अवैध नही है क्रिप्टोकरेंसी, क्योंकि… सरकारी अधिकारी ने बताए ये कारण

HR BREAKING NEWS. भारत सरकार ने कहा कि वह क्रिप्टो असेट्स में ट्रेडिंग को अवैध नहीं मानती है। यह ठीक उस घोषणा के एक दिन बाद आया, जब सरकार ने कहा कि क्रिप्टो के लेनदेन पर भी उतना ही टैक्स लगेगा, जितना जुए में जीते क्रिप्टो पर लगेगा।

 

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "वे एक ग्रे क्षेत्र में हैं। क्रिप्टो को खरीदना और बेचना अवैध नहीं है।" उन्होंने कहा, "हमने अब एक टैक्सेशन फ्रेमवर्क में रखा है, जो क्रिप्टो असेट्स को भी उसी तरह देखते हैं, जैसे हम घुड़दौड़ या दांव और दूसरे सट्टा लेनदेन से जीत को देखते हैं।"

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क्रिप्टोकरेंसी को किस तरह से ट्रीट किया जाए, इस पर कई सालों के बाद, केंद्र फैसला लिया है, जिसमें सरकार ने बजट में वर्चुअल असेट्स के लेनदेन पर 30% टैक्स वसूलने की घोषणा की है, जिससे ऐसे लेनदेन की कानूनी स्थिति के बारे में एक साफ तस्वीर सामने आई है।

मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और कीमतों की अस्थिरता के जोखिमों के बारे में केंद्रीय बैंक की चेतावनियों के बावजूद क्रिप्टो पर इतनी ज्यादा टैक्स की दर भारत में बढ़ रहे ट्रेडों को रोक सकती है।

सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए एक कानून पर काम कर रही है और प्रस्तावित कानून को सांसदों के पास ले जाने से पहले भारत के मंत्रिमंडल की तरफ मंजूरी देनी होगी।

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सोमनाथन ने कहा, "क्रिप्टो को आगे रेगुलेशन क्या होगा है? इस पर एक बहस चल रही है। सरकार का दृष्टिकोण व्यापक रूप से परामर्श करना और यह भी देखना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या हो रहा है।"

उन्होंने कहा कि अभी के लिए, सरकार रेगुलेशन पर जल्दबाजी नहीं करेगी और इस तरह के लेनदेन से होने वाली किसी भी कमाई पर टैक्स लगाएगी।

जबकि प्राइवेट वर्चुअल कॉइन लीगल टेंडर नहीं होंगे, भारतीय रिजर्व बैंक 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जो सरकार के अनुसार सस्ता, ज्यादा कुशल करेंसी मैनेजमेंट की शुरूआत करेगा।

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