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UP में बनेगा 700 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे, 22 जिलों और 37 तहसीलों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी

UP New Expressway : उत्तर प्रदेश को देश के हर राज्य और जिले के साथ कनेक्ट करने के लिए योगी सरकार नए-नए एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण करवा रही है। अब सरकार ने एक और बड़ी सौगात दी है। यूपी में 700 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। यह एक्सप्रेसवे कई जिलों और शहरों को एक साथ कनेक्ट करेगा।

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UP में बनेगा 700 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे, 22 जिलों और 37 तहसीलों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी 

HR Breaking News - (New Expressway)। भारत देश में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा लगातार सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। देश में राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का जाल बिछाकर पूरे देश की कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा रहा है। देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई के बीच बन रहा है।

उत्तर प्रदेश भी जल्द ही दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi Meerut Expressway), यमुना एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होने वाला है। सरकार ने उत्तर प्रदेश की सबसे लंबा एक्सप्रेसवे को बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। अब यूपी में 570 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) के राज्य का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। लेकिन जल्द ही यह दूसरे नंबर पर जाने वाला है, क्योंकि सरकार अब 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी कर रही है।

यूपी में बनेगा 750 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे - 


फिलहाल मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा 750 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे राज्य का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को आपस में जोड़ता है। लेकिन जल्द ही गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Shamli Expressway) गंगा एक्सप्रेसवे को पीछे छोड़ने वाला है, क्योंकि गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे 700 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा।

यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड होगा और इसे 6 लाइन बनाया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) के बाद गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे भी पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक साथ कनेक्ट करेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से लाखों लोगों का सफर आसान हो जाएगा। इन दोनों शहरों के बीच की दूरी मात्र 6 घंटे की रह जाएगी। 


22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे - 


बता दें कि गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे  राज्य की 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। इससे इन जिलों में परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी। इसके साथ ही यहां जमीन के रेट (property rate) भी साथ में आसमान पर जा सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से गोरखपुर और शामली के बीच की दूरी लगभग 200 किलोमीटर तक काम हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि एक्सप्रेसवे  से ऊर्जा की सभी जरूरत को सौर ऊर्जा (Solar Energy Expressway) के जरिए पूरा किया जाएगा। 


8 घंटे में पूरा होगा गोरखपुर से हरिद्वार सफर - 


गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Shamli Expressway) बनने से इन दो शहरों के बीच की दूरी ही काम नहीं होगी। इसके अलावा, मसूरी, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, पोंटा साहिब, देवबंद और चारधाम वाले यात्रियों को भी इसका लाभ होगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से गोरखपुर से हरिद्वार पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। यह सफर मात्र 8 घंटे में पूरा हो सकेगा। इतने ही समय में देहरादून और ऋषिकेश तक पहुंचा जा सकेगा। 

यूपी के इन जिलों को होगा फायदा


गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे यूपी के इन प्रमुख जिलों से गुजरेगा। जिससे यहां कनेक्टिविटी बेहतर होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। गोरखपुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, बहराइच, सीतापुर, लखनऊ, हरदोई, बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, आगरा, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ, शामली। 

 NHAI इस एक्सप्रेसवे की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर (DPR) तैयार कर रहा है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Shamli Expressway) के लिए कई जिलों में सर्वे भी पूरा हो चुका है। भूमि अधिग्रहण समेत इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 35,000 करोड़ रुपये है। इस प्रोजेक्ट का काम पूरा होने पर गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे न सिर्फ उत्तर प्रदेश का, बल्कि देश की सबसे महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं में से एक होगा।