8th Pay Commission : फिटमेंट फैक्टर ही नहीं, इस फॉर्मूले से बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी, जानिए कितना होगा इजाफा
8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वां वेतन आयोग की मंजूरी के बाद से एक सवाल कर्मचारियों के जहन में रह रहकर आ रहा है कि कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा। कर्मचारियों की सैलरी के लिए क्या फॉर्मूला लगेगा। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में सैलरी संशोधन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर होगा या कोई और भी फॉर्मूला है। तो बता दें कि फिटमेंट फैक्टर के अलावा भी सैलरी बढ़ोतरी का फॉर्मूला लगेगा।

HR Breaking News (8th Pay Commission) : केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में संशोधन होना कन्फर्म है। सरकार ने जनवरी में ही 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देकर वेतन संशोधन को कन्फर्म कर दिया था। फिलहाल 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की प्रक्रिया जारी है। आयोग वेतन की समीक्षा कर इसपर रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को सबमिट करेगा।
किस फॉर्मूले से बढ़ेगी सैलरी
सैलरी बढ़ौतरी के लिए कई मापक कार्य करते हैं। इनमें फिटमेंट फैक्टर एक प्रमुख मापक है। परंतु, 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर तो केवल बेसिक सैलरी पर असर डालेगा। परंतु, ग्रॉस सैलरी में अलग-अलग हिस्से होते हैं। कई अन्य घटक भी सैलरी में शामिल होते हैं, जो सैलरी में इजाफे के लिए जरूरी होते हैं।
फिटमेंट फैक्टर से होगी बंपर बढ़ौतरी
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा की है। 8वें वेतन आयोग का गठन किया जा रहा है, गठन के बाद फिटमेंट फैक्टर से कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा इजाफा हो जाएगा। इससे बेसिक सैलरी तय की जाएगी।
पहले जानिए फिटमेंट फैक्टर से कैसे बढ़ेगी सैलरी
बता दें कि कर्मचारियों की सैलरी के लिए फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक का काम करता है। इसके आधार पर सरकारी कर्मचारियों के बेसिक वेतन और बेसिक पेंशन को रिवाइज किया जाएगा। इस बार उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर के 2.86 रहेगा।
इससे कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर सीधे 51480 रुपये हो जाएगी। यह तो केवल बेसिक सैलरी होगी, ग्रॉस सैलरी के लिए दूसरे फॉर्मूले लगेंगे। आइए जानते हैं कि ग्रॉस सैलरी कैसे तय की जाएगी।
इन फॉर्मूले से भी बढ़ेगी सैलरी
फिटमेंट फैक्टर से तो केवल बेसिक सैलरी तय होगी। जबकि ग्रॉस सैलरी में कई भत्ते भी जुड़े होते हैं। इनकी वजह से सैलरी में बढ़ौतरी होती है। सरकार बढ़ती महंगाई (8th Pay Commission) के साथ कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है। यह फिलहाल हर छह महीने में दिया जाता है, वहीं कर्मचारियों की मांग इस हर महीने या तीन महीने में बढ़ाने की है। अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों की सैलरी हर महीने भी बढ़ सकती है।
इसी प्रकार कर्मचारियों के लिए हाऊस रेंट अलाउं, टीए, टीसी आदि भी मिलता है। जिसका असर भी सैलरी पर होता है। वहीं, बेसिक सैलरी में अगर दो से ढाई गुणा की बढ़ौतरी होती है तो कर्मचारियों की ग्रॉस सैलरी (8th Pay Commission) में इजाफा इतना नहीं होगा, क्योंकि महंगाई भत्ता जीरो हो जाएगा तो ग्रॉस सैलरी की तुलना में बढ़ौतरी 20 से 30 प्रतिशत ही हो सकती है।
समझते हैं उदाहरण के साथ
इससे पहले 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 बना था। इससे बेसिक सैलरी 7 हजार रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुई थी। वहीं, कर्मचारियों की सैलरी में वास्तविक बढ़ोतरी इतनी नहीं हुई थी। लेवल 1 से 3 के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में औसतन केवल 15 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई थी। इसी प्रकार 8वें वेतन आयोग में भी देखने को मिल सकता है।