7th Pay Commission : लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, अब नहीं मिलेगा ये भत्ता
7th Pay Commission : देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट. दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से जारी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि अब केंद्रीय कर्मचारियों को ये भत्ता नहीं मिलेगा... सरकार की ओर से जारी इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-

HR Breaking News, Digital Desk- (7th Pay Commission) केंद्र सरकार ने ड्रेस अलाउंस नियमों में बदलाव किया है, जिससे लाखों कर्मचारियों (employees) पर असर पड़ेगा. अब नए कर्मचारियों को पूरे साल का भत्ता नहीं मिलेगा, बल्कि यह प्रो-रेटा आधार पर दिया जाएगा. इसका मतलब है कि यदि आप साल के बीच में नौकरी जॉइन करते हैं, तो आपको केवल उतने ही महीनों का भत्ता मिलेगा जितने महीने आपकी जॉइनिंग (joining) से अगले जून तक बचे हैं.
ड्रेस अलाउंस में क्या हुआ बदलाव?
- केंद्र सरकार ने ड्रेस अलाउंस के नियमों में जो बदलाव किया है, उसका असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जो जुलाई 2025 के बाद नौकरी शुरू करेंगे.
- पहले की व्यवस्था में अगर कोई कर्मचारी साल के किसी भी महीने में नौकरी जॉइन करता था तो उसे पूरे साल का ड्रेस अलाउंस मिलता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
- नए नियम के तहत, अगर आप जुलाई 2025 के बाद जॉइन करते हैं तो आपको केवल उन महीनों का भत्ता मिलेगा जो आपकी जॉइनिंग की तारीख से लेकर अगले साल जून तक होंगे. यानी, अगर आप अक्टूबर में जॉइन करते हैं तो आपको सिर्फ 9 महीनों का ड्रेस अलाउंस मिलेगा न कि पूरे 12 महीनों का.
वित्त मंत्रालय ने मार्च 2025 में घोषणा की कि ड्रेस अलाउंस (dress allowance) अब प्रो-रेटा आधार पर मिलेगा. इसका अर्थ है कि भत्ता आपकी ज्वाइनिंग की तारीख के अनुसार तय होगा. यह बदलाव लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (central government employees) को प्रभावित करेगा जो हर साल सेवाओं में शामिल होते हैं, जिससे उन्हें मिलने वाले भत्ते की गणना (calculation) में पारदर्शिता आएगी.
कैसे होगी ड्रेस अलाउंस की गणना?
नए नियम के तहत ड्रेस अलाउंस की गणना एक खास फॉर्मूले के आधार पर होगी. वित्त मंत्रालय ने इस फॉर्मूले को बेहद साफ और सरल तरीके से समझाया है. फॉर्मूला है: (How will dress allowance be calculated?)
(ऐनुअल ड्रेस अलाउंस ÷ 12) x (जॉइनिंग के महीने से अगले साल जून तक के महीनों की संख्या)
आइए, इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं. मान लीजिए, कोई कर्मचारी अक्टूबर 2025 में नौकरी जॉइन करता है. अब, अक्टूबर से अगले साल जून तक कुल 9 महीने होते हैं. अगर उस कर्मचारी का ड्रेस अलाउंस 20,000 रुपये सालाना है, तो गणना इस तरह होगी:
ऐनुअल ड्रेस अलाउंस = 20,000 रुपये
प्रति माह अलाउंस = 20,000 ÷ 12 = 1,666.67 रुपये
9 महीनों का अलाउंस = 1,666.67 x 9 = 15,000 रुपये (लगभग)
इस तरह, उस कर्मचारी को पूरे 20,000 रुपये की जगह सिर्फ 15,000 रुपये ही ड्रेस अलाउंस के रूप में मिलेंगे. पहले की व्यवस्था में उसे पूरे बीस हजार रुपये मिलते भले ही वह साल के किसी भी महीने में जॉइन करता. इस नए नियम से सरकार (government) का मकसद वित्तीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करना और अनावश्यक खर्च को कम करना बताया जा रहा है.
कितना मिलता है ड्रेस अलाउंस?
सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के तहत ड्रेस अलाउंस की राशि कर्मचारियों (employees) के वर्ग और उनकी सेवा के आधार पर तय की गई है. अलग-अलग विभागों और सेवाओं के कर्मचारियों को अलग-अलग राशि दी जाती है. आइए, इसे विस्तार से देखते हैं:
20 हजार रुपये सालाना ड्रेस अलाउंस-
आर्मी, नेवी, और एयरफोर्स के अधिकारी: इन तीनों सेनाओं के अधिकारियों को हर साल 20,000 रुपये का ड्रेस अलाउंस मिलता है.
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF): बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, और सीआईएसएफ जैसे बलों के कर्मचारियों को भी 20,000 रुपये सालाना भत्ता दिया जाता है.
कोस्ट गार्ड: कोस्ट गार्ड के कर्मचारियों को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है और उन्हें 20,000 रुपये सालाना मिलते हैं.
10 हजार रुपये सालाना ड्रेस अलाउंस-
मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (MNS) अधिकारी: इन अधिकारियों को हर साल 10,000 रुपये का भत्ता दिया जाता है.
दिल्ली, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दमन-दीव, और दादर-नगर हवेली पुलिस सेवा: इन यूनियन टेरिटरी पुलिस सेवाओं के कर्मचारियों को 10,000 रुपये सालाना मिलते हैं.
कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज, और नारकोटिक्स डिपार्टमेंट: इन विभागों के कर्मचारियों को भी 10,000 रुपये का भत्ता दिया जाता है.
इंडियन कॉर्पोरेट लॉ सर्विस (ICLS) अधिकारी: इन अधिकारियों को भी 10,000 रुपये सालाना मिलते हैं.
NIA के कानूनी अधिकारी: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के लीगल ऑफिसर्स को भी इस श्रेणी में रखा गया है.
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन: इस विभाग के कर्मचारियों को भी 10,000 रुपये का भत्ता मिलता है.
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF): RPF के कर्मचारियों को भी 10,000 रुपये सालाना ड्रेस अलाउंस दिया जाता है.
रेलवे स्टेशन मास्टर: रेलवे के स्टेशन मास्टर्स भी इस श्रेणी में आते हैं और उन्हें 10,000 रुपये मिलते हैं.
डिफेंस सर्विसेज और यूनियन टेरिटरी पुलिस: इन सेवाओं के कर्मचारियों को भी 10,000 रुपये का भत्ता मिलता है.
5 हजार रुपये सालाना ड्रेस अलाउंस-
रेलवे ट्रैकमैन: रेलवे के ट्रैकमैन कर्मचारियों (Railway Trackman employees)
को हर साल 5,000 रुपये का भत्ता मिलता है.
रनिंग स्टाफ: रेलवे के रनिंग स्टाफ, जैसे लोको पायलट (locopilot) और गार्ड, को भी 5,000 रुपये सालाना मिलते हैं.
स्टाफ कार ड्राइवर: सरकारी स्टाफ कार ड्राइवरों (drivers) को भी इस श्रेणी में रखा गया है.
गैर-सांविधिक विभागीय कैंटीन कर्मचारी: इन कर्मचारियों (employees) को भी 5,000 रुपये का भत्ता दिया जाता है.