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8th Pay Commission : लेवल 1 से लेवल 6 तक होंगे मर्ज, सैलरी में होगा इतना इजाफा

8th Pay Commission latest news : 8वें वेतन आयोग को  लेकर इन दिनों खूब चर्चांए हो रही है। अब इसे लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है कि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission Updates) के लिए यह प्रस्ताव रखा गया है कि लेवल 1 से लेवल 6 तक तक मर्ज कर दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा इजाफा देखने को मिलने वाला है। आइए जानते हैं आठवें वेतन आयोग से जुड़े अपडेट के बारे में।

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8th Pay Commission : लेवल 1 से लेवल 6 तक होंगे मर्ज, सैलरी में होगा इतना इजाफा

HR Breaking News (8th Pay Commission) केंद्रीय कर्मचारियों के बीच आठवें वेतन आयोग   को लेकर बेसब्री से इंतजार बना हुआ है।  आठवें वेतन आयोग के लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की सिर्फ सैलरी और पेंशन में ही इजाफा नहीं होगा, बल्कि इस बार आपके पे-लेवल के पूरे स्ट्रक्चर (pay level Salary structure) में भी बड़ा बदलाव  देखने को मिलेगा।

 

 

जानकारी के अनुसार अगर आठवां वेतन आयोग लागू होता है तो 6 लेवल्स को मर्ज करके सिर्फ 3 लेवल बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं इससे कर्मचारियों की सैलरी कितनी हो सकती है। 

 

 

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग
 

8वें वेतन आयोग की खासियतकेंद्रीय सरकार द्वारा हर दस साल में नया वेतन आयोग (8th Pay Commission) गठित किया जाता है और हर 10 साल में गठित होने वाला वेतन आयोग उनकी सैलरी, भत्तों और पेंशन में बदलाव की सिफारिश करता है।  केंद्रीय सरकार की ओर से  8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को 16 जनवरी 2025 को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूरी दे दी गई थी और उम्मीद है कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएंगी। 

 

 

फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी
 

आठवें वेतन आयोग (Eighth Pay Commission) के लागू होने पर लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। वैसे तो वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन जैसे मुद्दों पर गौर करता है। जैसे कि 7वें वेतन आयोग में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी।

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में भी 1.92 से ज्यादा फिटमेंट फैक्टर रखने की संभावना जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़ौतरी हो सकती है, इससे लेवल-1 के कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 34,560 रुपये तक हो सकती है। 


 

क्या है एक्सपर्ट के सुझाव
 

इस बार सरकार को कर्मचारियों के प्रतिनिधियों और एक्सपर्ट ने एक जरूरी एडवाइस दी है। वो हैं- पे-लेवल का विलय (Merger of Pay Levels)। खासतौर पर यह प्रस्ताव निचले और मध्य स्तर के कर्मचारियों को दिया गया है, जो सैलरी और करियर ग्रोथ की संभावनाओं को बेहतर बनाया जा सकें।

कैसे 6 लेवल को किया जाएगा मर्ज
 

प्रस्ताव के अनुसार जो पे-मैट्रिक्स (Pay Matrix) मौजुद है, उनके शुरुआती 6 लेवल्स को घटाकर 3 लेवल में बदले जाने की बात कही जा रही है।  बता दें कि यह मर्जर कुछ इस तरह से हो सकता है।


नया लेवल A 
यानी मौजूदा लेवल-1 और लेवल-2 को मर्ज करके एक बना दिया जाएगा।
 

नया लेवल B 
वहीं, मौजूदा लेवल-3 और लेवल-4 को मर्ज करके एक बनाया जाएगा।
 

नया लेवल C 
वहीं, मौजूदा लेवल-5 और लेवल-6 को मर्ज करके एक किया जाएगा। 


लेवल मर्जर से कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा


अगर लेवल मर्जर का प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो इससे कई सकरात्मक प्रस्ताव देखने को मिलेंगे। खासकर उन कर्मचारियों को फायदा होगा, अभी निचले पे-स्केल पर हैं। लेकिन इस बार एक और बड़ा बदलाव चर्चा में है और वो हैं पे-लेवल्स का मर्जर (Pay -Merger of Levels)। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (Employees Basic Salary) में जबरदस्त उछाल आ सकता है और करियर में आगे बढ़ने का मौका मिल सकता है।

बेसिक सैलरी होगा बंपर इजाफा
 

जब आपस में दो लेवल मर्ज होंगे तो नए मर्ज हुए लेवल का शुरुआती बेसिक पे (Basic Pay of Merged Level)उन दो लेवल में से ऊंचे वाले लेवल के बराबर या उससे थोड़ा ज्यादा रखा जा सकता है। हम उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। जैसे कि वर्तमान में लेवल-1 कर्मचारी की मासिक बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और लेवल-2 कर्मचारी की सैलरी (Salary of Level-2 employee)19,900 रुपये हैं। ऐसे में अगर लेवल-1 और लेवल-2 को मर्ज कर दिया जाए तो यह नया लेवल A बनाया जाता है। अगर ऐसा होता है तो इस नए लेवल ' का शुरुआती बेसिक पे 19,900 रुपये  या उससे भी अधिक हो सकता है। 

कैसे बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी
 

अगर ऐसा होता है तो इससे मौजूदा लेवल-1 के कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic salary of  level-1 employee) एक ही बार में बंपर बढ़ौतरी देखने को मिलेगी। ठीक इसी तरह लेवल-3 और लेवल-4 के मर्जर से बनने वाले नए लेवल B का शुरुआती पे भी ज्यादा होगा, जिसका फायदा लेवल-3 के कर्मचारियों को मिलेगा और लेवल-5 और लेवल-6 के मर्जर से बनने वाले नए लेवल C में भी लेवल-5 के कर्मचारियों के  बेसिक पे में बंपर इजाफा देखने को मिलेगा।


बेहतर करियर ग्रोथ में भी मददगार
 

अगर लेवल्स की संख्या कम होती है तो इससे कर्मचारियों के लिए अगले लेवल पर पहुंचने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। जहां पहले कर्मचारियों को प्रमोशन पाने के लिए कई छोटे-छोटे लेवल पार करने पड़ते हैं, वहीं मर्जर (level merger updates)के बाद कम लेवल पार करने होंगे लेकिन बड़े लेवल होंगे।


 

  • एक तो इससे दो लेवल की दूरी एक ही प्रमोशन से तय हो जाएगी।
  • अगर लेवल मर्ज होता है तो इससे लेवल पर कर्मचारी को ज्यादा जिम्मेदारी मिल सकती है, जो उसके करियर प्रोफाइल को बेहतरीन बनाएगा।
  • इसके साा ही हर प्रमोशन के साथ मिलने वाली सैलरी बढ़ौतरी (Salary of employees) से भी ज्यादा जरूरी हो सकती है।
  • कई बार अलग-अलग लेकिन पास के लेवल्स में सैलरी को लेकर थोड़ी विसंगतियां देखने को मिलती हैं। अगर लेवल मर्ज होता है तो मर्जर से ये विसंगतियां दूर होने में मददगार हो सकती है और इससे एक अच्छा सैलरी (Employees Salary Structure)स्ट्रक्चर बन सकता है।
  • इतना ही नहीं अगर कम लेवल्स होते हैं तो इससे पे-रोल मैनेजमेंट (Payroll Management)और प्रशासनिक कार्य भी आसान होंगे।


 

किन कर्मचारियों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?
 

इस मर्जर का सबसे ज्यादा फायदा मौजूदा लेवल-1, लेवल-3 और लेवल-5 के कर्मचारियों को मिलने की संभावना है, क्योंकि जब उनका लेवल ऊंचे वाले लेवल के साथ मर्ज होगा, तो उनकी बेसिक सैलरी और स्टेटस में तत्काल सुधार होगा।

लेवल-2, लेवल-4 और लेवल-6 के कर्मचारियों को भी नए स्ट्रक्चर (New salary structure for employees)में बेहतर ग्रोथ की संभावनाएं मिल सकती हैं, लेकिन शुरुआती वित्तीय लाभ शायद निचले लेवल वालों जितना सीधा न हो।


 

जानिए क्या है इस प्रस्ताव की चुनौतियां 
 

हालांकि अभी लेवल मंजूर नहीं किया गया है, लेकिन अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो शुरुआत में तो कर्मचारियों के लिए ये काफी आकर्षक लगता है, लेकिन इसे लागू करने में कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता हैं।


अगर ऐसा होता है तो इससे बड़े पैमाने पर बेसिक सैलरी (बेसिक सैलरी ) में बढ़ौतरी से सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
 

इसके साथ ही मर्ज किए गए लेवल्स में कर्मचारियों की वरिष्ठता (Seniority) को तय करना भी एक महत्वपूर्ण पहलू होगा।
 

अगर लेवल मर्ज होते हैं तो इससे लेवल के कर्मचारियों (Basic Salary of Employees of Level) को इमरजेंसी और बढ़ी हुई जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
 

हालांकि अभी फिलहाल तो सरकार और 8वां वेतन आयोग इन सभी बातों पर बात-चीत करें। अभी फिलहाल तो यह सिर्फ एक प्रस्ताव है। 8वें वेतन आयोग (8th pay commission) की तरफ से आधिकारिक सिफारिशें जारी करने के बाद ही लेवल मर्जर को किस रूप में स्वीकार किया जाता है, या फिर किया जाएगा या नहीं, इस बात का पता चल सकेगा।

आठवें वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों का इंतजार
 

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission)के लागू होने  पर केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर के साथ-साथ न्यूनतम वेतन में भी बढ़ौतरी होगी और इसके साथ ही लेवल मर्जर जैसा प्रस्ताव भी एक बड़ी आशा लेकर आया है। अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो यह लाखों कर्मचारियों के करियर और वित्तीय स्थिति में एक पॉजिटिव हिंट होगा। हालांकि अभी सभी की निगाहें 8वें वेतन आयोग (8th pay commission News) की आधिकारिक सिफारिशों पर टिकी हुई है।

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