8th Pay Commission : लग गया पता, कैसे बढ़ेगी कर्मचारियों सैलरी, फिटमेंट फैक्टर और DA हैं अहम
8th Pay Commission Updates : जैसे-जैसे सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, वैसे -वैसे आठवें वेतन आयोग से जुड़े नए अपडेट सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission Updates)के लागू होते ही केंद्रीय कर्मचारियों के बेसिक वेतन को डीए में मर्ज कर दिया जाएगा और इसके साथ ही फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को तय किया जाएगा। आइए जानते हैं इस बारे में।

HR Breaking News (8th Pay Commission)। सरकार की ओर से जनवरी में ही सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की जगह एक नए पे पैनल को बनाने का ऐलान किया था। अब दिसंबर के आखिर में सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
सरकार की ओर से अब आठवें वेतन आयोग के तीन सदस्यों के नाम की घोषणा की जानी है। अब इसी बीच कर्मचारी संगठन की ओर से कई सवालात आ रहे हैं।
अब हर किसी के मन में यह सवाल है कि क्या फिटमेंट फैक्टर लागू करने से पहले क्या बेसिक वेतन को महंगाई भत्ते (dearness allowance -DA)के साथ मर्ज कर दिया जाएगा आइए जानते हैं इस बारे में खबर के माध्यम से।
क्या है फिटमेंट फैक्टर
अब सबसे पहले बात आती है कि फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor kya hai) क्यों कर्मचारियों की सैलरी के लिए जरूरी है तो आपको बता दें कि यह एक मल्टीप्लायर है जिसका यूज वेतन आयोग के कार्यकाल के दौरान मूल वेतन को रिवाइज करने के लिए किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor ) मुद्रास्फीति और पिछले भत्तों, खासकर डीए को शामिल करके सभी वेतनमानों में एक समान इजाफे को सुनिश्चित करने का एक जरिया है।
सैलरी में संशोधन करते समय DA की भूमिका
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले वेतन आयोगों खासतौर पर 5वें, 6वें और 7वें वेतन आयोगों ने फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) करने से पहले डीए को मूल वेतन के साथ विलय के रूप में प्रभावी माना है, हालांकि इसके बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है।
-केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को रिवाइज करते समय डीए की अहम भूमिका होती है। जनवरी 2016 में जब 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission)लागू किया गया था तो उस समय में केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने मूल वेतन (Employee Basic Pay)पर 125 प्रतिशत डीए प्राप्त कर रहे थे। उस समय में आयोग ने 2.57 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की, जो इन चीजों के लिए जिम्मेदार था।
-इसके साथ ही 7वें केंद्रीय वेतन आयोग में यूज किया जाने वाला फिटमेंट फैक्टर 2.57x को मनमाने ढंग से तय नहीं किया गया था। बल्कि यह एक स्ट्रक्चर्ड कैलकुलेशन (Structured Calculations) थी।
इसमें मूल वेतन का 100 प्रतिशत, 125 प्रतिशत डीए और मूल और डीए की राशि पर तकरीबन 14.22 प्रतिशत की वास्तविक बढ़ौतरी शामिल थी। इस वजह से संशोधित वेतन 2016 तक मूल वेतन और कुल डीए के आंकड़े (DA figures)पर निर्भर था।
उदाहरण से समझे सैलरी का केलकुलेशन
हम एक उदाहरण के माध्यम से पूरा केलकुलेशन समझते हैं। जैसे कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic salary of government employee)10,000 रुपये है तो इस हिसाब से-
125 प्रतिशत DA = 12,500 रुपये (10,000 x 1.25),
कुल टोटल अमाउंट = 22,500 रुपये
14.22 प्रतिशत इजाफा = 3,199.5 रुपये
नया वेतन = करीब 25,700
फिटमेंट फैक्टर से केलकुलेशन (Calculation from fitment factor)करें तो = 25,700 रुपये/10,000 रुपये = 2.57
यानी देखा जाए तो रिवाइज्ड वेतन सिर्फ पुराने बेसिक पर आधारित नहीं था, बल्कि रिवाइज्ड वेतन बेसिक (Revised Pay Basic)+ डीए मर्ज किए गए आंकड़े पर भी निर्भर था, इस हिसाब से इसमे मामूली बढ़ोतरी जोड़ी गई थी।
क्या 5वां वेतन आयोग में मर्ज था डीए
इससे पहले जब 5वां वेतन आयोग (5th Pay Commission)1996 में लागू किया गया था तो उस समय में डीए 74 प्रतिशत के आसपास था। उस समय में सरकार की ओर से डीए को मूल वेतन में विलय कर दिया और केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी के लिए 1.86 का फिटमेंट फैक्टर (fitment factor of 5th Pay Commission) लागू किया। बता दें कि यह फिटमेंट फैक्टर अनिवार्य रूप से 74 प्रतिशत डीए मर्ज और 28-30 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रतिनिधित्व करता है।
छठे वेतन आयोग में सैलरी स्ट्रक्चर
इसके अलावा छठा वेतन आयोग (6th Pay Commission)को जब 2006 में लागू किया गया था तो उस समय में डीए 115 प्रतिशत के आसपास पहुंच गया था। वो बात अलग ही है कि उस समय में डीए (Dearness Allowance)को स्पष्ट रूप से विलय नहीं किया गया था।
उस समय में फिटमेंट फैक्टर 1.86x के फिटमेंट लाभ से यह पता चला कि इसे वेतन बैंड और ग्रेड वेतन (Band and Grade Pay)के जरिए संशोधित वेतन संरचना (revised pay structure) में जोड़ा गया था। फिर इस, 1.86 मल्लटीपेयर ने मूल + डीए + मामूली बढ़ौतरी को दर्शाया।
पिछले वेतन आयोगों का मर्जर के समय DA
पांचवा वेतन आयोग (5th Pay Commission)के समय में मर्जर के समय में डीए 74 प्रतिशत था और फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, उसके बाद छठा वेतन आयोग (DA Merger of 6th pay comission)में मर्जर के समय में डीए 115 प्रतिशत और ग्रेड पे के साथ फिटमेंट फैक्टर 1.86 था और सातवां वेतन आयोग में मर्जर के समय में डीए 125 प्रतिशत था और फिटमेंट फैक्टर 2.57 था
8वें वेतन आयोग में कर्मचारियों का वेतन
अब कई कर्मचारियों के मन में यह सवाल आ रहे हैं कि आखिर 8वें वेतन आयोग (8th pay commission)के तहत केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के वेतन को कैसे रिवाइज किया जा सकता है तो आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आठवें वेतन आयोग में भी पिछले आयोगों के तहत अप्रोच अपनाए जाने के आसार है।
इनसे तो यह ही पता चलता है कि फिटमेंट फैक्टर केवल मूल वेतन पर लागू नहीं होता है। बल्कि डीए को पहले रिवाइज्ड बेस सैलरी में विलय (Merger of DA in basic salary)या शामिल किया जाता है, और फिर इजाफा किया जाता है। यह एक बेहद ही जरूरी बात है, क्योंकि कर्मचारी 8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन से पहले हाई फिटमेंट फैक्टर लागू करने को लेकर मांग कर रहे हैं।