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Cibil स्कोर को लेकर RBI हुआ सख्त, बनाए 5 नए नियम, 26 तरीख से होंगे लागू

RBI News : अगर  सिबिल स्कोर के बारे में तो आप जानते होंगे। किसी भी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के लिए सबसे पहले सिबिल स्कोर चेक किया जाता है और इसके बाद ही आगे का प्रोसेस होता है। लेकिन पिछले काफी समय से CIBIL Score को लेकर शिकायतें आ रही थी और इसी को लेकर RBI ने नए नियम बनाए हैं।  

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HR Breakking News, New Delhi : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से सिबिल स्कोर (CIBIL Score) को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया गया है।  इसके तहत RBI ने कई नियम बनाए हैं। क्रेडिट स्कोर (Credit Score) को लेकर बहुत शिकायतें आ रही थीं, जिसके बाद केंद्रीय रिजर्व बैंक ने नियमों को सख्त किया है।  इनके तहत क्रेडिट ब्यूरो में डेटा सुधार न होने की वजह भी बतानी होगी और क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट पर शिकायतों की संख्या भी बताना जरूरी है।

इसके अलावा भी भारतीय रिजर्व बैंक ने कई नियम बनाए हैं। ये नए नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू होंगे। इसी साल अप्रैल में ही RBI ने इस तरह के नियम लागू करने की चेतावनी दे दी थी। बता दें कि जब भी कोई ग्राहक लोन के लिए आवेदन करता है तो बैंक उसका सिबिल स्कोर चेक करते हैं।  इसके तहत RBI ने कुल 5 नियम बनाए हैं. आइए जानते हैं RBI के नए नियम...

ग्राहक को भेजनी होगी क्रेडिट चेक किए जाने की सूचना

 

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RBI ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो इसकी जानकारी उस ग्राहक को भेजना जरूरी है। यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जाएगी। दरअसल, क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने ये फैसला किया है। 

 

 

बतानी होगी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह 


भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक अगर किसी ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसकी वजह बताया जाना जरूरी है। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया है।  रिक्वेस्ट रिजेक्ट किए जाने की वजहों की एक लिस्ट बनाकर उसे सभी क्रेडिट इन्स्टीट्यूशन को भेजना जरूरी है। 

 

 हर साल ग्राहकों को देनी होगी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट

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केंद्रीय बैंक के अनुसार क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर अपने ग्राहकों को मुहैया कराया जाना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा, ताकि ग्राहक आसानी से अपनी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट चेक कर पाए। इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चल जाएगी ।


डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को जानकारी देना  जरूरी


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी है। लोन देने वाली संस्थाएं SMS या ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करें। इसके अलावा बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें।  नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी दिक्कतें सुलझाने का काम करेंगे।

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30 दिन में हो शिकायत निपटारा, वरना रोज लगेगा 100 रुपये जुर्माना


अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहकों की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो फिर उसे हर रोज 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना देना होगा। यानी जितनी देर से शिकायत का निपटारा किया जाएगा, उतना ही अधिक जुर्माना देना पड़ेग। लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा। 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक को हर्जाना देना होगा। वहीं बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना होगा। 

बार बार चेक करने से CIBIL Score होता है खराब


क्रेडिट स्कोर  (CIBIL Score)  वो स्कोर है, जिसे देखकर बैंक या कोई दूसरी फाइनेंस कंपनी लोन देने के लिए तैयार होते हैं। क्रेडिट स्कोर का दायरा 300 से 900 के बीच में होता है। ऐसे में जितना आपका CIBIL  900 के पास रहेगा, उतना ही आपकी फाइनेंशियल कंडीशन के लिए अच्छा है। इसलिए सभी लोग CIBIL Score से जुड़े हर सवाल को क्लियर करना चाहते हैं। इनमें से ही एक सबसे बड़ा सवाल है कि अगर हम बार-बार CIBIL Score को चेक करते हैं, तो क्या क्रेडिट स्कोर डाउन हो जाएगा? हमारा इसके लिए जबाव है, हां भी और नहीं भी। आईये बताते हैं आखिर ऐसा क्यों है...

ये है इस सवाल का आसान जबाव


दरअसल CIBIL Score ग्राहक की पास्ट हिस्ट्री की एक रिपोर्ट जैसा है। जो बैंक को बताती है कि कब लोन लिया गया है और कब लोन के बारे में पूछताछ की गई है। अगर आप खुद CIBIL Score को चेक कर रहे हैं, तो आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी या बैंक आपके CIBIL Score को चेक करेगा तो आपका CIBIL Score डाउन हो सकता है।

कम से कम इतना होना चाहिए सिबिल स्कोर


इस कारण ज्यादा लोन के लिए इंक्वायरी मत करिए। आप अपना सिबिल स्कोर (CIBIL Score) कितनी बार भी चेक कर सकते हैं, उससे कोई परेशानी नहीं है। साथ ही कोशिश करिए कि सिबिल स्कोर 800 के ऊपर ही रहे। 
अगर नहीं है तो लोन या फिर क्रेडिट कार्ड के बिल्स टाइम से भरिए, जिससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री ठीक हो जाएगी। साथ में आपको एक साथ ज्यादा लोन लेने से बचना चाहिए। जितने भी लोन लिए जाते हैं, उसमें से 30 फीसदी लोन अपने शौक पूरे करने के लिए गए हैं। लोन तो मिल जाता है, पर उसे चुकाने में 1 से 2 EMI आगे खिसक जाती है। जिससे  CIBIL Score पर नेगेटिव इफेक्ट होता है और इसके बाद आपको आगे लोन लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।