NCR : हेरिटेज सड़क की तर्ज पर विकसित होगा गाजियाबाद का ये रोड़, डिटेल प्रोजेक्ट तैयार करने के आदेश जारी
HR Breaking News, Digital Desk- गाजियाबाद शहर के बीच से गुजरने वाले हापुड़ रोड को हेरिटेज सड़क के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। यह शहर की एक मात्र सड़क है, जिस पर सबसे ज्यादा कॉलोनियों के रास्तों आकर मिलते हैं।
जीटी रोड पर ठाकुरद्वारा मोड़ से हापुड़ रोड़ शुरू होती है। यह सड़क पुराना बस अड्डा और जिला मुख्यालय के सामने से होती हुई हापुड़ चुंगी तक पहुंचती है। यहां से यह सड़क डासना फ्लाईओवर पर समाप्त होती है। हापुड़ चुंगी से डासना फ्लाईओवर तक इस सड़क किनारे कई कॉलोनियों के कट हैं और कई प्रमुख गांव भी हैं। इन सभी कॉलोनियों और गांवों की निकासी इस रोड पर है। इस कारण हर 100 मीटर की दूरी पर दाईं और बाईं ओर सड़क पर कट बना है। शहर की यह एक मात्र ऐसी सड़क है, जिस पर इतनी कॉलोनियों व गांवों के रास्ते खुलते हैं।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इस सड़क को हेरिटेज सड़क के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। जिलाधिकारी ने उस सड़क को विकसित करने के लिए पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी सौंपी है। पीडब्ल्यूडी इसकी डीपीआर तैयार करेगी। उसके बाद इसमें आने वाले खर्च को किस मद से लिया जाएगा, यह तय होगा।
आठ किलोमीटर लंबी है सड़क-
ठाकुरद्वारा से डासना फ्लाईओवर तक यह सड़क करीब आठ किलोमीटर लंबी है। इस पर नवयुग मार्केट, चौपला बाजार, पुराना बस अड्डा, नया गाजियाबाद, आरडीसी, हापुड़ चुंगी, कविनगर, शास्त्रीनगर, महेंद्रा एंक्लेव, चिरंजीव विहार, अवंतिका, अवितंका एक्सटेंशन, इंदरगढ़ी, प्राणगढ़ी, आकाश नगर, कमला नेहरूनगर, पुलिस लाइन, रजापुर, रहीसपुर, हरसांव, सदरपुर गांव, मैनापुर, गोविंदपुराम, मधुबन बापूधाम के लिए सड़क जाती है।
ये होगी खासियत-
सड़क पर जिस कॉलोनी या गांव के लिए रास्ता मिलता है, उसका कट खोलकर वहां रेड लाइट सिंग्नल बनाया जाएगा। इसके कारण इस सड़क पर कोई भी वाहन तेज गति से नहीं चले सकेगा। वाहनों की गति भी तय होगी। हर रेडलाइट पर जेब्रा क्रॉसिंग भी होगी। गांव या कॉलोनी के लिए ग्लोसाइन बोर्ड लगेंगे। जो रात में भी चमकेंगे। सड़क के दोनों ओर की ग्रीन बेल्ट पूरी तरह से हरी भरी होगी और किसी सड़क के दोनों ओर किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं होगा। फुटओवर ब्रिज पर लिफ्ट या एस्कलेटर की व्यवस्था होगी।