OPS vs NPS : केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल पेंशन स्कीम में बदलाव, अंतिम सैलरी का इतने प्रतिशत मिलेगा पैसा

OPS vs NPS : केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं। कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू भी किया गया है लेकिन केंद्र अभी OPS को लागू करने के मूड में नहीं दिख रही है। केंद्र सरकार की ओर से पुरानी पेंशन योजना की जगह कोई दूसरा विकल्प तलाशा जा रहा है। इसी बीच केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अपडेट आया है।   
 

HR Breaking News, Digital Desk- केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में इस साल के अंत से संशोधन कर सकती है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट भुगतान के तौर पर उनकी आखिरी सैलरी का कम के कम 40-45 प्रतिशत मिले। इसकी सिफारिश हाई-लेवल पैनल ने की थी।  एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से जुड़े 2 लोगों ने बताया कि फिलहाल केंद्र सरकार इस मामले पर विचार कर रही है। 

 

 

 

 

नेशनल पेंशन स्कीम में क्या हो सकता है बदलाव
NPS में सरकार कुछ बदलाव कर सकती है।  ये संशोधित पेंशन योजना मार्केट रिटर्न से जुड़ी रहेगी, लेकिन सरकार कर्मचारी की आखिरी सैलरी का कम से कम 40 फीसदी देने के सिस्टम पर काम कर सकती है।  रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी का कहना है कि सरकार एक आधार राशि सुनिश्चित कर सकती है।  

इसका मतलब है कि अगर भुगतान आधार राशि से कम है तो सरकार को पेंशन में कमी को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ेगा। फिलहाल कर्मचारियों को औसतन 36 फीसदी से 38 फीसदी के बीच रिटर्न मिल रहा है। 

NPS पर क्यों है विवाद-
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के तहत पेंशनभोगियों को रिटायरमेंट के समय मिले वेतन का 50 फीसदी मासिक लाभ मिलता था। 2004 में शुरू की गई मौजूदा मार्केट-लिंक्ड पेंशन प्लान ऐसी कोई गारंटीड आधार रकम प्रदान नहीं करती है। नई पेंशन योजना में एक और विवाद है। NPS में कर्मचारी की सैलरी का 10 फीसदी योगदान होता है और सरकार 14 फीसदी का योगदान देती है, जबकि OPS में कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता है। इसके अलावा NPS पेंशनर्स को रिटायरमेंट के समय कोष का 60 फीसदी टैक्स फ्री और 40 फीसदी हिस्सा कर भुगतान के योग्य होता है ।

एनपीएस में किसका कितना है योगदान 
राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत 87 लाख केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसदी योगदान देते हैं। जबकि सरकार 14 फीसदी भुगतान करती है।  अंतिम भुगतान उस फंड पर रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी ऋण निवेश किया जाता है।  

पुरानी पेंशन योजना पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष का बयान


कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बड़ा बयान दिया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने इसे चिंता का विषय बताया है। नीति आयोग उपाध्यक्ष ने कहा कि इससे भविष्य के करदाताओं पर बोझ पड़ेगा। इस वक्त भारत को राजकोषीय स्थिति को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। दरअसल, कुछ राज्य लगातार पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) की बहाली की मांग कर रहे हैं। समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में सुमन बेरी  ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के फिर शुरू होने को लेकर मुझे थोड़ी चिंता है। मेरे विचार में यह चिंता का विषय है, क्योंकि इसका भार मौजूदा करदाताओं पर नहीं, बल्कि भावी करदाताओं और नागरिकों पर भी होगा। 


नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने दी ये हिदायत


नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक दलों को अनुशासन का पालन करना चाहिए। हम सभी भारतीय अर्थव्यवस्था की बढौतरी का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना पड़ेगा।