ग्रेटर नोएडा में बनेगा Delhi-NCR का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन, इतने एकड़ जमीन पर होगा डेवलेप
Delhi-NCR - ग्रेटर नोएडा में दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनने जा रहा है, जिसकी तैयारी ज़ोरों पर है। इसकी इंजीनियरिंग योजना पर काम शुरू हो चुका है। भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, रेलवे ने अतिरिक्त ज़मीन की मांग की है, जिससे प्लेटफ़ॉर्मों (Platform) और लाइनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है-
HR Breaking News, Digital Desk- (Delhi-NCR) ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनने जा रहा है, जिसकी तैयारी ज़ोरों पर है। इसकी इंजीनियरिंग योजना पर काम शुरू हो चुका है। भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, रेलवे ने अतिरिक्त ज़मीन की मांग की है, जिससे प्लेटफ़ॉर्मों (Platform) और लाइनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इससे यह स्टेशन 13 प्लेटफ़ॉर्म और 98 लाइनों से भी बड़ा बन सकता है।
ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में बन रहे बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का भार कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। यह दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Delhi-Mumbai Industrial Corridor)का हिस्सा है और इसे 358 एकड़ में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (Multimodal Transport Hub) के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस हब से यात्री एक ही जगह पर ट्रेन, मेट्रो और बस जैसी सभी परिवहन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे, जिससे उनका सफर और भी आसान और सुविधाजनक हो जाएगा।
डीएमआईसी के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे के अधिकारी बोड़ाकी का निरीक्षण करने आए थे। वे भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित 13 प्लेटफॉर्म से अधिक का विचार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्राधिकरण से कुछ और जमीन की मांग की है। वर्तमान में रेलवे को 137 एकड़ जमीन आवंटित की जा रही है।
अधिकारी के मुताबिक अतिरिक्त जमीन मिलने पर रेलवे स्टेशन (railway station) और यार्ड का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा। ऐसे में भविष्य में विस्तार करने और अन्य सुविधाएं बढ़ाने में आसानी होगी।
सर्वे का काम शुरू-
प्रशासन ने परियोजना से प्रभावित खसरा संख्या के सर्वे का काम तेज कर दिया है। प्राधिकरण का प्रयास जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर रेलवे को जल्द जमीन देने का है, ताकि परियोजना पर काम शुरू हो सके।
जमीन आरक्षित की गई-
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (Multimodal Transport Hub) में बस डिपो के लिए 12.5 एकड़, मेट्रो के लिए 5.5 एकड़ और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए 65 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है।
दो जोन में बांटकर विकास होगा-
अधिकारी के मुताबिक एमएमटीएच का विकास दो जोन में बांटकर किया जाएगा। जोन-1 में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), क्षेत्रीय बस टर्मिनल (एलबीटी), मेट्रो रेल ट्रांजिस्ट सिस्टम (metro rail transit system) के साथ व्यावसायिक और खुदरा कारोबार से जुड़ी गतिविधियां होंगी।
70 से अधिक ट्रेन चलाने की योजना-
नए नोएडा और ग्रेटर नोएडा फेज-टू के विकास को ध्यान में रखते हुए, रेलवे ने अपनी योजनाएं तेज कर दी हैं। भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए, रेलवे अभी से पर्याप्त जमीन की व्यवस्था करना चाहता है ताकि बाद में विस्तार के लिए कोई समस्या न हो। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर जाने वाली 70 से अधिक ट्रेनों का संचालन होगा। इस पहल का उद्देश्य भविष्य की बढ़ती मांग को पूरा करना और यात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।
श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, ''बोड़ाकी को दिल्ली-एनसीआर के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के रूप विकसित किया जाएगा। इससे दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम होगा। परियोजना पर जल्द काम शुरू हो सके, इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। किसानों से बातचीत कर सर्वे का काम चल रहा है।''