home page

8th Pay Commission : अब नहीं आएगा आठवां वेतन आयोग, इस फॉर्मूले से बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी

8th Pay Commission : केंद्र सरकार की ओर से हर दस साल में एक पे कमीशन यानी वेतन आयोग का गठन किया जाता है।  कर्मचारियों का सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission) 2014 में बनाया गया था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। अब कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग का बेसब्री इंतजार है। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि नए वेतन आयोग को लेकर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। नए फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ौतरी की जाएगी।
 | 

HR Breaking News, Digital Desk- 7th Pay Commission Latest Update - केंद्र सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है।  सूत्रों की मानें तो अगला वेतन आयोग (8th Pay Commission) आए या न आए, लेकिन वेतन में बढ़ोतरी का नया फॉर्मूला तैयार किया जाएगा.

 

 

 

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से सैलरी बढ़ाने की जगह अब नए फॉर्मूले (New Formula) से बेसिक सैलरी (Basic Salary) बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. इसके अलावा हर साल मूल वेतन बढ़ाने की योजना है. हालांकि, नया फॉर्मूला 2024 के बाद लागू किया जा सकता है।

 

हर साल तय किया जाएगा मूल वेतन

सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन तय करने के लिए नए फॉर्मूले से हर साल केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन तय किया जाएगा. हालांकि, इस मामले में सरकार की ओर से इस तरह से किसी डेवलपमेंट के बारे में पुष्टि नहीं की है. सूत्रों का मानना ​​है कि अब समय वेतन आयोग से अलग से वेतन बढ़ाने के फार्मूले पर विचार करने का है. हर साल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

जानिये, किस नए फॉर्मूले पर हो रही है चर्चा?

केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए एक्रोयड फॉर्मूला पर विचार किया जा सकता है. इस नए फॉर्मूले की चर्चा लंबे समय से हो रही है. दरअसल, वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होता है. इस पर हर छह महीने में महंगाई भत्ता (DA Hike) संशोधित किया जाता है.

लेकिन मूल वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जानकारों के मुताबिक, नए फॉर्मूले से कर्मचारियों के वेतन को महंगाई दर, रहने की लागत और कर्मचारी के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा. इन सभी चीजों के आकलन के बाद हर साल वेतन में बढ़ोतरी होगी. यह बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा निजी क्षेत्र की कंपनियों में होता है.

नया फॉर्मूला क्यों बनाया जा सकता है?

सरकार का ध्यान इस बात पर है कि सभी वर्ग के कर्मचारियों को समान लाभ मिले. अभी ग्रेड-पे के हिसाब से सभी की सैलरी में बड़ा अंतर है. लेकिन, नए फॉर्मूला आने के बाद इस अंतर को भी पाटने का प्रयास किया जा सकता है. वर्तमान में सरकारी विभागों में 14 पे ग्रेड हैं. हर पे-ग्रेड में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल हैं. लेकिन, उनके वेतन में बड़ा अंतर है. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया से बताया कि को बताया कि सरकार का मकसद केंद्रीय कर्मचारियों के रहन-सहन की स्थिति में सुधार करना है. नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर चर्चा नहीं हुई है. 8वें वेतन आयोग में क्या होगा, यह कहना जल्दबाजी होगी.

वेतन संरचना का नया फॉर्मूला-

जस्टिस माथुर ने 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के समय ही संकेत दिया था कि हम वेतन ढांचे को नए फॉर्मूले में ले जाना चाहते हैं. इसमें रहने के खर्च को ध्यान में रखकर वेतन तय किया जाता है. समय की मांग है कि महंगाई की तुलना में कर्मचारियों को वेतन दिया जाए. बता दें, Aykryod Formula लेखक वालेस रुडेल एक्रोयड ने दिया था. उनका मानना ​​था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़े सबसे महत्वपूर्ण हैं. अगर इन सब चीजों के दाम बढ़ते हैं, तो कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जानी चाहिए.  

आठवें वेतन आयोग पर सरकार की दो टूक


केंद्र सरकार की आम चुनाव 2024 से पहले लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग गठित करने की अभी कोई योजना नहीं है।  वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि फिलहाल इस तरह के किसी भी प्लान पर कोई विचार नहीं चल रहा है। सोमनाथन ने कहा कि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की कोई प्लानिंग नहीं है और अभी लंबित भी नहीं है।


पुरानी पेंशन पर क्या बोले वित्त सचिव?


केंद्र सरकार ने पेंशन स्कीम की समीक्षा के लिए वित्त सचिव की अगुवाई में कमेटी का गठन किया था। फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने कहा कि हमने सभी पक्ष से सलाह-मशविरा कर लिया है और जल्दी इस मसले पर अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी जाएगी।  ऐसा अनुमान है कि सरकार नई पेंशन स्कीम (NPS) और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के बीच कोई की कोई ऐसी योजना ला सकती है, जिसके जरिए सरकारी कर्मचारियों (Government Employees Pension) को उनके आखिरी वेतन का 40-45 फीसदी पेंशन के रूप में मिल पाए।  

पुरानी पेंशन योजना पर RBI


केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई भत्ते से संबद्ध पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)  को लेकर आगाह किया है। RBI ने कहा है कि इसे लागू करने से राज्यों के वित्त पर काफी दबाव पड़ेगा और विकास से जुड़े खर्चों के लिए उनकी क्षमता सीमित हो जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक की ‘राज्यों के वित्त: 2023-24 के बजट का एक अध्ययन’ विषय पर जारी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि समाज और उपभोक्ता के लिहाज से अहितकर वस्तुओं और सेवाओं, सब्सिडी और अंतरण तथा गारंटी पर प्रावधान से उनकी वित्तीय स्थिति गंभीर स्थिति में पहुंच सकती है।


इन राज्यों ने लागू की पुरानी पेंशन योजना


राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने केंद्र सरकार और पेंशन कोष नियामक (Pension Fund Regulator) और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS)  लागू करने के फैसले के बारे में सूचित किया है।  वित्त मंत्रालय ने हाल ही में संसद में किया को इन राज्य सरकारों ने नई पेंशन योजना (NPS) में अपने कर्मचारियों के योगदान की राशि वापस करने का अनुरोध किया है।