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Car Insurance : गाड़ी में इस नुकसान पर मिलता है पूरा बीमा, कार रखने वाले जान लें ये जरूरी बात

Total Loss vs Constructive Total Loss : आप गाड़ी चलाते हैं, तो आपके लिए ये जरूरी हो जाता है कि आपको ड्राइविंग आने के अलावा कई अन्य चीजों के बारे में पूरी तरह पता हो। जैसे- गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी। दरअसल, गाड़ी का नुकसान होने पर इंश्योरेंस कंपनी इसकी भरपाई करती है। आज हम आपको बताने जा रहे है की गाड़ी में इस नुकसान पर मिलता है पूरा बीमा।

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Car Insurance : गाड़ी में इस नुकसान पर मिलता है पूरा बीमा, कार रखने वाले जान लें ये जरूरी बात

HR Breaking News, Digital Desk - गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं है तो ट्रैफिक पुलिस चालान काट सकती है. इसे खरीदना भी एक कला की तरह है. जब आप अपनी गाड़ी के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं, तो टोटल लॉस और कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस (CTL) जैसी अहम शर्तों को समझना जरूरी है. ये शर्तें निर्धारित करती हैं कि गाड़ी के डैमेज होने या चोरी होने पर आपको कितना मुआवजा मिलेगा.
इंश्योरेंस कंपनी गाड़ी डैमज होने या चोरी होने पर आपको इसकी वैल्यू का पैसा देती है. लेकिन यह कैसे तय होगा कि आपको कब पॉलिसी का पूरा पैसा मिलेगा. इसके लिए दो चीजों का इस्तेमाल किया जाता है- टोटल लॉस और कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस (CTL). इनके आधार पर बीमा कंपनी आपको इंश्योरेंस का पूरा पैसा अदा करती हैं.


टोटल लॉस


जब गाड़ी इतनी क्षतिग्रस्त हो जाती है कि उसे मरम्मत करना फाइनेंशियली तौर पर सही नहीं होता, तो उसे टोटल लॉस माना जाता है. मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, अगर मरम्मत का खर्च गाड़ी के बीमित घोषित मूल्य (Insured Declared Value: IDV) के 75 फीसदी से ज्यादा है, तो गाड़ी को टोटल लॉस माना जाता है.


कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस


जब गाड़ी चोरी हो जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है, लेकिन मरम्मत की जा सकती है, लेकिन मरम्मत की लागत IDV से ज्यादा होती है, तो इसे कंस्ट्रक्टिव टोटल लॉस (सीटीएल) माना जाता है. यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें गाड़ी की मार्केट वैल्यू से ज्यादा खर्च रिपेयरिंग में आता है. इसलिए बीमा कंपनी रिपेयर कराने में पैसा खर्च नहीं करती है.


मुआवजा


टोटल लॉस और सीटीएल दोनों मामलों में, इंश्योरेंस कंपनी गाड़ी के मालिक को IDV का भुगतान करती है. मतलब, अगर आपकी कार चोरी हो जाती है, तो बीमा कंपनी आपको इंश्योरेंस पॉलिसी का पूरा पैसा देगी. कार डैमेज होने पर रिपेयर का खर्च IDV के 75 फीसदी या IDV से ज्यादा है, तो भी IDV के जितना पैसा मिल जाएगा.
 

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