Expressway Entry Rules : ऐसे टायरों वाली गाड़ी की एक्सप्रेसवे पर नहीं होगी एंट्री, NHAI ने लगाया बैन
Expressway Entry Rules - वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर। एक अपडेट के मुताबिक ऐसे टायरों वाली गाड़ी की एक्सप्रेसवे पर एंट्री नहीं होगी... एनएचएआई ने लगाया बैन।
HR Breaking News, Digital Desk- टायर हर वाहन के महत्वपूर्ण पार्ट हैं. कटे, फटे या घिसे हुए टायरों के साथ गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं है. सड़क पर चलते हुए गाड़ी के टायर फट जाना एक आम बात है. खासकर, एक्सप्रेसवे पर टायर फटने की घटनाएं कुछ ज्यादा होती हैं.
यमुना एक्सप्रेसवे तो इसके लिए काफी कुख्यात है. समृद्धि एक्सप्रेसवे (Samruddhi Expressway) जिसे नागपुर-नासिक एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, पर वाहनों के खराब टायरों के कारण होने वाली दुर्घटनाएं रोकने के लिए ऐसे वाहनों की एंट्री ही बैन कर दी गई है जिनके टायर कटे, फटे या घिसे हुए हैं. समृद्धि एक्सप्रेसवे के एंट्री प्वाइंट्स से पिछले तीन महीनों में करीब 1 हजार वाहनों को वापस भेज दिया गया और उन्हें एक्सप्रेसवे पर चढ़ने नहीं दिया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, समृद्धि एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक नियमों का पालन करवाने और हादसे रोकने को राज्य सरकार ने कड़े प्रबंध किए हैं. आठ आरटीओ टीमों को इस काम के लिए लगाया गया है. ये टीमें वाहनों की फिटनेस जांच कर रही है. इसमें टायरों की कंडिशन को भी जांचा जा रहा है. जिन वाहनों के टायर मानकों पर खरे नहीं उतरते उन्हें एंट्री प्वाइंट्स से ही वापस भेज दिया जाता है. समृद्धि एक्सप्रेसवे पर गाड़ी में खराब टायर लगे होने पर चालान का भी प्रावधान है.
601 किलोमीटर लंबाई-
समृद्धि एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के नागपुर को नासिक से जोड़ता है. हाई-स्पीड कॉरिडोर पर 120 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड तक वाहन चलाए जा सकते हैं. ज्यादा स्पीड लिमिट होने की वजह से यहां गाडियां तेज ही चलती हैं. हाई स्पीड से चल रही गाड़ी की कंडिशन अच्छी होना जरूरी है. खासकर, टायरों की. टायर घिसे होने या उनके कटे-फटे होने पर हादसा होने की आशंका बढ़ जाती है.
ओवर स्पीड पर भी लगाम-
महाराष्ट्र के सड़क सुरक्षा सेल के साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, आठ आरटीओ कार्यालयों की टीमों ने 21,053 वाहनों की जांच की है. इस साल 1 अप्रैल से समृद्धि एक्सप्रेसवे पर घिसे हुए टायरों के कारण 973 वाहनों को चढ़ने से रोक दिया गया. वहीं 234 वाहन चालकों को तेज स्पीड से वाहन चलाते हुए पकड़ा गया. इनमें से 77 को सड़क पर लगाए गए कंप्यूटराइज्ड स्पीड सिस्टम के जरिए पकड़ा गया.
डिप्टी कमिश्नर (सड़क सुरक्षा) भरत कालस्कर ने कहा कि इंटरसेप्टर वाहनों के साथ-साथ कंप्यूटराइज्ड सिस्टम का उपयोग करके कार्यवाही की गई. कालस्कर ने कहा कि वाहनों की तेज स्पीड दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है. आरटीओ टीमों ने एक्सप्रेसवे पर 3169 चालकों का चालान नो पार्किंग में वाहन खड़ा करने तथा 2204 पर निर्धारित लेन में न चलने के चलते जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा 1043 वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगाने के लिए कार्यवाही कार्यवाही की गई.