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UP में यहां बनेगा 22 किलोमीटर का सबसे लंबा फ्लाईओवर, 20 गावों की जमीन का होगा अधिग्रहण, सर्वे हुआ शुरू

यूपी में अलीगढ़ में हरदुआगंज दाऊद खां के बीच सबसे लंबा 22 किलोमीटर का फ्लाईओवर बनने जा  रहा है। फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 20 गांवों की जमीन अधिग्रहित होगी। 

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HR Breaking News (नई दिल्ली)। अलीगढ़ में हरदुआगंज-दाऊद खां के बीच प्रस्तावित रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण के लिए कोल एवं गभाना तहसील के 20 गांवों की करीब 114.1 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी। इसके लिए रेल एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें सर्वे कार्य में जुटी हुई हैं।

इस लगभग 22 किलोमीटर लंबे रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण की आवश्यकता समझते हुए करीब 1250 करोड़ रुपये की लागत का आवश्यक होगा। यह उपनगरीय इलाके में सबसे लंबा फ्लाईओवर बनेगा और इसका निर्माण योजना वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के डिजायन में कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया गया है और इसके पश्चात्, निर्माण कार्यों की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

इस फ्लाईओवर के निर्माण से ट्रेनों के संचालन में कोई देरी नहीं होगी, जो अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से हरदुआगंज-बरेली तक की ब्रांच रेल लाइन पर होती थी। इस लाइन से हावड़ा की ओर और हरदुआगंज-बरेली जाने वाली ट्रेनें हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य मार्ग से गुजरती हैं, जिससे यह महत्वपूर्ण रेल मार्ग हो जाता है और ट्रेनों को स्टेशन पर रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

इस परियोजना के तहत, कोल तहसील के 18 गांवों और गभाना तहसील के 2 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। कोल क्षेत्र के गांवों में इसमें शामिल होने वाले गांवों के नाम चिरौला, दाऊद खां, पड़ियावली, नगला पानखानी, भदेसी माफी, रहमतपुर गढ़मई, कमलापुर, अली नगर, सिंधौली, बरौला-जाफराबाद, इलियासपुर, महरावल, चुआवली, बरई-सुभानगढ़ी, सिया खास, रठगांव, इमलौठ, छेरत सुढ़ियाल और खेरूपुरा शामिल हैं। गभाना तहसील से जमालपुर सिया और रफीपुर सिया गांवों की जमीन भी इस परियोजना के तहत ली जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, किसानों को मुआवजा भी दिया जाएगा।

इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत, रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण से अलीगढ़ क्षेत्र के संचालन में बेहतरी होगी। नक्शा, ड्राइंग, और डिजाइन समेत सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं और जमीन के अधिग्रहण के साथ-साथ, 2025 तक यह परियोजना पूर्ण की जाने की योजना बनाई गई है। वर्तमान में रेलवे और राजस्व विभाग द्वारा सर्वे और अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं तेजी से प्रारंभ की जा चुकी हैं। इसके बाद जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।