UP News : यूपी वालों का सफर होगा आसान, बनेगा एक और लिंक एक्सप्रेसवे, भूमि अधिग्रहण से पहले बढ़ेंगे सर्किल रेट
UP News : यूपी में विकास की गति तेज हो रही है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए और लोगों के सफर को आसान बनाने के लिए सरकार एक नए लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है। यूपी में अब इस नए एक्सप्रेसवे (UP New expressways) के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले ही सर्किल रेट बढ़ाए जाने की योजना हे। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि यूपी में किस लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना है और इसके लिए कितने एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा।
HR Breaking News (UP News) यूपी में अब एक नए लिंक एक्सप्रेसवे को लेकर चर्चां जोरो-शोरों से हैं। इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण का सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होने वाला है। बताया जा रहा है कि इस नए लिंक एक्सप्रेसवे के जमीन अधिग्रहण से पहले अभी सर्किल रेट बढ़ाए (UP circle rate) जाने हैं।
अभी के समय में प्रशासन की ओर से सर्किल रेट बढ़ाने के लिए गांवों का सर्वे कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। आइए जानते हैं कौन सा ये लिंक एक्सप्रेसवे।
कहां तक हुआ एक्सप्रेसवे को लेकर काम
दरअसल, सबसे पहले तो ये बता दें कि मैनपुरी में लिंक एक्सप्रेस-वे (Link Expressway in Mainpuri) व अन्य सरकारी परियोजनाओं के लिए प्रशासन की ओर से किसानों से जमीन लेने से पहले सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर योजना बना रही है।
यह सर्किल रेट जहां पिछली दफा बढ़ोतरी नहीं की गई थी, उन इलाकों में बढ़ाए जाने की संभावना है। लेकिन अभी भी कई गांव के किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं। जैसे ही इसका सर्वे किया जाएगा तो इसके बाद सर्किल रेट (Circle Rate)जारी करते हुए आपत्तियां इन्वाइटेड की जाएगी। उसके बाद आपत्ति निस्तारण के बाद दरों को प्रभावी किया जाना है।
किसानों को मिलेगा मुआवजा
यूपी के इस नए लिंक एक्सप्रेस-वे (UP New Link Expresway)के निर्माण के लिए प्रशासन किसानों से जमीन लेने के लिए मुआवजा देने को तैयार है। मगर, कई गांवों के किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इस वर्ष जो सर्किल रेट बढ़ाए गए है, उनमे उनके गांव का नाम शामिल नहीं है।
इस मामले में डीएम ने यह फैसला सुनाया है कि जिन-जिन गांव में जमीनों के सर्किल रेट (circle rate of UP land) नहीं बढ़े हैं, उनका सर्वे अब कराया जाना है। उसके बाद ही नई सर्किल दरों के हिसाब से मुआवजा देकर किसानों से आपसी समझौते के तहत जमीन इस लिंक एक्सप्रेसवे के लिए जमीन ली जाएगी।
कब तक पूरा होगा सत्यापन
बता दें कि नए लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए तहसील भोगांव क्षेत्र के तकरीबन 13 गांवों के 500 से ज्यादा किसानों की जमीन को अधिग्रहित (land acquired) किया जाना है। लेखपालों को एक हफ्ते में गाटा सत्यापन का काम पूरा करने के इन्स्ट्रक्शन दिए गए हैं।
जैसे ही सत्यापन पूरा होता है तो उसके बाद पूरी रिपोर्ट यूपीडा को भेजी जाएगी। बता दें कि निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway)को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ाव के लिए तकरीबन 92 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण से इन 13 गावों के किसानों पर प्रभाव पड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे (UP Expresway) के निर्माण के लिए 500 से ज्यादा किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के नए प्रस्तावित एक्सप्रेसवे
फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे (90 किलमीटर): गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा।
जेवर लिंक एक्सप्रेसवे (75किलामीटर): यमुना एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेसवे तक बुलंदशहर के रास्ते।
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे (49 किलोमीटर): आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा।
झांसी लिंक एक्सप्रेसवे (119 किलोमीटर) : क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करेगा।
विंध्य एक्सप्रेसवे 320 किलोमीटर लंबा होगा : बुंदेलखंड क्षेत्र को विकास के नए अवसर प्रदान करेगा।
मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे (120 किलोमीटर): उत्तर प्रदेश सीमा तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (519 किलोमीटर): पूर्वी उत्तर प्रदेश को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ेगा।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (700 किलोमीटर): पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच दूरी होगी कम।
चित्रकूट से रीवा लिंक एक्सप्रेसवे (लंबाई 70 किलोमीटर): मध्य प्रदेश से संपर्क को सुदृढ़ करेगा।