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8th Pay Commission : हो गया फाइनल, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 2 गुना से ज्यादा का इजाफा

8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने मोदी सरकार (Modi Government) ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है, जिसकी अध्यक्षता और सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि  केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 2 गुना से ज्यादा का इजाफा होगा-

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8th Pay Commission : हो गया फाइनल, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 2 गुना से ज्यादा का इजाफा

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission Salary Pension Hike, Fitment Factor) मोदी सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है, जिसकी अध्यक्षता और सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। यह आयोग 2025 के अंत तक गठित होगा और 1 जनवरी, 2026 से लागू हो जाएगा।

7वां वेतन आयोग इसी तारीख को समाप्त हो रहा है, जिससे कर्मचारियों की बढ़ी हुई सैलरी 1 फरवरी, 2026 से मिलने लगेगी। केंद्र सरकार की इस घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग (8th pay commission latest updates) में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम मूल वेतन बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्मचारी यूनियन और अन्य कर्मचारी संगठन 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) को 3 तक रखने की मांग कर रहे हैं। अगर उनकी मांग मान ली जाती है तो सैलरी में करीब 180 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। हालांकि अभी यह सिर्फ मांगे हैं।

कितनी बढ़ेगी पेंशन?

फिटमेंट फैक्टर में 2.86 प्रतिशत की बढ़ोतरी से केंद्रीय रिटायर्ड कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन (Minimum pension of central retired employees) में बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में यह 9000 रुपये है, जबकि नए मानदंडों के अनुसार यह 25,740 रुपये तक पहुंच सकती है। इस बदलाव से रिटायर कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है-

अब लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर फिटमेंट फैक्टर होता क्या है? ऐसे में आपको बता दें कि फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में सुधार करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसी फॉर्मूले के आधार पर वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी (pensioners salary update) और पेंशन को बढ़ाता है। फिटमेंट फैक्टर का उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना और उनकी खर्च करने की क्षमता को बनाए रखना है।

फिटमेंट फैक्टर तय करते समय इन चीजों का रखा जाता है ध्यान-

अगर हम फिटमेंट फैक्टर की बात करें तो इसे तय करने में कई चीजों का ध्यान रखना होता है। इसमें सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर कर्मचारियों की जरूरत, देश की अर्थव्यवस्था सबको ध्यान में रखा जाता है। जब आयोग बैठक करता है तो उस दौरान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (central government employees and pensioners) के वेतनमान और भत्तों की समीक्षा की जाती है।

उसके बाद फिटमेंट फैक्टर निर्धारित (fitment factor determined) किया जाता है। जब सातवां वेतन आयोग (7th pay commission) लागू हुआ तो उस पर फिटमेंट फैक्टर को 2.57 तय किया गया था। इसका सीधा मतलब होता है कि वर्तमान में जो भी वेतन मिल रहा है उसको 2.57 से गुणा कर देना। अहम बात यह भी है कि यह केवल बेसिक है। इसमें बाद में महंगाई भत्ते और अन्य भत्तों का भी ध्यान रखा जाता है।

ग्रॉस सैलेरी और पेंशन पर फिटमेंट फैक्टर का होता है सीधा प्रभाव-

केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रॉस सैलेरी और पेंशन (Gross salary and pension of central employees) पर फिटमेंट फैक्टर का सीधा प्रभाव पड़ता है। यह महंगाई के प्रभाव (effects of inflation) को संतुलित करने में भी सहायक है। इसलिए, जब वेतन का मुद्दा उठता है, तो कर्मचारी संघ हमेशा फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) को बढ़ाने की मांग करते हैं। इससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर में सुधार होता है।

केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग (8th pay commission update) का सीधा फायदा 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को होगा। वहीं 65 लाख से अधिक पेंशनभोगियों (pensioners) को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार (Delhi Government) के चार लाख कर्मचारी भी आठवें वेतन आयोग के दायरे में आएंगे।