नहीं लागू होगा 8th Pay Commission! सरकार इस फार्मूले से बढ़ाएगी सैलरी

7th Pay Commission: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब सातवें वेतन आयोग के बाद अब आठवां वेतन आयोग नहीं आएगा। केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए ऐसा फॉर्मूला तैयार कर रही है, जिससे सैलरी और पेंशन में खुद-ब-खुद बढ़ोतरी हो जाएगी। पढ़े पूरी खबर...
 

HR Breaking News, New Delhi: केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) की सैलरी बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार (Central Government) समय पर भत्ते की बढ़ोत्तरी करती है। अब सरकार सैलरी बढ़ाने के लिए नया नियम लागू करने की तैयारी में हैं।  

 

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार सातवें के बाद आठवां वेतन आयोग लागू करने की तैयारी में नहीं है। केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए ऐसा फॉर्मूला तैयार कर रही है, जिससे 50 फीसदी से ज्यादा महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) होने पर सैलरी और पेंशन में खुद-ब-खुद बढ़ोतरी हो जाएगी। 

 

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सरकार की मंशा है कि नया फॉर्मूला इस तरह हो, जिससे कर्मचारियों की सैलरी समय-समय पर बढ़ती होते रहे। इसे ऑटोमेटिक पे रिवीजन (Automatic Pay Revision) सिस्टम नाम दिया जा सकता है। अब कर्मचारियों की सैलरी में उनकी परफॉर्मेंस (Performance Linked Increment) के हिसाब से इजाफा होगा।

 

सरकार की इस कवायद से फिलहाल कर्मचारी संगठन खुश नजर नहीं आ रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए वेतन वृद्धि के लिए साल 2016 से चली आ रही सिफारिशों से उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही इन लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से अंतिम फैसला आने तक इस मामले में प्रतीक्षा करनी होगी।

आपको बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई 2016 में इस तरफ इशारा भी किया था। संसद में भाषण देते हुए उन्होंने कहा था कि अब वेतन आयोग (Pay Commission) से हटकर कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए। अरुण जेटली चाहते थे कि मध्य स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों का वेतन भी बढ़े।


वहीं जस्टिस माथुर ने 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के वक्त ही इशारा दिया था कि हम पे-स्ट्रक्चर को अब नए फॉर्मूले (Aykroyd Formula) की तरफ ले जाना चाहते हैं। इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को ध्यान में रखकर सैलरी तय की जाती है। आज के वक्त की ये जरूरत है कि कर्मचारियों को महंगाई की तुलना में सैलरी दी जाए।

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ऐसा होने पर निम्न स्तर के कर्मचारियों को फायदा हो सकता है। लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 लेवल वाले केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी कम से कम 21 हजार हो सकती है। हालांकि, इसके लिए फॉर्मूला बनना अभी बाकी है। नरेंद्र मोदी सरकार अगले वेतन आयोग के पक्ष में नहीं है।