8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों पर बरसेगा पैसा, इन कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में होगा 40 प्रतिशत का बंपर इजाफा
8th Pay Commission : आठवें वेतन आयोग को लेकर चर्चा तेज है, जिससे एक करोड़ से ज़्यादा पेंशनर्स और सैलरीड क्लास के मन में उत्सुकता है कि इस बार उनकी सैलरी कितनी बढ़ेगी. साथ ही कहा जा रहा है कि इन कर्मचारियों की टेक हाेम सैलरी में 40 प्रतिशत का बंपर इजाफा होगा-

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission Update) सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, और जल्द ही इस पर अगला ऐलान होने की उम्मीद है. इस आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, पेंशन और भत्तों में वृद्धि करना है. पिछले वेतन आयोगों के इतिहास को देखें तो हर 10 साल में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बदलाव किया गया है.
मौजूदा समय में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की अनुशंसा के आधार पर सैलरी मिल रही है. इसे 2016 में लागू किया गया था और इसके तहत न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया था.
आठवें वेतन आयोग में कितनी बढ़ेगी सैलरी?
आठवें वेतन आयोग को लेकर चर्चा तेज है, जिससे एक करोड़ से ज़्यादा पेंशनर्स और सैलरीड क्लास के मन में उत्सुकता है कि इस बार उनकी सैलरी कितनी बढ़ेगी. पिछली बार 2006 में छठे वेतन आयोग (6th pay commission) के तहत न्यूनतम मूल वेतन 2,750 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये किया गया था. इस बार नई सैलरी की गणना फिटमेंट फैक्टर के आधार पर होगी. मीडिया रिपोर्ट्स में बढ़ोतरी को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं.
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर (multiplier) है जिसका उपयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी तय करने के लिए किया जाता है, खासकर जब नया वेतन आयोग लागू होता है. यह सुनिश्चित करता है कि पुराने से नए सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव के दौरान सभी कर्मचारियों को समान सैलरी हाइक मिले. पुरानी बेसिक सैलरी (basic salary) को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके नई बेसिक सैलरी निर्धारित की जाती है.
उदाहरण से ऐसे समझें-
उदाहरण के लिए सातवें वेतन आयोग (7th pay commission news) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था. अगर किसी कर्मचारी की छठे वेतन आयोग के तहत बेसिक सैलरी 10,000 रुपये थी तो सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) में उसकी नई बेसिक सैलरी (10,000 × 2.57) = 25,700 रुपये हो गई. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 हो सकता है. ऐसे में सवाल यह है कि फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 1.92 होने पर लेवल 1 के तहत कर्मचारियों की सैलरी (employees salary) कितनी बढ़ेगी? 2016 में आए सातवें वेतन आयोग के तहत पुराने ग्रेड-पे सिस्टम की जगह नया सिस्टम शुरू किया था जिसे पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) कहा गया. इस सिस्टम में नौकरियों के हिसाब से सैलरी को अलग-अलग 'लेवल' में बांटा गया, जो कि लेवल 1 से लेवल 18 तक हैं.
फिटमेंट फैक्टर को लेकर आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं-
अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 लागू किया जाता है और मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये (लेवल 1) है तो उसकी नई बेसिक सैलरी करीब इस तरह बढ़ सकती है. 18,000 (मौजूदा बेसिक सैलरी) × 1.92 (फिटमेंट फैक्टर) = 34,560 रुपये (संभावित नया बेसिक वेतन). आपको बता दें फिटमेंट फैक्टर और सैलरी का यह केवल अनुमान है. अभी आठवें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) को लेकर आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं किया गया है.
वेतन आयोग का 'लेवल' क्या है?
सरकारी कर्मचारियों के लिए लेवल 1 सबसे निचला पद होता है, जिसमें चपरासी और क्लर्क जैसे कर्मचारी शामिल होते हैं. वहीं, लेवल 18 कैबिनेट सेक्रेटरी जैसे सर्वोच्च पदों के लिए है. यदि फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 1.92 होता है, तो लेवल 1 के कर्मचारियों को लगभग 15,000 रुपये प्रति माह की वेतन वृद्धि मिल सकती है. इसका अर्थ है कि उनकी मौजूदा 'टेक-होम' सैलरी में करीब 40 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है.