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हरियाणा में बन सकता है एक और जिला, जानिए किन 3 जिलों के गांव हो रहे है अलग

हरियाणा में जल्‍द एक नया जिला बनाया जा सकता है। नारायणगढ़ को जिला बनाया तो अंबाला के मुलाना यमुनानगर और पंचकूला जिले के भी टूटेंगे कई गांव। हिमाचल प्रदेश के भी कुछ गांव सीधे तौर पर नारायणगढ़ से हैं सटे।
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उपमंडल नारायणगढ़ को जिला बनाने की मांग करीब एक दशक से चल रही है। लेकिन पिछले 4 सालों से इस मांग ने जोर पकड़ लिया है। इसके लिए नारायणगढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति भी बन चुकी है। नारायणगढ़ को जिला बनाने की मांग के पीछे कई कारण हैं। उपमंडल नारायणगढ़ में नारायणगढ़ के अलावा शहजादपुर ब्लाक शामिल है। दोनों ब्लाक में 156 पंचायतें और 187 गांव हैं जिनकी आबादी लगभग 4 लाख 90 हजार है।

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इसके अलावा यमुनानगर के सढौरा ब्लाक में कुल 63 गांव हैं जोकि अपने जिला मुख्यालय से 35 से लेकर 65 किलोमीटर दूरी पर हैं जबकि नारायणगढ़ से इनकी दूरी 6 से 22 किलोमीटर है। इनके अतिरिक्त अंबाला के हलका मुलाना के 15 गांव ऐसे हैं जो अंबाला शहर मुख्यालय से 35 से 50 किलोमीटर की दूरी पर हैं और नारायणगढ़ से इनकी दूरी मात्र 5 से 15 किलोमीटर है।


इसी प्रकार पंचकूला के रायपुररानी ब्लाक 20 गांव ऐसे हैं जो नारायणगढ़ से 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर हैं। इन 100 गांव की आबादी 2 लाख से अधिक है। इन गांव को हर तरह से नारायणगढ़ सुविधाजनक है।


जानिए क्या होगा लाभ

नारायणगढ़ के साथ लगते हिमाचल के कालाअंब व अन्य एरिया औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित है, जिससे नारायणगढ़ के लोगों को भी रोजगार मिला हुआ है, इस क्षेत्र की आबादी और सुविधाएं भी काफी हद तक नारायणगढ़ पर निर्भर है, नारायणगढ़ जिला बनने से सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी और नारायणगढ़ के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

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स्थानीय प्रशासन चुस्त व दुरुस्त होगा,सेशन कोर्ट मिलेगी जिससे न्यायायिक प्रणाली सुधरेगी,जिला पुलिस अधीक्षक के आने से पुलिस सुविधाएं जनता को मिलेंगी जिससे क्राइम कंट्रोल करने व सुशासन कायम करने में आसानी रहेगी।

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जिला शिक्षा अधिकारी के होने से वर्तमान उपमंडल के शिक्षण संस्थानों में सुधार होगा जिससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा,सिविल सर्जन के आने से इलाके में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। समाज एवं कल्याण विभाग का कार्यालय आने से विकलांग, विधवा,बुजुर्गों के साथ समाज कल्याण की योजनाओं को बल मिलेगा।इसके साथ ही अनुदान राशि आने से भी विकास को गति मिलेगी।

सैन्यकर्मियों को मिलेगी ये सुविधाएं

क्षेत्र का इतिहास सेना में गौरवपूर्ण रहा है। क्षेत्र से हजारों की संख्या में सेना में जवान हैं और एक्स सर्विसमैन भी, उन्हें कैंटीन या अपने अपने अन्य कार्यों के लिए अंबाला जाना पड़ता है ,उनके लिए जिला बनने से यहां सेंटर बन सुविधा उपलब्ध होगी।

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इतिहास के पन्नों की बात करें तो जिला अंबाला में नारायणगढ़, जगाधरी, रोपड़ तहसीलें व कालका उप तहसील हुआ करती थी। वर्तमान में जगाधरी के लिए यमुनानगर, रोपड़ स्वयं जिला व कालका को जोड़कर पंचकूला जिला बना दिया गया जबकि नारायणगढ़ की स्थिति जस की तस है।

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नारायणगढ़ उपमंडल का इलाका शिवालिक क्षेत्र के अधीन है,जोकि पिछड़ा व अर्ध पहाड़ी क्षेत्र है। नारायणगढ़ के सैंकड़ों लोग को रोजमर्रा के जिला प्रशासनिक कार्यों के लिए 40 से 55 किलोमीटर दूर अंबाला जाना पड़ता है। जिला बनने से इन दिक्कतों से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा।

ऐसा करने में सरकार का प्रशासनिक दफ्तरों के निर्माण के लिए भी कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा क्योंकि नारायणगढ़ में पहले से ही लघु सचिवालय है वहीं नारायणगढ़ में सबसे पुराना उपमंडल होने के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालय, नागरिक अस्पताल के साथ,बिजली-जल स्वास्थ्य-लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता के कार्यालय,तहसील व न्यायालय होने के साथ ही तमाम प्रशासनिक दफ्तर पहले से ही हैं। इसके साथ ही नारायणगढ़ उपमंडल के अधीन शहजादपुर ब्लाक में भी राजकीय कन्या महाविद्यालय,सब तहसील व तमाम ब्लाक स्तरीय प्रशासनिक कार्यालय हैं।