अंबानी की इस कंपनी को कर्ज से निकालने के लिए आरबीआई ने लिया बडा फैसला, करोडों लोगों की होगी मौज
HR Breaking News (नई दिल्ली)। जीरो नेटवर्थ वाले उद्योगपति और मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल के बारे में एक बड़ी खबर है. फाइनेंस सेक्टर की ये बड़ी कंपनी कर्ज के भारी बोझ में दबी है. इसके रिजॉल्युशन की कई कोशिशें हो चुकी हैं और अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके रिजॉल्युशन प्लान को मंजूरी दे दी है. रिलायंस कैपिटल एक समय में देश की सबसे बड़ी एनबीएफसी कंपनियों में से एक होने के साथ-साथ अनिल अंबानी के बिजनेस पोर्टफोलियो की सबसे सफल कंपनी में से एक थी.
आरबीआई ने शुक्रवार को कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कैपिटल के रिजॉल्युशन प्लान को मंजूरी दे दी. रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड ने समाधान योजना पेश की थी. ये हिंदुजा समूह की कंपनी है.
हिंदुजा ग्रुप की हो जाएगी रिलायंस कैपिटल -
रिलायंस कैपिटल ने एक बयान में जानकारी दी कि उसके एडमिनिस्ट्रेटर को भारतीय रिजर्व बैंक से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ मिल गया है. कंपनी के रिजॉल्यूशन प्लान को आरबीआई ने 17 नवंबर को ही मंजूरी दी है. इसी के साथ हिंदुजा ग्रुप के रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण का रास्ता पहले से और ज्यादा साफ हो गया है. हिंदुजा ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी ‘अशोक लीलैंड’ है.
हिंदुजा ग्रुप ने लगाई सबसे बड़ी बोली -
रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा ग्रुप की कंपनी ‘इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड’ ने सबसे बड़ी बोली लगाई. कंपनी ने रिलायंस कैपिटल को 9,650 करोड़ रुपए में खरीदने का प्रस्ताव रखा है. रिलायंस कैपिटल के लिए अप्रैल में दूसरे दौर की नीलामी आयोजित की गई थी.
रिलायंस कैपिटल में गंभीर गड़बड़ियों और पेमेंट डिफॉल्ट को देखते हुए आरबीआई ने 29 नवंबर 2021 को उसके बोर्ड को हटा दिया था. साथ ही एक एडमिनिस्ट्रेटर नागेश्वर राव की नियुक्ति कर दी थी.