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Haryana से बनेगा 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, दूसरे राज्य के 22 जिलों की बढ़ेगी कनेक्टिविटी

Haryana New Expressway : हरियाणा में प्रगति कार्य लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। बता दें कि यहां पर एक और नया एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 700 किलोमीटर की होगी। इसके अलावा ये एक्सप्रेसवे दूसरे राज्य के 22 जिलों से कनेक्ट होने वाला है। खबर के माध्यम से जानिये हरियाणा में बनने वाले इन एक्सप्रेसवे के बारे में।

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Haryana से बनेगा 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, दूसरे राज्य के 22 जिलों की बढ़ेगी कनेक्टिविटी

HR Breaking News  - (New Expressway in Haryana)। हरियाणा राज्य को अब एक और नए एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है। बता दें कि अब हरियाणा में एक और नये एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण होने की वजह से दूसरे राज्य के अन्य जिलों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से इस एक्सप्रेसवे के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल।


एक्सप्रेसवे का ये है मुख्य उद्देश्य-

हरियाणा में बन रहे इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य पूर्वी उत्तर प्रदेश को हरियाणा जैसे आर्थिक रूप से मजबूत राज्य के साथ कनेक्ट किया जाएगा। हरियाणा के पानीपत में कपड़ा, फर्नीचर, कृषि और पेपर उद्योग की हजारों इकाइयां हैं, जहां पर यूपी के बड़े पैमाने पर लोग रोजगार करते हैं। बता दें कि नया एक्सप्रेसवे बनने की वजह से दोनों राज्यों के बीच व्यापार, परिवहन और रोजगार के मौके में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी।


एनएचएआई ने दी जानकारी-


 
एनएचएआई (NHAI) द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस परियोजना का निर्माण कार्य साल 2026 में शुरू होने वाला है। इस एक्सप्रेसवे पर चार से छह लेन का निर्माण किया जाएगा। इसकी वजह से इसको भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि ये मार्ग सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, सीतापुर, मेरठ, अमरोहा, बरेली और मुरादाबाद जैसे प्रमुख जिलों से होकर गुजरने वाला है। इस एक्सप्रेसवे का अधिकतर हिस्सा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा।


एनएचएआई के उप महाप्रबंधक ने दी जानकारी-

 
एनएचएआई (NHAI) के उप महाप्रबंधक ने जानकारी देते हुए बताया है कि एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे (Access-Controlled Expressway) होने की वजह से इस मार्ग पर दुर्घटनाओं की आशंका में कमी दर्ज की जा रही है क्योंकि अनधिकृत वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इसकी वजह से सड़क सुरक्षा में बड़ा सुधार दर्ज किया जा सकता है।


पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच बनेगा एक्सप्रेसवे-


बता दें कि ये एक्सप्रेसवे (UP Expressway) पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच औद्योगिक संतुलन स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने वाला है। सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, लखनऊ की चिकनकारी और बरेली के बांस-लकड़ी उत्पाद जैसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) उद्योगों को नए बाजारों तक पहुंचने में सुविधा होने वाली है।


डीपीआर को मिली मंजूरी-

DPR में सड़क के संरेखण, भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण सुरक्षा और आवश्यक शर्तों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। अधिकारियों द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक, पेड़ों की कटाई कम से कम करने, यातायात दबाव का आकलन करने और प्रमुख मार्गों को कनेक्ट करने जैसे पहलुओं पर प्राथमिकता दी जाने वाली है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में राज्य सरकार, एनएचएआई को सहयोग प्रदान करेगी।