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कर्मचारियों के लिए 8th Pay Commission पर आई राहत की खबर, जानिए कब से लागू होगा नया वेतन आयोग

8th Pay Commission -  सरकार ने होली से पहले डीए में बढ़ोतरी कर केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। वहीं, एक कर्मचारी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं। दरअसल, हाल ही में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। जिसके मुताबिक चुनाव से पहले नया वेतन आयोग (8th pay commission) का गठन करने को मंजूरी मिल सकती है। ऐसे में अगर नया वेतन अयोग लागू  होता है तो कर्मचारियों के सैलरी में जबरदस्त इजाफा होगा। आइए नीचे खबर में ये जान लेते है आखिर कब से लागू हो सकता है आठवां वेतन आयोग। 
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HR Breaking News, Digital Desk- 7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आ रही है. लोकसभा चुनाव (Lok sabha elections) के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग (8th pay commission) का गठन करने को मंजूरी मिल सकती है. हाल ही में सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी. अब कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (dearness allowance) 50 फीसदी पहुंच गया है.

 

 

लेकिन, सरकार ने अभी तक नए वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं की है. लेकिन, उम्मीद की जा रही है कि इस साल उन्हें सरकार जबरदस्त तोहफा दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की मियाद अब खत्म हो रही है. जल्द ही उनके लिए नए वेतन आयोग का गठन होगा और सैलरी रिविजन भी किया जाएगा. सूत्र की मानें तो कर्मचारी यूनियन और लगताार बढ़ती मांग के बीच फाइल तैयार की जा रही है. हालांकि, ये कब तक लागू होगा इसकी कोई डेडलाइन नहीं है. वहीं, सरकार की तरफ से भी कोई औपचारिक जानकारी इस पर नहीं दी गई है. अगर ऐसा होता है कि कर्मचारियों के लिए वाकई गुड न्यूज होगी.

कोई नया फॉर्मूला नहीं, वेतन आयोग ही आएगा!

महंगाई भत्ते में लगातार 4 फीसदी के इजाफे के बाद अब बारी है सैलरी रिविजन की. लेबर यूनियन की तरफ से लगातार बढ़ते दबाव के चलते सरकार उन्हें खुश कर सकती है. बताया जा रहा है कि सरकार लोकसभा चुनाव के बाद अगले वेतन आयोग के गठन पर फैसला ले सकती है.

अभी तक चर्चा ये थी कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा. लेकिन, अब उम्मीद है कि 7वें वेतन आयोग के बाद अब अगले वेतन आयोग की तैयारी की जा रही है. हालांकि, सरकार की तरफ से अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन, सूत्र बताते हैं सरकार कर्मचारियों की लगातार मांग के बाद अगले वेतन आयोग पर विचार कर सकती है.

सैलरी में आएगा जबरदस्त उछाल-

सूत्रों की मानें अगर 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) आता है तो सैलरी में सबसे बड़ा इजाफा होगा. इतना जरूर कहा जा सकता है कि बात आगे बढ़ रही है. सूत्र ये भी बताते हैं कि अभी नए वेतन आयोग में क्या आएगा और क्या नहीं ये कहना जल्दबाजी है. क्योंकि, इसकी पूरी जिम्मेदारी पे कमीशन के अध्यक्ष की होगी. साल 2024 में आम चुनाव के बाद नए पे कमीशन के अध्यक्ष का भी ऐलान हो सकता है. उनकी देखरेख में ही कमिटी का गठन होगा और उसके बाद किस फॉर्मूले से सैलरी में इजाफा किया जाए इसकी तस्वीर साफ हो सकती है. 

कब तक आ सकता है 8th Pay Commission?

सूत्रों की मानें तो 8वें वेतन आयोग (8th Pay commission) का गठन साल 2024 में हो जाना चाहिए. वहीं, इसके डेढ़ साल के अंदर इसे लागू किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसा होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है. 7वें वेतन आयोग के मुकाबले 8वें वेतन आयोग में कई बदलाव संभव हैं. फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) को लेकर भी कुछ बदलाव हो सकते हैं. बता दें, अभी तक सरकार 10 साल में एक बार वेतन आयोग का गठन करती है. 

कितनी बढ़ेगी सैलरी?

सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के मुकाबले 8वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की लॉटरी लगने वाली है. अगर सबकुछ ठीक जाता है तो कर्मचारियों की सैलरी में सबसे बड़ा उछाल आने की उम्मीद है. कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 3.68 गुना पहुंच जाएगा. साथ ही फॉर्मूला जो भी हो, कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (Basic Salary) में 44.44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. 


अब इस फॉर्मूला के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी-

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. मीडिया के सूत्रों की मानें तो अगला वेतन आयोग (8th Pay Commission) आए या न आए, लेकिन वेतन में बढ़ोतरी का नया फॉर्मूला तैयार किया जाएगा. फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से सैलरी बढ़ाने की जगह अब नए फॉर्मूले से बेसिक सैलरी (Basic Salary) बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. इसके अलावा हर साल मूल वेतन बढ़ाने की योजना है. हालांकि, नया फॉर्मूला 2024 के बाद लागू किया जा सकता है.

हर साल तय किया जाएगा मूल वेतन


7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन तय करने के लिए नए फॉर्मूले से हर साल केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन तय किया जाएगा. हालांकि, इस मामले में सरकार की ओर से इस तरह से किसी डेवलपमेंट के बारे में पुष्टि नहीं की है. सूत्रों का मानना ​​है कि अब समय वेतन आयोग से अलग से वेतन बढ़ाने के फार्मूले पर विचार करने का है. हर साल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

किस नए फॉर्मूले पर हो रही है चर्चा?


केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए एक्रोयड फॉर्मूला पर विचार किया जा सकता है. इस नए फॉर्मूले की चर्चा लंबे समय से हो रही है. दरअसल, वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होता है. इस पर हर छह महीने में महंगाई भत्ता संशोधित किया जाता है. लेकिन मूल वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जानकारों के मुताबिक, नए फॉर्मूले से कर्मचारियों के वेतन को महंगाई दर, रहने की लागत और कर्मचारी के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा. इन सभी चीजों के आकलन के बाद हर साल वेतन में बढ़ोतरी होगी. यह बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा निजी क्षेत्र की कंपनियों में होता है.


नया फॉर्मूला क्यों बनाया जा सकता है?


सरकार का ध्यान इस बात पर है कि सभी वर्ग के कर्मचारियों को समान लाभ मिले. अभी ग्रेड-पे के हिसाब से सभी की सैलरी में बड़ा अंतर है. लेकिन, नए फॉर्मूला आने के बाद इस अंतर को भी पाटने का प्रयास किया जा सकता है. वर्तमान में सरकारी विभागों में 14 पे ग्रेड हैं. हर पे-ग्रेड में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल हैं. लेकिन, उनके वेतन में बड़ा अंतर है. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने Zee Business Digital को बताया कि सरकार का मकसद केंद्रीय कर्मचारियों के रहन-सहन की स्थिति में सुधार करना है. नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर चर्चा नहीं हुई है. 8वें वेतन आयोग में क्या होगा, यह कहना जल्दबाजी होगी.

वेतन संरचना का नया फॉर्मूला


जस्टिस माथुर ने 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के समय ही संकेत दिया था कि हम वेतन ढांचे को नए फॉर्मूले में ले जाना चाहते हैं. इसमें रहने के खर्च को ध्यान में रखकर वेतन तय किया जाता है. समय की मांग है कि महंगाई की तुलना में कर्मचारियों को वेतन दिया जाए. बता दें, Aykryod Formula लेखक वालेस रुडेल एक्रोयड ने दिया था. उनका मानना ​​था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़े सबसे महत्वपूर्ण हैं. अगर इन सब चीजों के दाम बढ़ते हैं, तो कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जानी चाहिए.