युवती ने अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए मांगी 23 लाख की क्राउडफंडिग, लोग ने किया ट्रोल, बोले..
HR Breaking News,(डिजिटल डेस्क): आजकल क्राउडफंडिंग(crowdfunding) करना काफी आम बात हो गई है। इसका अर्थ होता है कि अपनी मदद के लिए जनता से आर्थिक मदद लेना। कई संस्था, ट्रस्ट, वेबसाइट्स, और ग्रुप्स क्राउडफंडिंग (what is crowdfunding) की दिशा में सक्रिय हैं। ये लोगों से फीस के तौर पर कुछ रुपये लेकर उनकी जरूरतों को लोगों तक मदद पहुंचाती हैं। पैसे जुटाने के इस तरीके का इस्तेमाल पिछले काफी वक्त से सबसे ज्यादा बीमार लोगों के लिए किया जा रहा है। गरीब या जरूरतमंद लोग, जिनके पास पैसों की कमी है, वो इस तरह रुपये जुटाते हैं और इलाज करवाते हैं।
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इन दिनों एक युवती सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है जो लोगों की आर्थिक मदद चाहती है, मगर बीमारी का इलाज करवाने के लिए नहीं, विदेश जाकर एक बड़े संस्थान में पढ़ने के लिए! चंडीगढ़ की रहने वाली मुस्कान बावा (Muskaan Bawa crowdfunding campaign) पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ट्रोल (girl trolled for asking donations to study in foreign country) हो रही हैं। उसका कारण है उनका क्राउफंडिंग का प्लान। दरअसल, मुस्कान ने कीटो नाम की क्राउडफंडिंग वेबसाइट के जरिए लोगों से पढ़ाई के लिए मदद मांगी है।
विदेश में पढ़ने के लिए पैसे जुटा रही युवती
मुस्कान के पोस्ट के अनुसार उनका हार्वर्ड यूनिवर्सिटी(Harvard University) में एडमिशन हो चुका है और वो ह्यूमन डेवलपमेंट और एजुकेशन प्रोग्राम की फील्ड में परास्नातक(Masters in Human Development and Education Program) की पढ़ाई करने के लिए वहां जाना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि वो परिवार, दोस्तों और हार्वर्ड क्रेडिट यूनियन से लोन ले रही हैं। वो 4 साल कई नॉन प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन और सरकारी सेक्टर में भी काम कर चुकी हैं मगर उनकी बचत इतनी नहीं हो पाई कि वो एडमिशन के पैसे भर सकें। वहां जाकर आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने स्कॉलरशिप, लोन और पार्ट टाइम काम करने का भी फैसला किया है मगर फिलहाल पैसे कम होने के चलते वो लोगों से मदद मांग रही हैं। इस साइट के जरिए मुस्कान 23 लाख रुपये जुटाना चाहती हैं जिसमें से 13 लाख का दान लोगों ने अब तक उनके लिए कर दिया है।
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सोशल मीडिया पर होने लगीं ट्रोल
जब से उनके इस क्राउड फंडिंग का प्रचार कई सोशल मीडिया पेजेस ने शुरू किया है, तब से ही वो ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं। लोगों का कहना है कि भारत में ही कई बड़े संस्थान हैं, अगर युवती के पास इतने पैसे नहीं हैं, तो दूसरों के पैसे खर्च करने की जगह उसे अपने पैसों से भारत के बड़े से बड़े संस्थान में पढ़ना चाहिए। जबकि कई लोग तो ये भी कह रहे हैं कि ये डोनेशन का मजाक उड़ाने वाली बात है और लोगों को अपने पैसे, जरूरतमंदों को दान करना चाहिए जिनके पास कुछ भी नहीं है, ना कि ऐसे किसी को जो सिर्फ विदेश जाने के लिए पैसे जुटा रहा है।