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8th Pay Commission : लग गया पता, 1.2 करोड़ कर्मचारियों को इसलिए लगेगा आठवें वेतन आयोग पर झटका

8th Pay Commission Update : एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स लंबे समय से आठवें वेतन आयेाग के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि इसे 2026 में लागू किया जाएगा। लेकिन, अभी तक सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की तारीख का ऐलान नहीं किया है। इसी बीच नए वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों को एक बड़ा झटका लगा है। चलिए जानते हैं -
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8th Pay Commission : लग गया पता, 1.2 करोड़ कर्मचारियों को इसलिए लगेगा आठवें वेतन आयोग पर झटका 

HR Breaking News (8th Pay Commission)। 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आठवें वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल, 8वां वेतन आयोग के गठन को लेकर काफी समय से ही चर्चा हो रही है और वेतन में बढ़ौतरी और शोधित पेंशन लाभों की उम्मीदें बढ़ रही हैं। हालांकि, सरकार ने अभी तक आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है कि आठवें वेतन आयोग का गठन कब होगा। 


केंद्र की मोदी सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी थी। लेकिन यह बीच में ही लटक रहा है कि अभी तक गठन नहीं हुआ है। ऐसे में कर्मचारी संघ सरकार से आयोग का गठन जल्द करने की अपील कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि समय पर कार्यान्वयन हो और कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन में वृद्धि का उन्हें लाभ मिले।

वेतन आयोग को लागू होने में हो सकती है देरी-

ऐसे में अब ये उम्मीद लगाई जा रही है कि 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 के बाद लागू किया जा सकता है। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू कर दिया गया था। हालांकि इसकी घोषणा दो साल पहले फरवरी 2014 में ही कर दी गई थी। इससे रिपोर्ट जमा करने, कैबिनेट की मंजूरी और लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया था। हालांकि, अभी तक 8वें वेतन आयोग का गठन नहीं किया गया है। इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) भी तय नहीं हुए हैं। टीओआर में आयोग के लक्ष्य और काम करने के तरीके बताए जाते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल 8वें वेतन आयोग को लेकर अंदरूनी बातचीत जारी है। हालांकि, सरकारी काम में समय लगता है। इस वजह से 8वें वेतन आयोग जनवरी 2026 के बाद ही लागू हो पाएगा। अगर आयोग इस साल के अंत तक बन भी जाता है तो भी सिफारिशों को लागू होने में 18-24 महीने लग सकते हैं। इसका अर्थ है कि वेतन में बढौतरी 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में ही होने वाला है।


सरकार को पैसे की भी चिंता हो रही है। उसे वेलफेयर स्कीम्स, चुनावी वादों और फिस्कल डेफिसिट को भी देखा जाने वाला है। ज्यादा वेतन वृद्धि से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। इस वजह से सरकार को सोच-समझकर फैसला लेना होगा। वेतन में संशोधन फिटमेंट फैक्टर के ऊपर ही निर्भर करती है। फिटमेंट फैक्टर एक संख्या है जिसका यूज कर्मचारी के मूल वेतन की गणना के लिए किया जाता है।


7वें वेतन आयोग में ये फिटमेंट फैक्टर (fitment factor update) 2.57 प्रतिशत पर रहा था। इसकी वजह से न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये तक कर दी गई है। एक्सपर्ट्स का मनना है कि 8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर को 2.5 से 2.86 के बीच रखा जा सकता है। इसकी वजह से कर्मचारियों के वेतन में 40,000 से 45,000 रुपये तक की बढ़ौतरी देखी जा सकती है।


अगर फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 2.86 प्रतिशत तक का होता है तो न्यूनतम मूल वेतन 51,000 रुपये से अधिक होने की उम्मीद लगाई जा रही है। हालांकि इसकी वजह से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ने की उम्मीद है। इस वजह से, 2.6 गुना से 2.7 गुना की बढ़ौतरी की उम्मीद लगाई जा रही है। इसकी वजह से कर्मचारियों को अच्छा लाभ मिलेगा और सरकार का बजट भी नहीं बिगड़ेगा।


7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 प्रतिशत तक का रहा था। तब न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये तक कर दिया गया था। छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 प्रतिशत था और न्यूनतम मूल वेतन 2,750 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये हो पर पहुंच गया था।


एक और बदलाव ये हो सकता है कि डीए को मूल वेतन में मिला दिया जाए। डीए महंगाई से निपटने में मदद करता है। केंद्र सरकार द्वारा साल में दो बार संशोधित किया जाता है। फिलहाल ये जनवरी 2025 से 55 प्रतिशत तक है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले डीए में एक और बढ़ौतरी होने की संभावना जताई जा रही है। ये जुलाई 2025 से प्रभावी होने वाला है। जब एक नया वेतन आयोग लागू होता है तो डीए को संशोधित मूल वेतन में मर्ज कर दिया जाता है।


इसकी वजह से कुल वेतन में बढ़ौतरी की जाती है। हालांकि भविष्य में डीए में बढ़ौतरी शून्य से शुरू होने वाली है। कर्मचारियों को सकल वेतन और एचआरए और ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसे संबंधित भत्तों में बढ़ौतरी होने की संभावना है। हालांकि डीए में कम बढ़ौतरी का भी पुर्वानुमान लगाया जा रहा है। हालांकि, ऊंचे मूल वेतन का अर्थ है कि डीए में प्रत्येक वृद्धि का मतलब वेतन में अधिक बढ़ौतरी होने वाली है।


पेंशनर्स को भी होगा लाभ-


पेंशनर्स को भी संशोधित लाभ दिया जा सकता है। 8वें वेतन आयोग का इंतजार न सिर्फ वेतनभोगी कर्मचारी द्वारा किया जा रहा है बल्कि लगभग 67 लाख सरकारी पेंशनर्स भी इससे प्रभावित होने वाले हैं। पिछले वेतन आयोगों में पेंशन गणना के तरीकों और लाभों में बदलाव को भी शामिल किया गया था। इस बार भी ऐसे ही बदलावों की संभावना जताई जा रही है।

डियरनेस रिलीफ पर भी पड़ेगा प्रभाव-


डियरनेस रिलीफ (DR) को मूल पेंशन में मिलाने की वजह से पेंशनर्स पर भी प्रभाव पड़ता है। इसका कारण है कि उनके पेमेंट भी इसी तरह की संरचनाओं से ही जुड़े होते हैं। आधार आंकड़ों में कोई भी संशोधन मासिक पेंशन राशि को बदल सकता है। सेवानिवृत्त कर्मचारी संघों ने कर्मचारियों की चिंताओं को दोहराया है। सरकार से ये स्पष्ट करने की मांग की जा रही है कि नई संरचना में पेंशन की गणना कैसे की जाने वाली है।

न्यूनतम वेतन में भी आएगा उछाल-


अनिश्चितता के बावजूद कुछ चीजें तय की गई हैं। एक संशोधित वेतन संरचना आने वाली है। हालांकि, इसमें उम्मीद से ज्यादा समय लग सकता है। संभावित बढ़ौतरी की वजह से न्यूनतम वेतन 40,000 - 45,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं पेंशन में भी बदलाव देखे जा सकते हैं। डीए रीसेट हो जाएगा, हालांकि ऊंचे भत्ते वेतन बढ़ौतरी में शुरुआती कमी को पूरा कर सकते हैं।