कूल भी चल रहे

जिले में स्थाई मान्यता निजी स्कूलों के साथ अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल भी चल रहे हैं। परंतु कुछ स्कूल भी ऐसे हैं। जो बगैर मान्यता के विभागीय अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहे हैं। उच्चाधिकारियों के आदेश पर स्थानीय अधिकारी वैसे तो उक्त स्कूलों को कागजों में बंद भी करा चुके हैं। जिले में उक्त स्कूलों की संख्या दर्जनों में है। गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में हाल में भी कक्षाएं लग रही है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का दाखिला स्थाई व अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में कराया जाता है।

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वर्तमान शैक्षणिक सत्र को लेकर ही अनुमति दी थी

जिला शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार का कहना है कि शिक्षा निदेशालय ने अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को सिर्फ वर्तमान शैक्षणिक सत्र को लेकर ही अनुमति दी है। नए शैक्षणिक सत्र में उनमें दाखिले संबंधित निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों भारी में जानकारी नहीं है। अअगर ऐसे निर्देश जारी हुए हैं तो उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा।