General Provident Fund : सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, मार्च तिमाही में प्रोविडेंट फंड पर मिलेगा इतना ब्याज

GPF Interest Rate : जीपीएफ एक टाइप का प्रोविडेंट फंड है, जो सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है, एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी का तय हिस्सा जीपीएफ में जाता है, बशर्ते वह सस्पेंड न हो. सुपरएनुएशन से 3 महीने पहले जीपीएफ में कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन बंद हो जाता है, सरकार ने जीपीएफ व इससे सिमिलर प्रोविडेंट फंड के लिए ब्याज दरें तय कर दी है. इससे पता चल गया है कि मार्च तिमाही में सरकारी कर्मचारियों को कितना ब्याज मिलने वाला है....
 

HR Breaking News, Digital Desk - सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड की नई ब्याज दरें तय हो गई हैं. सरकार ने बता दिया है कि जनरल प्रोविडेंट फंड(General Provident Fund) में निवेश करने वाले सरकारी कर्मचारियों को जनवरी से मार्च 2024 के तीन महीने यानी चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलने वाला है.

वित्त मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन


वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक हालिया नोटिफिकेशन में जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड के ब्याज पर निर्णय के बारे में जानकारी दी. नोटिफिकेशन गुरुवार देर शाम में जारी हुआ. नोटिफिकेशन के अनुसार, मार्च तिमाही के दौरान जीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा, जो दिसंबर तिमाही में भी 7.1 फीसदी ही था. इसका मतलब हुआ कि जीपीएफ की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

इन प्रोविडेंट फंड पर भी ब्याज स्थिर


जीपीएफ के अलावा इसके सिमिलर अन्य प्रोविडेंट फंड पर भी मार्च तिमाही में 7.1 फीसदी की दर से ही ब्याज मिलेगा. नोटिफिकेशन के अनुसार, यह फैसला जिन प्रोविडेंट फंड पर लागू है, उनके नाम हैं- जनरल प्रोविडेंट फंड (सेंट्रल सर्विसेज), कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड (इंडिया), ऑल इंडिया सर्विसेज प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, जनरल प्रोविडेंट फंड (डिफेंस सर्विसेज), इंडियन ऑर्डनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज वर्कमेन्स प्रोविडेंट फंड, इंडियन नेवल डॉकयार्ड वर्कमेन्स प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड और आर्म्ड फोर्सेज पर्सनल प्रोविडेंट फंड.

क्या है जीपीएफ...


जीपीएफ एक टाइप का प्रोविडेंट फंड है, जो सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ और पीपीएफ इसके समतुल्य हैं. एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी का तय हिस्सा जीपीएफ में जाता है, बशर्ते वह सस्पेंड न हो. सुपरएनुएशन से 3 महीने पहले जीपीएफ में कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन बंद हो जाता है.


पहले इतना मिल रहा था ब्याज


सरकार हर तिमाही में जीपीएफ की ब्याज दरें नोटिफाई करती हैं. जीपीएफ की ब्याज दरों में 2020-21 से ही कोई बदलाव नहीं किया गया है. उससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीपीएफ पर 8 फीसदी का ब्याज मिल रहा था, जो आगे कम होता चला गया. जीपीएफ पर 2007 से अब तक ज्यादातर समय 8 फीसदी का ब्याज रहा है. बीच में 2012-13 में जीपीएफ पर 8.80 फीसदी का सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा था.