Indian Railway : भारतीय रेलवे ने किया कमाल, बना दिया इतना लंबा ब्रिज, खत्म होने का नाम ही नहीं
Longest Bridge In Railway :भारतीय रेलवे की ओर से लोगों को आधुनिक सुविधांए देने के लिए नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रेन से हर रोज लाखों यात्री सफर करते हैं। रेलवे से जुड़ी हर खबर पर लोगों की निगाहें टिकी रहती है। अब हाल ही में भारतीय रेलवे (Indian Railway )ने लोगों को लंबे ब्रिज की सौगात दी है, जो एक बार शुरू होता है तो खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है।
HR Breaking News (Indian Railway) रेलवे प्रशासन इन दिनों लोगों की सुविधाओं देकर और नई चीजों के निर्माण से अनूठे कारनामें कर रहा है। अब हाल में रेलवे प्रशासन ने सबसे लंबा ब्रिज बनाकर कमाल ही कर दिया है।
अब इस ब्रिज के निर्माण से सफर के दौरान आप ट्रेन में हवाई यात्रा का आनंद ले सकेंगे। आइए खबर में जानते हैं कि ये ब्रिज (Longest Bridge In Railway) कहां बनाया है।
कहां बनाया गया है ये ब्रिज
जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिज तैयार हो चुका है और इसके लिए सीआरएस की मंजूरी भी मिल चुकी है और जल्द ही इसका उद्घाटन होगा। बता दें कि रेलवे प्रशासन ने यह ग्रेड सेपरेटर ब्रिज कटनी जंक्शन (Katni Junction) में बनाया है, जहां से पूरे शहर को बाई पास कर ट्रेनें चल सकेंगी।
यह पूरा सेपरेटर एलेवेटेडर (Separator Elevator) है यानी इसके पिलर पर ही पूरा 15.85 किमी. लंबा ट्रैक बनाया गया है। इस ब्रिज का काम 2020 में शुरू हुआ था और 2025 में पूरा हो चुका है।
कितनी है ब्रिज की लागत
जानकार का कहना है कि इस ब्रिज (long railway bridge)में अप और डाउन दो एलेवेटेड ग्रेड सेपरेटर बनाए गए हैं, जिसमें से अप तैयार हो चुका है और डाउन पर अभी काम हो रहा है।
इस ब्रिज का निर्माण ब्रिज पीएम गति शक्ति (Bridge PM speed power) के तहत किया गया है और इस ब्रिज की लागत 580 करोड़ रुपये है। इस अप और डाउन ग्रेड सेपरेटर की लागत 1247.68 करोड़ रुपये के आस-पास है।
क्यों नहीं बढ़ पा रही थी ट्रेनों की संख्या
दरअसल, बता दें कि देश का सबसे बड़ा यार्ड न्यू कटनी यार्ड (New Katni Yard) है। जहां पर ट्रेंने आने से पैसेंजर और गुड्स ट्रेनों का ट्रैफिक प्रभावित होता था। इसके चलते पंच्यूअलिटी भी प्रभावित होती थी और ट्रेनों की संख्या में भी इजाफा कर पाना मुश्किल हो रहा था।
रेलवे के मुताबिक जैसे ही पूरा प्रोजेक्ट (Railway New PAroject) तैयार होता है तो उसके बाद सिंगरौली और बिलासपुर की तरफ से आने वाली ट्रेनों को न्यू कटनी जंक्शन और कटनी मुड़वारा जंक्शन पर ठहराव होगा।
जानिए किन्हें होगा फायदा
इसका सबसे ज्यादा फायदा कोटा और बीना की तरफ से जाने वाली ट्रेनों को होगा,जिसकी वजह से पंच्यूअलिटी में सुधार आने के साथ ही रेलवे (Railway news) के दो जोनों पश्चिम मध्य रेलवे और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ऑपरेंशस की क्षमता का विकास होगा।
अगर जरूरत पड़ती है तो इससे ट्रेनों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है। इस वजह से ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों का सफर सुविधाजनक होने के साथ ही यार्ड में ट्रैफिक कम होगा। इसके साथ ही जो ट्रेनें (Indian Railways Updates)थ्रू जाने वाली होंगी, उन्हें अब कटनी नहीं जाना होगा, अब वे नॉन स्टाफ जा सकेंगी।
समय से पहुंचेगा कोयला
बता दें कि यहां पर कोल लोडिंग वाली काफी संख्या में गाडि़यां मौजुद होती है। जैसे ही यह सेपरेटर बनता है तो इससे बनने के बाद पॉवर प्लांट में कोयला समय पर और जल्दी पहुंच सकेगा। आप जानते ही होंगे कि कुछ समय पहले पॉवर प्लांट (Power Plant)में कोयले की कमी की न्यूज आई थी। अब इस तरह की समस्या भी नहीं होगी।
ग्रेड सेपरेटर के निर्माण में 15000 टन स्टील और 1.50 लाख घन मीटर कंक्रीट का यूज (Use of meter concrete) किया गया है। इसके साथ ही 1.90 लाख घन मीटर मिट्टी पर कार्य हुआ है। इसके लिए चार आरओआर का निर्माण किया गया, जिसमें सबसे लंबा स्पैन 91.40 मीटर का बनाया गया है।