home page

7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता होगा शून्य, बदल जाएगा कैलकुलेशन, NPS में भी होंगे ये बदलाव

7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है। दरअसल, कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का तोहफा मिल चुका है। लेकिन कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (DA) का एक नियम है। केंद्र सरकार ने साल 2016 में जब सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) लागू किया तो उस वक्त महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया गया था।  नियमों के अनुसार, महंगाई भत्ता (DA Hike) शून्य कर दिया जाएगा और 50 फीसदी के अनुसार जो पैसा भत्ते के रूप में कर्मचारियों को मिल रहा होगा, उसे बेसिक सैलरी यानि न्यूनतम सैलरी में जोड़ दिया जाएगा। आईये नीचे जानते हैं पूरी डिटेल...

 | 

HR Breaking News (ब्यूरो)। DA Hike Update - केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल, सरकार ने कर्मचारियों को हाली से पहले महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का तोहफा दिया है। जिसके बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (dearness allowance) 46 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। लेकिन, अब सवाल ये उठ रहा है कि 50 फीसदी महंगाई भत्ता पहुंचने पर इसे शून्य किया जाना है। ये कब होगा और किस तरह इसका मर्ज होगा और कब सरकार इसका ऐलान करेगी या नोटिफिकेशन जारी करेगी। आइए नीचे खबर में जानते हैं पूरी जानकारी-  
 

 

  

शून्य के आगे से ही शुरू होगी गणना

साल 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) का गणित बदलने जा रहा है. दरअसल, जनवरी से लागू होने वाले महंगाई भत्ते की तस्वीर साफ हो गई है। कर्मचारियों (employees)को 50 फीसदी महंगाई भत्ता मिलना है। जनवरी 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 50 फीसदी मिलेगा।

नियम ये कहता है कि 50 फीसदी महंगाई भत्ता होने के बाद इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करके शून्य से इसकी गणना शुरू होगी. लेकिन, सरकार अभी तक इस पर कोई सफाई नहीं दी. मतलब अभी महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन 50 फीसदी से आगे ही चलेगी. लेकिन, शून्य कब किया जाएगा?

 

 

 

यहां जानिये कब से बदलेगा महंगाई भत्ते का गणित?

सरकार ने साल 2016 में 7वां वेतन आयोग (7th pay commission) लागू करते वक्त महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया था। नियमों के मुताबिक, महंगाई भत्ता जैसे ही 50 फीसदी तक पहुंचेगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा और 50 फीसदी के अनुसार जो पैसा भत्ते के रूप में कर्मचारियों को मिल रहा होगा, उसे बेसिक सैलरी यानि न्यूनतम सैलरी में जोड़ (da merger basic salary) दिया जाएगा।
 

मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18000 रुपए है तो उसे 50 फीसदी DA का 9000 रुपए मिलेगा. लेकिन, 50 फीसदी DA होने पर इसे बेसिक सैलरी में जोड़कर फिर से महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा. मतलब बेसिक सैलरी का रिविजन होकर 27,000 रुपए हो जाएगी. हालांकि, इसके लिए सरकार को फिटमेंट में भी बदलाव करना पड़ सकता है.

क्यों शून्य किया जाएगा कर्मचारियों का महंगाई भत्ता?

जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है. हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया. उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था. इसलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में तीन साल लग थे. 

अब कब शून्य होगा महंगाई भत्ता?

एक्सपर्ट्स की मानें तो जुलाई में नया महंगाई भत्ता कैलकुलेट होगा. क्योंकि, सरकार साल में दो बार ही महंगाई भत्ता बढ़ाती है. जनवरी के लिए मार्च में मंजूरी दे दी गई है. अब अगला रिविजन जुलाई 2024 से लागू होना है. ऐसे में महंगाई भत्ते को तभी मर्ज किया जाएगा और शून्य से इसकी कैलकुलेशन होगी. मतलब जनवरी से जून 2024 के AICPI इंडेक्स से तय होगा कि महंगाई भत्ता 3 फीसदी, 4 फीसदी या उससे ज्यादा होगा. ये स्थिति साफ होते ही कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 50 फीसदी महंगाई भत्ते को जोड़ दिया जाएगा.  

सरकार पर बढ़ता है वित्तीय बोझ

साल 2006 में छठे वेतन आयोग के समय नए वेतनमान को 1 जनवरी 2006 से लागू किया गया था, लेकिन इसकी अधिसूचना 24 मार्च 2009 को जारी की गई थी. इस देरी की वजह से सरकार को 39 से 42 महीने का डीए एरियर (DA Arrear) 3 किस्तों में 3 वित्तीय वर्षों 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 में भुगतान किया गया था. नया पे स्केल भी बनाया गया था. पांचवें वेतनमान में 8000-13500 वाले वेतनमान में 8000 पर 186 प्रतिशत DA 14500 रुपए होता था.

इस लिए दोनों को जोड़ने पर कुल वेतन 22 हजार 880 हुआ. छठे वेतनमान में इसका समकक्ष वेतनमान 15600 -39100 प्लस 5400 ग्रेड पे निर्धारित किया गया. छठे वेतनमान में यह वेतन 15600-5400 प्लस 21000 और उस पर एक जनवरी 2009 को 16 प्रतिशत डीए 2226 जोड़ने पर कुल वेतन 23 हजार 226 रुपए तय किया गया. चौथे वेतन आयोग की सिफारिशें 1986, पांचवें की 1996, छठे की 2006 में लागू हुईं. सातवें कमीशन की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू हुई।  

कर्मचारियों की पेंशन स्कीम में होगा ये बदलाव


नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में इस साल केंद्र सरकार की ओर से संशोधन किया जा सकता है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट भुगतान के तौर पर उनकी अंतिम सैलरी की कम के कम 40-45 फीसदी पेंशन मिल सके। इसकी सिफारिश हाई-लेवल पैनल द्वारा की गई थी। हालिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से जुड़ी 2 लोगों ने बताया कि फिलहाल इस मामले पर विचार किया जा रहा है।


पेंशन स्कीम में क्या होगा बदलाव


NPS में सरकार कुछ बदलाव कर सकती है। संशोधित पेंशन स्कीम मार्केट रिटर्न से जुड़ी रहेगी। लेकिन सरकार कर्मचारी की आखिरी सैलरी का कम से  कम 40 फीसदी देने के सिस्टम पर काम कर सकती है।  रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी का कहना है कि सरकार एक आधार राशि सुनिश्चित कर सकती है। इसका मतलब है कि अगर भुगतान आधार राशि से कम है तो सरकार को पेंशन में कमी को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ेगा। हाल फिलहाल कर्मचारी औसतन 36 फीसदी से 38 फीसदी के बीच रिटर्न मिलता है।


न्यू पेंशन स्कीम (NPS) पर क्यों है विवाद


पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के तहत कर्मचारियों को को रिटायरमेंट के समय मिले वेतन का 50 फीसदी मासिक लाभ दिया जाता था। साल 2004 में शुरू की गई मौजूदा मार्केट-लिंक्ड पेंशन प्लान ऐसी कोई गारंटीड आधार रकम प्रदान नहीं करती है। 
नई पेंशन स्कीम में एक और विवाद है। NPS में कर्मचारी की सैलरी का 10 फीसदी योगदान होता है  और सरकार का 14 फीसदी का योगदान होता है। जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता है। इसके अलावा एनपीएस पेंशनर्स को रिटायरमेंट के समय कोष का 60 फीसदी टैक्स फ्री और 40 फीसदी हिस्सा कर भुगतान के योग्य होता है।  

आठवें वेतन आयोग पर सरकार का मूड


केंद्रीय कर्मचारियों लंबे समय से आठवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में सरकार ने आठवें वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है। सरकार ने यह साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार की आम चुनाव 2024 से पहले लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग (8th pay commission) गठित करने की कोई योजना नहीं है। ये बयान वित्तसचिव टी.वी. सोमनाथन ने दिया है। वित्तसचिव ने कहा, "आठवां वेतन आयोग गठित करने के संबंध में कोई योजना नहीं है। फिलहाल ऐसा कुछ लंबित नहीं है।


दरअसल, पहले से ही आम चुनाव से पहले केंद्र सरकारें अपने कर्मियों, सशस्त्रबल कर्मियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को लुभाने के लिए वेतन आयोगों (New pay commission) के गठन या उनकी सिफ़ारिशों को लागू करने को असरदार औज़ार की तरह इस्तेमाल करती रही हैं। साल 2013 के सितंबर माह में, कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा आम चुनाव 2014 से कुछ ही माह पहले, कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA ने 7वां वेतन आयोग का गठन किया था।