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8th Pay Commission : लग गया पता, सरकारी कर्मचारियों को सैलरी बढ़ौतरी का सबसे बड़ा तोहफा, डबल से ज्यादा होगा वेतन

8th Pay Commission Salary Hike : केंद्र सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया है। जारी किये गए अपडेट के मुताबिक अब सरकार कर्मचारियों की सैलरी में शानदार बढ़ौतरी करने वाली है। इसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा उछाल देखने को मिलेगा। ऐसे में 8वें वेतन आयोग (8th pay commission latest update) के तहत सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को डबल से भी ज्यादा कर दिया जाएगा। खबर में जानिये इस बारे में पूरी डिटेल।

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8th Pay Commission : लग गया पता, सरकारी कर्मचारियों को सैलरी बढ़ौतरी का सबसे बड़ा तोहफा, डबल से ज्यादा होगा वेतन

HR Breaking News - (8th pay commission update)। केंद्र सरकार अब जल्द ही कर्मचारियों के लिए नए वेतन आयोग को लागू करने वाली है। इस वेतन आयोग के लागू होते ही कर्मचारियों की सैलरी (salary hike in 8th CPC) में बढ़ौतरी समेत उन्हें कई अन्य भत्तों का लाभ भी होगा। इसके अलावा इसकी वजह से कर्मचारियों को कई अन्य भत्तों का लाभ भी होगा। वेतन में बढ़ौतरी होने के साथ ही पेंशनर्स की पेंशन में भी शानदार तेजी देखने को मिलेगी। आइए विस्तार से जानते हैं 8वें वेतन आयोग से जुड़े अपडेट के बारे में।

8वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की इतनी बढ़ेगी सैलरी-


केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग (pay revision) के गठन का ऐलान कर दिया है। हालांकि इस वेतन आयोग के गठन (8th pay commission) को ऐलान होने के बाद से लेकर अभी तक इसपर सरकार ने किसी तरह का कोई फैसला नहीं सुनाया है। 8वें वेतन आयोग (8th CPC ka gathan kab hoga) का उद्देश्य केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों की सैलरी और 65 लाख पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन करना है। इसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में शानदार वृद्धि देखने को मिलेगी।

8वें वेतन आयोग में मिलेगा इतना फिटमेंट फैक्टर-


हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक 8वें वेतन आयोग के तहत सरकार कर्मचारियों (Update for employees) के लिए फिटमेंट फैक्टर को 1.92 से लेकर 2.86 के बीच रख सकती है। अगर सरकार कर्मचारियों के लिए 2.86 प्रतिशत के हिसाब से फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी दे देती है तो इसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में शानदार उछाल देखने को मिलेगा। इसकी वजह से कर्मचारियों (8CPC kab lagu hoga) की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये प्रति माह तक हो जाएगी। इसके अलावा कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन भी 9 हजार रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक हो सकती है।

7वां वेतन आयोग 


केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन फरवरी 2014 में किया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को नवंबर 2016 में लागू कर दिया गया। 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये थी। वहीं अगर अधिकतम वेतन के बारे में बात करें तो इसे 2,50,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से तय किया गया था। इस आयोग (7th CPC salary hike) ने ग्रेड पे सिस्टम को हटाकर नए वेतन मैट्रिक्स की सिफारिश को लागू कर दिया गया था। इसके अलावा कर्मचारियों के भत्तों में सुधार और कर्मचारियों के वर्क-लाइफ बैलेंस पर भी जोर दिया जाएगा। इसकी वजह से 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनभोगियों को इसकी वजह से लाभ होगा।

6वां वेतन आयोग 


केंद्र सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) का गठन अक्टूबर 2006 में किया गया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को मार्च 2008 में लागू कर दिया गया था। इस वेतन आयोग में सरकार ने कर्मचारियों के लिए पे बैंड और ग्रेड पे की शुरुआत कर दी थी। इसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन को भी 7,000 रुपये कर दिया था। इसके अलावा कर्मचारियों की अधिकतम वेतन (salary in 6th CPC) को 80,000 रुपये के हिसाब से तय किया गया था। इस वेतन आयोग में परफॉर्मेंस आधारित इंसेंटिव को लागू करने की भी सिफारिश की गई थी। इसकी वजह से लगभग 60 लाख कर्मचारी लाभान्वित हुए।

5वां वेतन आयोग 


5वें वेतन आयोग का गठन (5th Pay Commission) अप्रैल 1994 मे किया गया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को जनवरी 1997 में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन के रुप में 2,550 रुपये दिये जाते थे। वहीं अगर अधिकतम सैलरी के बारे में बात करें तो ये 26,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से तय की गई थी। वेतन आयोग (5th Pay Commission history) में सरकारी दफ्तरों को आधुनिक बनाने और वेतन ढांचे को सरल करने की सिफारिशों को लागू किया गया था। इसकी वजह से लगभग 40 लाख सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ हुआ।

चौथा वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने चौथा वेतन आयोग (4th Pay Commission) का गठन सितंबर 1983 में किया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को दिसंबर 1986 को लागू किया गया था। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 750 रुपये तय किया गया था। वहीं अगर अधिकतम सैलरी के बारे में बात करें तो इसे 8,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से तय किया गया था। इस वेतन आयोग (4th pay commission salary) में कई पदों के बीच वेतन की असमानता को दूर करने और परफॉर्मेंस लिंक्ड पे स्ट्रक्चर की शुरुआत करने की सिफारिशों को लागू किया गया था। इसके अलावा इस वेतन आयोग की वजह से 35 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा हुआ था।

तीसरा वेतन आयोग-


तीसरे वेतन आयोग को केंद्र सरकार ने अप्रैल 1970 में गठित किया था। इसके बाद इस वेतन आयोग (3rd CPC kab lagu hua tha) को मार्च 1973 में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 185 प्रतिशत और अधिकतम सैलरी को 3,500 प्रतिशत प्रति माह के हिसाब से निर्धारित कर दिया गया था। इस वेतन आयोग (maximum salary in 3rd CPC) में सरकारी और निजी क्षेत्र के वेतन में समानता लाने पर काम किया जा रहा था। इसके अलावा वेतन के ढांचे में असमानता को भी कम करने पर इस वेतन आयोग में काम किया जा रहा था। इस वेतन आयोग की वजह से लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारी को लाभ हुआ था।

दुसरा वेतन आयोग-


अगर दुसरे वेतन आयोग (2nd Pay Commission) के बारे में बात करें तो इसका गठन अगस्त 1957 में किया गया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को अगस्त 1959 में लागू कर दिया गया था। इस वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए महंगाई और अर्थव्यवस्था के संतुलन बनाएं रखने पर ध्यान देना था। इस वेतन आयोग में कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन (minimum salary in 2nd CPC) को 80 रुपये के हिसाब से तय किया गया था। वहीं अगर अधिकतम वेतन के बारे में बात करें तो इसे 3,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से तय किया गया था। इस वेतप आयोग में ‘समाजवादी संरचना’ की अवधारणा को सामने रखा गया था। इसकी वजह से लगभग 25 लाख कर्मचारी को लाभ हुआ था।

पहला वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने पहले वेतन आयोग (1st Pay Commission) का गठन मई 1946 में किया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को मई 1947 में लागू कर दिया गया था। भारत की आजादी के बाद पहला वेतन आयोग था, जिसमें कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 55 रुपये थी। वहीं अधिकतम सैलरी (maximum salary in 1st CPC) के बारे में बात करें तो ये 2000 प्रति माह तय किया गया। इस आयोग ने ‘लिविंग वेज’ (जीविका योग्य वेतन) की अवधारणा को पेश किया गया था। इसकी वजह से लगभग 15 लाख सरकारी कर्मचारियों को इससे लाभ हुआ था।