Cheque Bounce Rule : चेक बाउंस होने पर होगी ये कारवाई, आप भी जान लें नियम

Cheque Bounce Rule : चेक का इस्तेमाल करने वालों की संख्या हर रोज बढ़ती ही जा रही है। कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें चेक बाउंस हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी चेकबुक का इस्तेमाल करते हैं और कभी आपका चेक बाउंस न हो जाए, तो आपके लिए इसके नियम के बारे में जानना जरूरी है। तो चलिए खबर में जानते हैं विस्तार से-
 

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। लोग जो भी कमाई करते हैं उसमें से ज्यादातर को अपने बैंक खाते में रखते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर और भविष्य में इस पैसे का इस्तेमाल (use of money) किया जा सके। वैसे तो नौकरीपेशा लोगों के अपने सैलरी अकाउंट होते ही हैं, क्योंकि लगभग सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों को बैंक खाते में ही सैलरी देती है। पर दूसरी तरफ लोग अपना पर्सनल बैंक खाता भी खुलवाते हैं, जिसमें लोगों को एटीएम कार्ड के अलावा कई अन्य सुविधाएं (many other facilities Apart from ATM card) भी मिलती हैं। जैसे- चेकबुक, इसका फायदा ये होता है कि आप एडवांस में किसी को पेमेंट कर सकते हैं और आपके खाते में पैसे होने पर वो शख्स चेक के जरिए अपने पैसे निकाल सकता है। 
 

एक महीने के अंदर भुगतान


अगर किसी स्थिति में चेक बाउंस (Check bounce case)हो जाता है, तो बैंक इसका फाइन आपके खाते से काट लेती है। चेक बाउंस होने पर देनदार को इसकी सूचना बैंक को देनी होती है, जिसके बाद उस व्यक्ति को एक महीने के अंदर भुगताना करना पड़ता है।


क्या कहता है नियम?


बात अगर चेक के नियमों की करें, तो अगर कोई चेक बाउंस होने के बाद एक महीने के अंदर देनदार चेक का भुगतान नहीं कर पाता, तो फिर उसके नाम लीगल नोटिस जारी हो सकता है। फिर इस नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर नहीं मिलता, तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ 'Negotiable Instrument Act 1881' के सेक्शन 138 के अंतर्गत केस तक किया जा सकता है।
 

 

क्या हो सकती है जेल?


कई लोग जानना चाहते हैं कि क्या चेक बाउंस होने की स्थिति (check bounce situation)में क्या जेल भी हो सकती है? तो इसका जवाब है हां हो सकती है। देनदार पर केस दर्ज होने के बाद उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर दो साल की जेल हो सकती है या दोनों का प्रावधान है। साथ ही आपको मूलधन (देनदारी वाले पैसे) पर ब्याज भी देना पड़ता है।

इस बात को न भूलें


वहीं, अगर आप जब भी किसी को चेक दें तो ये पूरी तरह सुनिश्चित करें कि आपके खाते में पैसे हैं और आपका चेक बाउंस नहीं होगा। इसके अलावा चेक लेने वाले व्यक्ति को इसके तीन महीने के अंदर ही कैश करा लेना चाहिए, क्योंकि इसकी वैधता तीन महीने की ही होती है।