किरायेदार से प्यार : पति नहीं दे रहा था समय तो किरायेदार को बनाया सहारा, एक दिन सास ने पकड़ा रंगे हाथ...

पति अक्सर बिज़नेस के सिलसिले में बाहर रहता था तो वो मुझे समय नहीं दे पा रहा था तो मैने किरायेदार को बनाया अपना सहारा पर एक दिन जब में और किरायेदार थे बंद कमरे में तो अचानक सास ने हमे पकड़ लिया।
 

HR Breaking News, New Delhi : एक सुखी परिवार वो होता है जिसमें परिवार को सभी सदस्यों का सामान सम्मान और इज्ज़त के साथ विकास हो, न की एक जरूरत को पूरा करने में दूसरा पीछे छूट जाए और फिर परिवार में कुंठा उत्पन हो जाए और फिर वही कुंठा परिवार के बीच दरार पैदा कर देती है। ऐसा हीं कहानी एक सुखी परिवार की है जिसकी नाम और पहचान छिपाई गई है।

परिवार में पति पत्नी सास और ससुर रहते हैं छोटा परिवार है जिसमें किसी को कोई भी वस्तु की कमी नहीं है बूढ़े मां बाप अब रिटायर हो गए हैं और गांव में हीं रहते हैं बेटा एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी पोस्ट पर काम कर रहा है जो महीने का 70-75 हजार मिल जाता है जो शहर के खुद के बने मकान में हीं पत्नी संग रहता है उस मकान में एक दो किराएदार भी रहते हैं।


जो लड़का है दिन भर कंपनी के काम से थका रहता है तो ज्यादा अपने बूढ़े मां बाप से बात भी नहीं करता इसलिए वो छूटी के दिन अपने गांव मां बाप से मिलने चले जाता है और एक दो घंटे बाद मिलकर वापस आ जाता है। जो बहु है उसका नाम कामिनी है वह भी अपने दैनिक घरेलू काम कर के दिन भर घर में बोर होती रहती है शाम को जब पति आता है तो खाना खाने के बाद तुरंत सो जाता है जिसके कारण पत्नी अपनी शारीरिक सुख को भोग नहीं पाती है और मन में कुंठा उत्पन होता है।

यह सिलसिला लगातार कई महीनों से चल रहा है लेकिन कामिनी इस बारे में अपने पति से कभी बात नहीं करती। कामिनी मन हीं मन अपने पति से इस मामले में दूर होती जा रही थी जिसकी भनक भी उसके पति को नहीं लगा। जब कामिनी से उसकी सास की बात फोन पर होती तो वो आने के नाम पर बहाना मार देती और और शहर में हीं रहती पति दिन भर ऑफिस और पत्नी अकेली घर में। यही अकेलापन कामिनी को एक ऐसे रास्ते पर लेकर चल गया जिसके बारे में कभी सोची भी नहीं होगी।
जिस मकान में कामिनी रहती थी उसी मकान में दो और फ्लैट थे जिसमें किराएदार भी रहते थे उन्हीं किराएदार में एक कामिनी के उम्र का हीं नौजवन लड़का भी अपने परिवार के साथ हीं रहता था शाम के समय उस मकान रहने वाले सभी लोग लगभग छत पर प्रतिदिन टहलने जाते थे तो कामिनी भी कभी कभी चली जाती उसी दरमियान उस लड़के (राहुल) से कामिनी की मुलाकात होती है और फिर धीरे धीरे यह मुलाकात बढ़ती चली जाती है और दोस्ती में बदल गई। 

कामिनी भी अब नए दोस्त बना कर बहुत खुश रहती पति के ऑफिस जाने के बाद कामिनी खाली समय में राहुल से बातें करती थी धीरे धीरे दोस्ती इतनी गहरी हो गई की कामिनी राहुल को अपने रूम में बुला कर बाते करती और समय बिताया करती। कुछ समय बाद कामिनी को राहुल से प्रेम हो गया जो उसके शादीसुदा जिंदगी में नहीं था। दोनों के बीच शारीरिक संबंध (नाजायज संबंध) बनने लगे धीरे धीरे कामिनी की जिंदगी गुलजार होती जा रही थी लेकिन इसकी खबर पति को बिलकुल भी नहीं था। (Illicit Relationship)

कुछ दिन बीत गए कामिनी की सास जो गांव में बैठी थी वो बहु से मिलने के लिए बिना बताए कामिनी के घर आ गई बेटा तो ऑफिस गया हुआ था लेकिन बहु घर पर हीं थी और घर का मेन दरवाजा खुला था तो घंटी बजाने का कोई मतलब हीं नहीं था कामिनी की सास बिना कुछ बोले सीधा कामिनी को बेडरूम में जा पहुंची वहां की नजारा देख बूढ़ी सास स्तब्ध रह गई। कामिनी और राहुल एक दूसरे के साथ बिना कपड़ों के बीच हमविस्तार थे बूढ़ी सास बिना कुछ बोले वापस अपने घर आ गई और किसी से कुछ नहीं कहा।

कामिनी का पति आज भी इस बात से अनजान है की मेरी पत्नी मेरे पीछे क्या करती है कामिनी भी नहीं चाहती है की उसका घर टूटे बस वो किसी भी तरह से अपने सास को इस बारे में समझाना चाहती है और यह बताना चाहती है की उनके बेटे ने आज तक शारीरिक सुख नहीं दिया।