8th Pay Commission : आ गई नई रिपोर्ट, 3.86 होगा फिटमेंट फैक्टर, सैलरी में होगी इतनी बढ़ौतरी
New Pay Commission : केंद्र सरकार अब जल्द ही 8वें वेतन आयोग को लागू करने वाली है। इस वेतन आयोग के लागू होते ही फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.86 प्रतिशत तक कर दिया गया है। इसके साथ साथ कर्मचारियों की सैलरी में भी बंपर तेजी आने वाली है। खबर के माध्यम से जानिये 8वें वेतन आयोग से जुड़ा लेटेस्ट अपडेट।
HR Breaking News - (8th Pay Commission Update)। हाल ही में 8वें वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। बता दें कि सरकार अब जल्द ही 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने वाली है। इस वेतन आयोग के तहत सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.86 प्रतिशत तक करने वाली है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से 8वें वेतन आयोग से जुड़ा लेटेस्ट अपडेट देने जा रहे हैं।
कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ा अपडेट-
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए हाल ही में एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। बता दें कि 31 दिसंबर 2025 को 7वां वेतन आयोग खत्म होने वाला है। उम्मीद लगाई जा रही है कि 5 दिन बाद यानी 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लागू किया जा सकता है। इस स्थिति में कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा उछाल आने वाला है।
एक्सपर्ट्स ने दी जानकारी-
इसी को लेकर ऑल इंडिया एनपीएस इम्प्लॉई फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इसको लेकर सपष्टिकरण प्रदान कर दिया है। उनका मानना है कि सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) के आधार पर तय की जाती है। जब उनसे पूछा गया कि क्या फिटमेंट फैक्टर 3.86 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इस स्थिति में उन्हहें बताया गया है कि अगर सरकार चाहे तो फिटमेंट फैक्टर को 4.0 प्रतिशत तक भी कर सकते हैं। हालांकि उनका कैलकुलेशन 2.64 प्रतिशत तक का ही है।
इतना फिटमेंट फैक्टर होगा तय-
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 2.64 फिटमेंट फैक्टर मिनिमम (Fitment Factor 2.64) और रीजनेबल रहने वाला है। इसकी वजह से सरकार को भी दिक्कत नहीं होने वाली है और कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी। ऐसे में अब चर्चा ये भी हो रही है कि अगर फिटमेंट फैक्टर 3.86 प्रतिशत तक का होता है तो फिर लेवल-1 (चपरासी) से लेकर लेवल-18 (IAS) तक की सैलरी में बंपर इजाफा होगा।
लेवल 1 से लेवल 18 तक के कर्मचारियों की इतनी होगी सैलरी-
इस वेतन आयोग के तहत Level 1 के कर्मचारियों की सैलरी को 18,000 रुपये से बढ़ाकर 69,480 रुपये तक कर दिया जाएगा। वहीं लेवल 18 के कर्मचारियों की सैलरी के बारे में बात करें तो ये 2 लाख 50 हजार से बढ़ाकर 96 लाख 50 हजार रुपये तक किया जा सकती है।
इस दिन समाप्त होगा 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल-
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होने वाला है। इस स्थिति में नई सैलरी 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद लगाई जा रही है। हालांकि सरकार को 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें मंजूर करने में लगभग दो साल लग सकते हैं। इस स्थिति में कर्मचारियों को एरियर मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है।
जानिये क्या है फिटमेंट फेक्टर-
बता दें कि फिटमेंट फैक्टर वो मल्टीप्लायर होता है, जिसकी मदद से मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी (new basic salary) को तय कर दिया जाता है। बता दें कि जितना ज्यादा फिटमेंट फैक्टर होता है तो कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में भी उतना ही उछाल आने वाला है। बता दें कि फिटमेंट फैक्टर (fitment factor Update) तय करते समय कई आर्थिक और संस्थागत पहलुओं को देखा जाने वाला है। खासतौर पर इसमें बेसिक पे + ग्रेड पे को आधार बनाकर जरूरी बढ़ौतरी का आकलन किया जाता है।
फिटमेंट फैक्टर का सैलरी पर प्रभाव-
अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपए तक की होती है और फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) 3.86 प्रतिशत तक तय किया जाता है तो फिर इस स्थिति में-
18,000 रुपये × 2.64 प्रतिशत = 69,480 रुपये
इसका मतलब है कि बेसिक सैलरी सीधे बढ़कर 69,480 रुपये तक का हो जाएगा।
अगर मौजूदा बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है तो फिर 50,000 × 2.64 प्रतिशत = 1,93,000 रुपये कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि नई बेसिक सैलरी 1,93,000 रुपये तक पहुंच सकती है। इससे सिर्फ बेसिक नहीं बल्कि कुल कमाई भी बढ़ने वाली है।
इन चीजों पर निर्भर करता है फिटमेंट फैक्टर-
बता दें कि फिटमेंट फैक्टर (fitment factor Update) को तय करने के लिए महंगाई और जीवन-यापन की लागत, CPI और CPI-IW के आंकड़े, सरकार की वित्तीय स्थिति और बजट, कुल वेतन खर्च की सीमा, प्राइवेट सेक्टर से सैलरी की तुलना, इंडस्ट्री सैलरी सर्वे और मार्केट बेंचमार्क को आधार बनाया जाता है।
इतना फिटमेंट फैक्टर होगा तय-
एक्सपर्ट्स ने बताया है कि 3.86 या 4.0 प्रतिशत जैसे आंकड़ों को लेकर कहा जा रहा है कि ये बातें पब्लिक को 'अच्छा फील' कराने के लिए कही जाती हैं, हालांकि इनमें दम नहीं है। उनके अनुसार, 2.64 प्रतिशत ऐसा फिटमेंट फैक्टर है जिससे सरकार को भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए और नीचे के कर्मचारियों को सीधी राहत मिलने वाली है।
