Delhi वालों अब हो जाओ सावधान, दिल्ली में इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा लागू

HR Breaking News, Digital Desk- आने वाले समय में दिल्ली में परिवहन व्यवस्था पर निगरानी रखने के लिए पूरा तंत्र बदल जाएगा। विकसित देशों की तरह दिल्ली में इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आइटीएस) तैयार किया जाएगा। इस योजना में सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित हाई रिजाल्यूशन कैमरों से 24 घंटे निगरानी रखेगी।
नियमों का उल्लंघन करने वालों को ई-चालान भेजा जाएगा। इस प्रणाली से यातायात को व्यवस्थित करने और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कुशल बुनियादी ढांचे के उपयोग को बढ़ावा देकर यातायात की समस्याओं को कम करेगी।
अभी यह व्यवस्था नार्वे, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, रूस, आस्ट्रेलिया व इटली आदि देशों में है। देश में भी केंद्र सरकार ने 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर डासना के पास पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लांच किया था, जिस पर अभी ट्रायल चल रहा है।
आइटीएस एक क्रांतिकारी अत्याधुनिक तकनीक है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की यह योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जाएगी और फिर पूरी दिल्ली में लागू होगी। परिवहन विभाग इस परियोजना में ट्रैफिक पुलिस, लोक निर्माण विभाग व स्वास्थ्य विभाग को भी शामिल करेगा।
इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में भी मदद मिलेगी। यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहनों के चालान स्वत: जेनरेट होंगे और वाहन मालिक के पास ई-चालान पहुंचेगा। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कौन दोषी है, इसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा। डाटा को ई-चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा।
वहीं, एआइ सक्षम कैमरों का उपयोग बसों की लेन जांच के लिए भी किया जाएगा। वे पता लगाएंगे कि वाहन बस लेन में चल रहे हैं या उनमें वाहन पार्क किए जा रहे हैं। फिलहाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सक्षम कैमरों की खरीद और उसे साफ्टवेयर के साथ एकीकृत करने की योजना बनाई जा रही है।
प्रत्येक लेन में दो कैमरे लगाए जाएंगे-
परिवहन विभाग के अनुसार, आइटीएस का उपयोग मुख्य रूप से ओवरस्पीडिंग, बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट वाले वाहन चालकों के साथ-साथ दोपहिया वाहनों पर मोबाइल फोन के उपयोग तथा लालबत्ती जंप करने समेत सभी तरह के यातायात नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए होगा।
इसमें कैमरा नंबर प्लेट पढ़ लेगा और सिस्टम वाहन के मालिक की पहचान करेगा और अन्य विवरण भी तैयार करेगा। यह भी पता लगाएगा कि वाहन के पास वैध पीयूसीसी है या नहीं। प्रत्येक लेन में दो कैमरे लगाने की योजना है। एक नंबर प्लेट पढ़ने पर केंद्रित होगा और दूसरा ओवरलोडिंग या सीट बेल्ट न पहनने जैसे ट्रैफिक उल्लंघनों को पकड़ेगा।