IAS Success Story : बिना कोचिंग के दूसरे अटैंप्ट में हासिल की टॉप रेंक, जानिए श्रेया श्री की सफलता की कहानी 

Success Story : जीवन में कुछ पाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है और वही मेहनत हमें कामयाब करती है ऐसी कहानी हम बताने जा रहे है मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव से निकलकर बुलंदियों तक पहुंची श्रेया श्री जानिए सक्सेस स्टोरी।

 

HR Breaking News : नई दिल्ली : जीवन में कुछ पाने की चाह के साथ की गई मेहनत हमेशा रंग लाती है। एक ऐसी ही चाह रखने वाली मध्य प्रदेश के पिछड़े से जिले सिंगरौली के सरकारी स्कूल से दसवीं और 12वीं की पढ़ाई।

फिर सीधे देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT Kanpur से ग्रेजुएशन और प्रोस्ट ग्रेजुएशन। उसके बाद UPSC की Civil Services की कोशिश। UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के पहले प्रयास में पीटी भी नहीं निकला। और, दूसरे प्रयास में सीधे आईएएस। जी हां यह सक्सेस स्टोरी मध्य प्रदेश के Anuppur की रहने वाली श्रेयाश्री की है। उन्होंने बिना कोई ट्यूशन के ही दूसरे प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 71वां स्थान हासिल किया। उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा मिलना तय है।

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मम्मी- पापा से मिली प्रेरणा IIT Kanpur से पढ़ाई करने के बाद तो सीधे विदेश से नौकरी करने का ऑफर मिलते हैं। लेकिन यूपीएससी सिविल सेवा में आने का कैसे विचार हुआ, इस सवाल पर श्रेयाश्री बताती हैं कि उनके पापा जी दिनेश चौधरी पहले भारतीय वायु सेना में नौकरी करते थे। वहां 20 वर्ष की नौकरी के बाद रिटायर हुए और फिर तत्कालीन इलाहाबाद बैंक अब इंडियन बैंक में क्लर्क कैशियर की नौकरी कर रहे हैं। पिता की एयर फोर्स की नौकरी के दौरान ही श्रेया को देश सेवा की प्रेरणा मिली। फिर उनकी मां संगीता चौधरी ने भी उन्हें कहीं दूसरी जगह नौकरी करने से पहले आईएएस की परीक्षा देने के लिए मार्गदर्शन किया।


कोचिंग नहीं, सेल्फ स्टडी से मिली सफलता Shreyashree के पिता यूं तो बैंक में नौकरी करते हैं। अच्छी तनख्वाह मिलती थी। लेकिन इतनी भी आमदनी नहीं है कि परिवार का पालन पोषण करते हुए बेटी को लाखों रुपये की कोचिंग दिल्ली जैसे शहर में दिलवा सकें। इस स्थिति को जानते हुए श्रेया ने सेल्फ स्टडी को ही सहारा बनाया। वहीं अनूपपुर में ही तैयारी करती रही। लेकिन, पहले प्रयास में उसका पीटी भी क्लियर नहीं हुआ। इससे टेंशन लिए बिना दूसरी बार फिर से सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन भरा। इस बार पीटी भी निकला, मेंस एक्जाम भी क्लियर हुआ और इंटरव्यू में भी अपना परचम लहराया। आज जब रिजल्ट निकला तो उसका रैंक पूरे देश में 71वां था।

IAS  मिलना तय इस साल कुल 180 सफल अभ्यर्थियों को आईएएस बनाया जाएगा। इनमें से जनरल कैटेगरी से 72 अभ्यर्थी IAS बनेंगे। श्रेया बताती हैं कि उनका रैंक 71वां है। तो उनका IAS मिलना बिल्कुल तय है। वह बताती हैं कि उनके पिताजी बराबर कहते थे कि तैयारी करो तो सिर्फ IAS  बनने के लिए। उसी को लक्ष्य करके तैयारी की और आज यह सफलता मिली।

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इस वर्ष 685 उम्मीदवारों ने किया क्वालीफाई upsc civil services exam के अंतिम परिणाम में कुल 685 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है। जिसमें से 508 पुरुषों व 177 महिलाओं ने क्वालीफाई किया है। आयोग ने विभिन्न केंद्रीय सेवाओं में नियुक्ति के लिए उनके नामों की सिफारिश कर दी है।

Krishna Choudhary, Shreya Shree के दादा श्रेया गांव आती थी तो अन्य बच्चों के पढ़ाई पर भी ध्यान देती थी। बच्चों को पढ़ाती थी और पढ़ने के लिए मार्गदर्शन करती थी। साथ ही मुझसे कहती थी कि आप भी बच्चों से सुनिए कि उन लोगों ने क्या पढ़ा है। 1 बार श्रेया को नंबर कम आया था तो वह रोने लगी थी। लेकिन उसने हिम्मत करके कहा था उसे सफलता जरूर मिलेगी।