EPFO : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, इन कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी

EPFO : अगर आप केंद्रीय कर्मचारी है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल हाल ही में आए एक अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि है EPFO ने अपने बयान में कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह बीमा योजना ( जीआईए ) के तहत कटौती को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे। 

 

HR Breaking News, Digital Desk-  केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़ी बड़ी खबर आई है. ईपीएफओ ने ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम के तहत कटौती को तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया है. EPFO ने अपने बयान में कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह बीमा योजना ( जीआईए ) के तहत कटौती को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है .हालांकि ईपीएफओ के इस फैसल से सभी सरकारी कर्मचारी प्रभावित नहीं होंगे.

ये कर्मचारी होंगे प्रभावित-

21 जून को जारी ईपीएफओ ने अपने सर्कुलर में कहा कि इस फैसले से केवल वही कर्मचारी प्रभावित होंगे, जो 1 सितंबर 2013 के बाद सेवा में शामिल हुए हैं.
कर एवं व्यवसाय परामर्श कंपनी ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर अखिल चांदना के अनुसार, "जो कर्मचारी 01 सितंबर 2013 के बाद ईपीएफओ में शामिल हुए हैं, वे अब जीआईएस के अंतर्गत नहीं आएंगे और उनके वेतन से पहले से की गई कोई भी कटौती उन्हें वापस कर दी जाएगी."

कर्मचारियों के वेतन में होगी वृद्धि-

बता दें कि इस फैसले के बाद प्रभावित होने वाले सरकारी कर्मचारियों (government employess) को अप्रत्याशित लाभ और सैलरी बढ़कर मिलेगी. जानकारों की मानें तो, जिन सरकारी कर्मचारियों के लिए जीआईएस बंद कर दिया गया है, उनके शुद्ध वेतन में वृद्धि हो सकती है.चंदना ने बताया, "ग्रुप इंश्योरेंस के तहत कटौती बंद होने से वास्तव में टेक-होम वेतन में वृद्धि होगी. पहले, जीआईएस को निधि देने के लिए कर्मचारियों के वेतन-मान के अनुसार उनके मासिक वेतन से कुछ पैसों की कटौती की जाती थी. अब इन कर्मचारियों के लिए यह योजना प्रभावी नहीं है, इसलिए कटौती बंद हो जाएगी, और उन्हें अधिक नेट-इन-हैंड वेतन मिलेगा."
 

जीआईएस क्या है?

भारत सरकार ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम (जीआईएस) 1 जनवरी 1982 को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए समूह बीमा योजना 1980 के नाम से लागू की थी. जीआईएस ईपीएफओ के तहत एक सामाजिक कल्याण योजना है, जिसे श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत चलाया जा रहा है ताकि दुर्घटनाओं के मामले में मजदूरों और उनके आश्रितों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा देने के लिए तैयार की गई सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के तहत सदस्यों और पेंशनरों के लिए जीवन को आसान बनाया जा सके.