8th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर पर सरकार की मुहर! केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में होगी तगड़ी बढ़ौतरी
8th CPC salary hike : 8वें वेतन आयोग को अब जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए अब फिटमेंट फैक्टर फाइनल कर लिया गया है। केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन (salary and pension hike) में अब तगड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। नए वेतन आयोग (new pay commission) के तहत मिलने वाली सैलरी की कैलकुलेशन करने के लिए फिटमेंट फैक्टर की भूमिका को भी समझना जरूरी है।

HR Breaking News - (8th CPC pay calculator)। नए वेतन आयोग के गठन की घोषणा के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) में इसके तहत की जाने वाली वेतन बढ़ौतरी को लेकर तेजी से चर्चाएं हो रही हैं। इस समय 7वें वेतन आयोग के तहत तय किए गए फिटमेंट फैक्टर 2.57 के हिसाब से कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है।
8वें वेतन आयोग (8th CPC update) में इससे भी अधिक फिटमेंट फैक्टर तय किए जाने पर कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन में तगड़ी बढ़ौतरी देखने को मिलेगी। इसे लेकर फिटमेंट फैक्टर की अपनी सैलरी (salary hike) से कर्मचारी गणना भी करने लगे हैं, पर समझने वाली बात तो यह है कि वास्तव में फिटमेंट फैक्टर किस तरह से काम करता है जिससे सैलरी की सही से कैलकुलेशन की जा सके। आइये इस बारे में जानते हैं खबर में।
फिटमेंट फैक्टर ऐसे निभाता है भूमिका-
कई कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) को लेकर समझते हैं कि यह जितना होगा उतने गुना ही सैलरी में बढ़ौतरी होगी, पर ऐसा नहीं होता। इसे मूल वेतन से ही गुना किया जाता है ग्रोस सैलरी (gross salary in 8th CPC) से नहीं। इसलिए फिटमेंट फैक्टर की बढ़ोतरी के अनुपात के हिसाब से वेतन और पेंशन नहीं बढ़ती। यही कारण है कि बेसिक पे की तरह ग्रॉस सैलरी में फिटमेंट फैक्टर (fitment factor hike) का समान रूप से असर नहीं दिखता।
ग्रॉस सैलरी में कई दूसरे घटक भी शामिल होते हैं। वेतन और पेंशन में संशोधन करते समय पे कमीशन (new pay commission) कई बातों पर विचार करता है। जैसे डीए को मूल वेतन में मिलाना और कई भत्तों को जोड़ना या उनका हटाना। फिटमेंट फैक्टर को मूल वेतन से गुणा करके सैलरी की कैलकुलेशन की जाती है। माना जा रहा है कि 2.86 फिटमेंट पर मुहर लग गई है। अब 8वां वेतन आयोग जल्द लागू होगा और इसमें तगड़ी वेतन बढ़ौतरी देखने को मिलेगी। हालांकि इस पर सरकार ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
फिटमेंट फैक्टर और सैलरी ग्रोथ का फॉर्मूला-
7वें वेतन आयोग में (7th Pay Commission) सैलरी और पेंशन में 2.57 फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से संशोधन किया गया था। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को 7 हजार रुपये से 18 हजार रुपये कर दी गई थी।
Level 1 से लेकर 3 तक के कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में करीब 15 प्रतिशत इजाफा हुआ था। Level 4 और 10 के कर्मचारियों की सैलरी (levelwise salary hike) में भी 7वें वेतन आयोग के समय तगड़ी बढ़ौतरी हुई थी। अगर बात करें छठे वेतन आयोग की तो इसमें फिटमेंट फैक्टर 1.86 रहते हुए भी वेतन बढ़ोतरी 54 प्रतिशत से अधिक हुई थी। इससे यह बात क्लियर होती है कि हाई फिटमेंट फैक्टर तय होने से जरूरी नहीं है कि कर्मचारी की ग्रॉस सैलरी में उसी अनुसार बढ़ौतरी निश्चित रूप से होगी।
पिछले वेतन आयोगों में ऐसे हुए थी वेतन वृद्धि-
-पहले वेतन आयोग में - सैलरी निर्धारित की गई।
-दूसरे वेतन आयोग में बढ़ौतरी(2nd Pay Commission): 14.2 प्रतिशत
-तीसरे वेतन आयोग में बढ़ौतरी(3rd Pay Commission): 20.6 प्रतिशत
-चौथे वेतन आयोग में बढ़ौतरी(4th Pay Commission): 27.6 प्रतिशत
-पांचवें वेतन आयोग में बढ़ौतरी(5th Pay Commission): 31.0 प्रतिशत
-छठे वेतन आयोग में बढ़ौतरी(6th Pay Commission): 54.0 प्रतिशत
-सातवें वेतन आयोग में बढ़ौतरी(7th Pay Commission): 14.3 प्रतिशत
कर्मचारियों को सरकार से उम्मीद-
8वें वेतन आयोग का काउंटडाउन शुरू हो गया है। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (news for pensioners) को अब नए वेतन आयोग से तगड़ी वेतन बढ़ौतरी की उम्मीद है। इससे उन्हें महंगाई से लड़ने में सामर्थ्य मिलेगा। पिछले वेतन आयोगों में भी कर्मचारियों को ठीक ठाक बढ़ौतरी देखने को मिली है।
इस बार भी सरकार व नए वेतन आयोग से यही उम्मीद की जा रही है। 8वें वेतन आयोग (8th pay commission news) का गठन अगले माह हो सकता है, इसके बाद इसकी आगे की प्रक्रियाएं आगे बढ़ाई जाएंगी। जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है।
इतना लागू होगा फिटमेंट फैक्टर-
इस बारे में National Council of Joint Consultative Machinery (NC-JCM) के कर्मचारी पक्ष सरकार से मांग कर चुकी है कि नए वेतन आयोग में बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए वेतन बढ़ौतरी की जानी चाहिए। इसमें वेतन, भत्ते, अन्य लाभ, पेंशन और ग्रेच्युटी (pension gratuity rules) जैसे सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा को सरकार को अवश्य शामिल करना चाहिए। मांग के अनुसार फिटमेंट फैक्टर इस बार 1.92 से लेकर 1.86 के बीच रह सकता है। हालांकि इस पर फाइनल फैसला सरकार को ही लेना है।