CTC से कम क्यों मिलती है सैलरी, आपको भी नहीं होगा पता कहां कटता है पैसा
HR Breaking News, Digital Desk- आपका HR हर महीने सैलरी स्लिप जनरेट करता है. आपने क्या कभी इसे ध्यान से देखा है? आपके मन में हमेशा ये सवाल रहता ही होगा कि ऑफर लेटर में CTC तो ज्यादा होती है, लेकिन हाथ में पैसा काफी कम आता है. इसका जवाब सैलरी स्लिप में ही छिपा होता है.
सैलरी स्लिप में एक्चुअल सैलरी, टैक्स, अलाउंसेज और बोनस का ब्योरा होता है. आप हर महीने सैलरी स्लिप को चेक करके देख सकते हैं कि आपको सही पेमेंट हो रहा है या नहीं.
आइए, जानते हैं सैलरी स्लिप के अलग-अलग कंपोनेंट्स और उन्हें जांचने के तरीके…
सैलरी क्या है?
कर्मचारियों को उनके द्वारा किए गए कार्य के बदले में किया जाने वाले नियमित भुगतान को सैलरी रूप में जाना जाता है. सैलरी एक निश्चित अंतराल पर मिलती है. आम तौर पर मासिक आधार पर इसका भुगतान किया जाता है.
CTC क्या होती है?
कॉस्ट-टू-कंपनी (CTC) को हिंदी में “कुल वेतन लागत” कहा जाता है. CTC एक ऐसी संक्षिप्त शब्दावली है जिसे कंपनियों और संगठनों में उपयोग किया जाता है. CTC में वे सभी खर्चे शामिल होते हैं जो एक कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए करती है. जैसे कि वेतन, अलाउंस, रीइंबर्समेंट, स्वास्थ्य और फाइनेंशियल बेनिफिट्स, बीमा, अवकाश आदि. यह एक कर्मचारी की कुल वेतन लागत को दर्शाता है.
बेसिक सैलरी-
कर्मचारी को भुगतान की गई निश्चित राशि को मूल वेतन के रूप में जाना जाता है. यह वह राशि है जो किसी कटौती, वेतन वृद्धि, बोनस या भत्तों से पहले निकाली जाती है. सीटीसी के अन्य पहलुओं के विपरीत, मूल वेतन वही रहेगा. मूल वेतन इन-हैंड वेतन है. इसमें किसी तरह की कटौती नहीं की जाती है.
सैलरी स्लिप में एचआरए क्या है?
एचआरए या हाउस रेंट अलाउंस आपके वेतन का वह हिस्सा है जो नियोक्ता द्वारा आपको आपके किराए के आवास के लिए दिया जाता है. यदि आप किराए की संपत्ति में रह रहे हैं तो आप एचआरए का दावा करने के पात्र हैं. HRA ज्यादातर….मेट्रो में रहने वालों के लिए बेसिक का 50% और नॉन-मेट्रो शहरों के लिए बेसिक का 40% तक हो सकता है.
कॉस्ट टू कंपनी के तहत, अलग-अलग कंपोनेट्स हैं. इनमें से कुछ कंपोनेंट्स नीचे दिए गए हैं:
डायरेक्ट बेनिफिट्स-
- बेसिक सैलरी
- कन्वेंस अलाउंस
- डियरनेस अलाउंस
- हाउस रेंट अलाउंस
- मेडिकल अलाउंस
- लीव ट्रैवेल अलाउंस
- वेहिकल अलाउंस
- टेलीफोन या मोबाइल फोन अलाउंस
- इन्सेटिव्स या बोनस
- स्पेशल अलाउंस
इनडायरेक्ट बेनिफिट्स-
- फूड कूपन
- कंपनी द्वारा लीज पर आवास
- इंटरेस्ट फ्री लोन
- इनकम टैक्स सेविंग
- नियोक्ता द्वारा भुगतान किया गया हेल्थ और एलआईसी प्रीमियम
सेविंग कांट्रीब्यूशंस-
- सुपर एन्यूएशन बेनिफिट्स
- इंप्लायर प्रॉविडेंट फंड