हरियाणा में भष्ट्राचार पर लगेगी रोक, विभागीय मामलों की ये अफसर करेंगें जांच

अनुसूचित जाति से संबंधित कर्मचारियों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए हरियाणा सरकार ने पांच सदस्यीय आंतरिक शिकायत निवारण समिति बनाई है।
 

हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों-कर्मचारियों की जांच कराने के लिए वरिष्ठ सेवानिवृत्त अफसरों की नियुक्तियां कर दी हैं। आईएएस, सेशन जज व एचसीएस को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये आरोपों का शिकार प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की विभागीय जांच करेंगे।

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मुख्य सचिव संजीव कौशल ने हरियाणा सिविल सर्विसेज (सजा एवं अपील) नियम-2016 के तहत 18 सेवानिवृत्त अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा है। जिन सेवानिवृत्त अधिकारियों को जिम्मेदारी मिली है, उनमें पूर्व आईएएस एमके मिड्डा, पूर्व संयुक्त निदेशक विजय कुमार वर्मा, पूर्व अतिरिक्त सेशन जज ओपी गर्ग, पूर्व आबकारी एवं कराधान आयुक्त केएस अरोड़ा, पूर्व आईएएस डीडी गौतम, पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी भसीन, पूर्व आईएएस एचपी चौधरी, पूर्व आईएएस बलवान सिंह, पूर्व आईएएस ओपी लांग्यान, पूर्व एचसीएस वीजी गोयल, पूर्व एचसीएस रोशन लाल, पूर्व आईएफएस कृष्ण लाल, पूर्व आईआएएस नरेंद्र कुमार, पूर्व आईएएस रमेश कृष्णन, पूर्व एचसीएस सतीश कत्याल, पूर्व आईएएस मोहिंद्र कुमार, पूर्व आईएएस जयदेव व डॉ. डीआर यादव शामिल हैं। इन अधिकारियों की सूची सभी विभाग प्रमुखों एवं प्रशासनिक सचिवों को भेजी गई है।

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ये सेवानिवृत्त अधिकारी अंडर रूल-7 व 8 से जुड़ी चार्जशीट के अलावा अन्य आरोपों की जांच करेंगे।


आईएएस अनुराग अग्रवाल समिति करेगी एससी कर्मियों की शिकायतों का निपटारा
अनुसूचित जाति से संबंधित कर्मचारियों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए हरियाणा सरकार ने पांच सदस्यीय आंतरिक शिकायत निवारण समिति बनाई है। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है। समिति के अध्यक्ष आईएएस अधिकारी अनुराग अग्रवाल होंगे, जबकि आईएएस डी सुरेश, ए श्रीनिवास, आरसी बिढान, एचसीएस वर्षा खंगवाल इस कमेटी के सदस्य होंगे। 

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यह समिति आरक्षण रोस्टर का रखरखाव न करना, आरक्षित रिक्तियों को न भरना, पदोन्नति, वरिष्ठता, एसीपी में भेदभाव, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति न करना, एपीएआर, एसीआर, डाउनग्रेडिंग, सेवा से बर्खास्तगी, निष्कासन, स्थानांतरण, नियुक्ति में भेदभाव और पेंशन संबंधी लाभों से इनकार और बकाया वेतन के भुगतान आदि को लेकर शिकायतों की जांच करेगी।

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इन सभी मामलों से संबंधित शिकायतों को लेकर समिति एक महीने के भीतर रिपोर्ट कमेटी के प्रमुख को सौंपेगी और शिकायत का समयबद्ध समाधान करेगी। आंतरिक शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य अपने नामांकन की तिथि से तीन वर्ष से अधिक की अवधि के लिए पद धारण नहीं करेंगे। साथ ही कार्यवाही के लिए कमेटी को अलग से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।