Success Story : 8वीं में फेल होने वाले इस लड़के ने खड़ी कर दी खुद की कंपनी, छोटी उम्र में बना करोड़पति

Safalta Ki Kahani : तारें जमीं पर की ये पंक्ति "हर बच्चे की अपनी खूबी होती है अपनी काबिलियत होती है" ऐसी ही कहानी लुधियाना के त्रिशनित अरोड़ा पर सटीक बैठती है। आइए नीचे खबर में जानते हैं इनकी पूरी कहानी- 

 

HR Breaking News (नई दिल्ली) : स्कूली दिनों में फेल होने के बाद कई बार स्टूडेंट्स इतने निराश हो जाते हैं कि उन्हें अपना जीवन बेकार लगने लगता है। जबकि, पढ़ाई में असफल होने का यह मतलब नहीं होता कि आप जिंदगी में सफल नहीं हो सकते। साइबर सिक्योरिटी कंपनी, 'टैक सिक्योरिटी' के सीईओ त्रिशनित अरोड़ा इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं।

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कम्प्यूटर से था लगाव


लुधियाना के मध्यम परिवार में पैदा हुए इस लड़के का बचपन से ही पढ़ाई में मन नहीं लगता था। कम्प्यूटर के प्रति त्रिशनित इतने दीवाने थे कि दूसरे विषयों की किताब खोलकर नहीं देखते थे। परिणाम स्वरूप वो 8वीं तक की परीक्षा पास नहीं कर सके थे। आगे मां-बाप ने खूब कोशिश की, मगर त्रिशनित नहीं माने। फेल होने के बाद उन्होंने रेग्युलर पढ़ाई छोड़ दी और 12वीं तक की पढ़ाई कॉरेस्पॉन्डेंस से की।

19 साल की उम्र में अपने काम के लिए मिला था पुरस्कार


त्रिशनित कम्प्यूटर में ही करियर बनाना का फैसला कर चुके थे। त्रिशनित महज 19 साल के थे, जब उन्हें अपने काम के लिए 60 हजार रुपए का चेक मिला था। आगे उन्होंने एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में इतना काम किया कि नामी एथिकल हैकर बन गए। काम सीखने के बाद त्रिशनित ने 'टैक सिक्योरिटी' नाम की एक कंपनी खड़ी कर दी, जोकि आज करोड़ों रुपए का व्यापार करती है। 

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ये किताबें लिख चुके है त्रिशनित अरोड़ा


त्रिशनित हैकिंग पर 'हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा', 'दि हैकिंग एरा' जैसी शानदार किताबें भी लिख चुके हैं। 23 साल के त्रिशनित आज जिस मुकाम पर है, वो बताता है कि अगर हम किसी चीज को लेकर जूनून रखते हैं, और पूरी मेहनत से अपने सपने की तरफ बढ़ते हैं तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।