7th pay commission : सरकारी कर्मचारियों की पेंशन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव, विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन
7th pay commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी. दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है. जिससे लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा... सरकार की ओर से जारी इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-

HR Breaking News, Digital Desk- (7th pay commission) पेंशन नियमों में सरकार ने फिर बड़ा बदलाव किया है, जिससे लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा. अब रिटायरमेंट से ठीक पहले जिनकी सैलरी बढ़ती है, उन्हें भी उस इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा. इसी बढ़ी हुई सैलरी के आधार पर उनकी पेंशन की गणना होगी. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी (central employees) सालाना वेतन बढ़ोतरी से ठीक एक दिन पहले रिटायर हो जाता है तो भी उसके पेंशन की गणना करने से पहले सालाना इंक्रीमेंट का भी लाभ दिया जाएगा. इसका मतलब है कि पेंशन के लाभ की गणना (calculation of pension benefits) करने से पहले एसे कर्मचारियों को सालाना इंक्रीमेंट का लाभ दिया जाएगा. इस इंक्रीमेंट को कर्मचारी की सैलरी में जोड़ने के बाद ही रिटायरमेंट के पैसों यानी पेंशन आदि की गणना की जाती है.
कब रिटायर होने पर मिलेगा लाभ-
विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हो जाता है, जबकि इसके ठीक एक दिन बाद यानी 1 जनवरी और 1 जुलाई को महंगाई भत्ता बढ़ना होता है, तो उसकी पेंशन की गणना करने से पहले सालाना इंक्रीमेंट का लाभ जोड़ दिया जाता है. इस इंक्रीमेंट को जोड़ने के बाद ही कर्मचारी को रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्त रकम और उसके बाद पेंशन की गणना की जाएगी.
क्यों किया गया ऐसा बदलाव-
सेंट्रल सिविल सर्विसेज (रिवाइज्ड पे) रूल, 2006 के सेक्शन 10 के तहत हर साल 1 जुलाई को सालाना इंक्रीमेंट किया जाता है. साल 2016 में यह इस सालाना इंक्रीमेंट को दो भाग में बांट दिया गया, 1 जनवरी और 1 जुलाई. अगर कोई कर्मचारी 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हो जाता है, वह सालाना इंक्रीमेंट का लाभ उठाने से 1 दिन पीछे रह जाता है. इसका असर कर्मचारी के पेंशन कैलकुलेशन पर भी पड़ता है और इसी असर से कर्मचारियों को बचाने के लिए सरकार ने नियमों में यह बदलाव किया है.
हाईकोर्ट ने पहले ही दिया था आदेश-
मद्रास हाईकोर्ट (Madras Highcourt) ने साल 2017 में ही इस बारे में व्यापक फैसला दिया था और तभी से सरकार का ध्यान इस तरफ है. अदालत ने तब एक रिटायर कर्मचारी के हित में फैसला दिया था. इसके बाद साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court decision) ने भी ऐसा ही एक फैसला दिया और कहा कि ऐसे कर्मचारियों को काल्पनिक वृद्धि का लाभ दिया जाना चाहिए. इस निर्णय को साल 2024 में कुछ शर्तों के साथ अन्य समान मामलों पर भी लागू किया गया. आखिरकार सरकार ने इस बारे में सभी कर्मचारियों को लाभ देने का फैसला किया है.
सरकार ने पूरी कर ली माथापच्ची-
सरकार ने 1 जुलाई और 1 जनवरी को वेतन वृद्धि प्राप्त करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़े मामले की पूरी जांच-पड़ताल की है, जिसमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं जो इन तारीखों से ठीक एक दिन पहले सेवानिवृत्त हो गए हैं. कार्मिक विभाग ने व्यय विभाग और कानून मंत्रालय से सलाह लेने के बाद यह निर्णय लिया है कि ऐसे कर्मचारियों (employees) को काल्पनिक वेतन वृद्धि दी जा सकती है. हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) के आदेशों के अनुसार, यह काल्पनिक वेतन वृद्धि केवल गणना के उद्देश्य से होगी और इसके .आधार पर कोई बकाया (एरियर) देय नहीं होगा.