8th Pay Commission : पिछली बार 14 फिसदी का उछाल, इस बार इतनी बढ़ जाएगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी
8th Pay Commission : केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने बताया कि नए आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि कर्मचारियों की सैलरी में 25-30 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है।

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission) केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है, जिसकी स्थापना 2026 में होगी, जब 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने बताया कि नए आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है।
यह वृद्धि फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) के आधार पर निर्धारित होगी। फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा मानक है जो वेतन में संशोधन के लिए आधार प्रदान करता है। इसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों को अधिक वित्तीय लाभ मिलने की संभावना है।
कैसे बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी-
वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी (employees salary hike) बढ़ाने की सिफारिश फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) के आधार पर करता है। फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों (government employees) के वेतन और पेंशन की गणना (pension calculate) करने के लिए किया जाता है। इसे मुद्रास्फीति, कर्मचारियों की जरूरतों और सरकार की वित्तीय क्षमता जैसे चीजों पर गौर करते तय किया जाता है।
महंगाई दर-
वेतन आयोग महंगाई की वृद्धि और कर्मचारियों की जीवनशैली पर उसके प्रभाव का अध्ययन करता है, जैसे घर और गाड़ी खरीदने में होने वाली कठिनाइयां।
इन खर्चों पर फोकस-
वेतन आयोग की नई सैलरी की सिफारिश करते समय चावल, गेहूं, दाल, सब्जी, दूध, चीनी, तेल, ईंधन, बिजली, पानी के बिल, मनोरंजन, त्योहारों और शादी जैसे खर्चों को ध्यान में रखेगा।
इकोनॉमी की स्थिति-
वेतन आयोग देश की वित्तीय स्थिति पर भी गौर करता है। अगर इकोनॉमी की ग्रोथ (economy growth) अच्छी रहती है, तो वेतन में ज्यादा बढ़ोतरी होने की संभावना रहती है।
कर्मचारियों का प्रदर्शन-
वेतन आयोग कर्मचारियों के कामकाजी प्रदर्शन (working performance) को भी ध्यान में रखता है। अगर कर्मचारियों का ओवरऑल परफॉर्मेंस (overall performance) बेहतर रहता है, तो उसका असर वेतन आयोग की सिफारिशों पर दिखता है।
बाजार पर भी नजर-
वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (employees salary) बढ़ाने की सिफारिश करते वक्त यह भी देखता है कि प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को कितना हाइक दे रही हैं। इससे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए प्रतिस्पर्धी वेतन तय करने में आसानी होती है।
कितनी बढ़ेगी न्यूनतम सैलरी?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 के बीच हो सकता है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में 25-30 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है। यहां न्यूनतम सैलरी 40 हजार रुपये से अधिक हो सकती है, जिसमें भत्ते और परफॉर्मेंस पे (performance pay) भी शामिल होंगे। यह फायदा सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा।
7वें वेतन आयोग में सैलरी कैसे तय हुई थी?
6वें वेतन आयोग (6th pay commisison) में न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपये महीना था। इसे 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) में बढ़ाकर 18,000 रुपये महीना कर दिया गया था। इसका मतलब है कि 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) 2.57 गुना अधिक थी। इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 14.2 प्रतिशत का उछाल आया था।