Success Story- सैलून चलाने वाले का बेटा, IPL 2022 में बना हीरो, जानिए इनकी कहानी
 

आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंटस् के बीच काफी रोमांचक मैच हुआ. रॉयल्स ने जायंट्स को 3 रन से हरा दिया. इस मैच में मध्य प्रदेश के रीवा के कुलदीप सेन राजस्थान टीम से अपन पहला मैच खेल रहे थे और एक तरह से हीरो बनकर उभरे. आइए जानते है आज रीवा की लाइफ स्टोरी। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk-  मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) से क्रिकेटर कुलदीप सेन (Kuldeep Sen Rewa Madhya Pradesh) आईपीएल 2022 में चमक गए. रविवार को उन्होंने अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स से अपना पहला मैच खेला. उन्होंने बेहद सधी गेंदबाजी (Kuldeep Sen Ipl 2022) की और अपनी टीम को जीत दिलाई. उनके पिता मध्य प्रदेश के रीवा में एक सैलून चलाते हैं.

उनका कहना है कि मुझे हमेशा लगता था कि बेटा घर से निकलकर स्कूल पढ़ने जाता है. एक दिन उसकी मां ने उसे एक मैच के लिए सिंगरौली भेजने की बात कही. उस दिन मुझे पता चला कि मेरा बेटा क्रिकेट भी खेलता है. पिता बताते हैं 'कुलदीप ने कहा आप टेंशन मत लो, मुझे मेरे फ्यूचर की फिक्र है. उस दिन के बाद से कभी उसे क्रिकेट के लिए नहीं रोका.'


 आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंटस् के बीच काफी रोमांचक मैच हुआ. रॉयल्स ने जायंट्स को 3 रन से हरा दिया. इस मैच में मध्य प्रदेश के रीवा के कुलदीप सेन राजस्थान टीम से अपन पहला मैच खेल रहे थे और एक तरह से हीरो बनकर उभरे. दरअसल, लखनऊ को मैच अपने नाम करने के लिए आखिरी ओवर में 15 रन की जरूरत थी.

कुलदीप ने बेहद सधी गेंदबाजी करते हुए अपनी टीम को 3 रन से मैच जीता दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुलदीप के पिता का रीवा में एक हेयर कटिंग सैलून चलाते हैं. 13 फरवरी को IPL 2022 की नीलामी के दौरान राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 20 लाख के बेस प्राइज में खरीद लिया था. एक मीडिया से चर्चा करते हुए  कुलदीप के पिता रामपाल और उनके कोच एरिल ने उनके अब तक की जर्नी के बारे में कई बातें की.

एक समाचार पत्र से बातचीत करते हुए कुलदीप के पिता रामपाल ने बताया कि मुझे हमेशा लगता था कि बेटा घर से निकलकर पढ़ने स्कूल जाता था. फिर पता चला कि उसने सेलेक्शन स्टेट लेवेल क्रिकेट टीम में हो गया. फिर उसकी मां ने मुझसे बेटे को सिंगरौली भेजने की बात कही. तब जाकर मुझे पता चला कि कुलदीप क्रिकेट भी खेलता है. तब मैंने उसे डांट भी लगाई थी. तब उसने कहा था कि आप टेंशन मत लो, मुझे भी करियर की फिक्र है. फिर मैंने उसे कभी भी क्रिकेट के लिए नहीं रोका.


कुलदीप के कोच एरिल का कहना है कि 2008 में पहली बार उनकी कुलदीप से मुलाकात हुई थी. वह बैटिंग की कोचिंग के लिए आया था. फिर मैंने उसकी फीजीक देखकर उसे फास्ट बॉलर बनने की सलाह दी थी. फिर वह राइट हैंड से मिडियम फास्ट बॉलिंग करने लगा. धीरे-धीरे वह गेंदबाजी में माहिर होने लगा.कोच का कहना है कि कुलदीप सेन गरीब घर का बच्चा था. लेकिन बचपन से ही खेल के प्रति उसकी गहरी लगन थी. वह काफी मेहनती था. उसके डेडिकेशन को देखते हुए मैंने उससे फीस नहीं लेनी की ठान ली. उसने कई अच्छे क्रिकेटर से सीखा और आगे बढ़ते गए.

परिवार का कहना है कि कुलदीप तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं. उनकी दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है. उन्होंने 2018 में रणजी में अपने डेब्यू किया था. वह मध्य प्रदेश के रणजी टीम के सदस्य हैं. फिलहाल वे रणजी की तैयारी कर रहे हैं.